भारतीय न्याय संहिता 107 क्या है? – Bharatiya Nyaya Sanhita 107 in Hindi & English

Bharatiya Nyaya Sanhita 107 in Hindi – BNS 107 in Hindi

हत्या करने का प्रयत्न – (1) जो कोई किसी कार्य को ऐसे आशय या ज्ञान में और ऐसी परिस्थितियों में करेगा कि यदि वह उस कार्य द्वारा मृत्यु कारित कर देता तो वह हत्या का दोषी होता, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा, और यदि ऐसे कार्य द्वारा किसी व्यक्ति को उपहति कारित हो जाए, तो वह अपराधी या तो आजीवन कारावास से या ऐसे दण्ड से दण्डनीय होगा, जैसा एतस्मिनपूर्व वर्णित है।

(2) जब इस धारा में वर्णित अपराध करने वाला कोई व्यक्ति आजीवन कारावास के दण्डादेश के अधीन हो, तब यदि उपहति कारित हुई हो तो वह मृत्यु से दण्डित किया जा सकेगा।

दृष्टांत-

  • (क) य का वध करने के आशय से क उस पर ऐसी परिस्थितियों में गोली चलाता है कि यदि मृत्यु हो जाती, तो क हत्या का दोषी होता। क इस धारा के अधीन दण्डनीय है।
  • (ख) क कोमल वयस के शिशु की मृत्यु करने के आशय से उसे एक निर्जन स्थान में अरक्षित छोड़ देता है। क ने उस धारा द्वारा परिभाषित अपराध किया है, यद्यपि परिणामस्वरूप उस शिशु की मृत्यु नहीं होती।
  • (ग) य की हत्या का आशय रखते हुए क एक बन्दूक खरीदता है और उसको भरता है। क ने अभी तक अपराध नहीं किया है। य पर क बन्दूक चलाता है। उसने इस धारा में परिभाषित अपराध किया है, यदि इस प्रकार गोली मार कर वह य को घायल कर देता है, तो वह इस धारा के प्रथम पैरे के पिछले भाग द्वारा उपबन्धित दण्ड से दण्डनीय है।
  • (घ) विष द्वारा य की हत्या करने का आशय रखते हुए क विष खरीदता है, और उसे उस भोजन में मिला देता है, जो क के अपने पास रहता है, क ने इस धारा में परिभाषित अपराध अभी तक नहीं किया है। क उस भोजन को य की मेज पर रखता है, या उसको य की मेज पर रखने के लिए य के सेवकों को परिदत करता है। क ने इस धारा में परिभाषित अपराध किया है।

Bharatiya Nyaya Sanhita 107 in English – BNS 107 in English

Attempt to murder- (1) Whoever does any act with such intention or knowledge, and under such circumstances that, if he by that act caused death, he would be guilty of murder, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to ten years, and shall also be liable to fine; and if hurt is caused to any person by such act, the offender shall be liable either to imprisonment for life, or to such punishment as is here in before mentioned.

(2) When any person offending under sub-section (1) is under sentence of imprisonment for life, he may, if hurt is caused, be punished with death or with imprisonment for life, which shall mean the remainder of that person’s natural life.

Illustrations-

  • (a) A shoots at Z with intention to kill him, under such circumstances that, if death ensued A would be guilty of murder. A is liable to punishment under this section.
  • (b) A, with the intention of causing the death of a child of tender years, exposes it in ad esert place. A has committed the offence defined by this section, though the death of the child does not ensue.
  • (c) A, intending to murder Z, buys a gun and loads it. A has not yet committed the offence. A fires the gun at Z. He has committed the offence defined in this section, and, if by such firing he wounds Z, he is liable to the punishment provided by the latter part of the first paragraph of this section.
  • (d) A, intending to murder Z by poison, purchases poison and mixes the same with food which remains in A’s keeping; A has not yet committed the offence defined in this section. A places the food on Z’s table or delivers it to Z’s servants to place it on Z’s table. A has committed the offence defined in this section.
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About Advocate Ashutosh Chauhan

मेरा नाम Advocate Ashutosh Chauhan हैं, मैं कोर्ट-जजमेंट (courtjudgement) वेबसाईट का Founder & Author हूँ। मुझे लॉ (Law) के क्षेत्र में 10 साल का अनुभव है। इस वेबसाईट को बनाने का मेरा मुख्य उद्देश्य आम लोगो तक कानून की जानकारी आसान भाषा में पहुँचाना है। अधिक पढ़े...