भारतीय न्याय संहिता 110 क्या है? – Bharatiya Nyaya Sanhita 110 in Hindi & English

Bharatiya Nyaya Sanhita 110 in Hindi – BNS 110 in Hindi

छोट संगठित अपराध या समान्यतः संगठित अपराध- (1) कोई अपराध, जो नागरिकों के बीच यान चोरी या यान से या घरेलू चोरी, कारवार चोरी, छल-कपट से चौरी, स्थोरा चौरी चौरी चौरी, वैयक्तिक संपति की चोरी का प्रयास) संगठित जेब कतरना, चेन छीनना, दुकान तोड़कर चोरी या कार्ड स्कीमिंग और स्वचालित टेलर मशीन की चौरी या लोक परिवहन प्रणाली से विधिविरुद्ध रीति से धन का उपापन या टिकटों का अवैध विक्रय या लोक परीक्षा के प्रश्नपत्रों का विक्रय से संबंधित असुरक्षा की साधारण भावना कारित करता है और संगठित अपराध समूहों या टोली द्वारा कारित संगठित अपराध का कोई अन्य सामान्य प्ररूप छोटे संगठित अपराधों का गठन करेगा।

(2) जो कोई उपधारा (1) के अधीन कोई छोटा संगठित अपराध कारित करता है या कारित करने का प्रयत्न करता है, वह ऐसी अवधि के कारावास से दंडनीय होगा, जो एक वर्ष से कम नहीं होगा, किंतु सात वर्ष तक हो सकेगा और जुर्माने के लिए भी दायी होगा।

Bharatiya Nyaya Sanhita 110 in English – BNS 110 in English

Petty organised crime or organised crime in general- (1) Any crime that causes general feelings of insecurity among citizens relating to theft of vehicle or theft from vehicle, domestic and business theft, trick theft, cargo crime,theft (attempt to theft, theft of personal property), organised pick pocketing, snatching, theft through shoplifting or card skimming and Automated Teller Machine thefts or procuring money in unlawful manner in public transport system or illegal selling of tickets and selling of public examination question papers and such other common forms of organised crime committed by organised criminal groups or gangs, shall constitute petty organised crimes and shall include the said crimes when committed by mobile organised crime groups or gangs that create network of contacts, anchor points, and logistical support among themselves to carry out number of offences in region over a period before moving on.

(2) Whoever commits or attempts to commit any petty organised crime, under sub-section (1) shall be punished with imprisonment for a term which shall not be less than one year but which may extend to seven years, and shall also be liable to fine.

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About Advocate Ashutosh Chauhan

मेरा नाम Advocate Ashutosh Chauhan हैं, मैं कोर्ट-जजमेंट (courtjudgement) वेबसाईट का Founder & Author हूँ। मुझे लॉ (Law) के क्षेत्र में 10 साल का अनुभव है। इस वेबसाईट को बनाने का मेरा मुख्य उद्देश्य आम लोगो तक कानून की जानकारी आसान भाषा में पहुँचाना है। अधिक पढ़े...