भारतीय न्याय संहिता 122 क्या है? – BNS 122 in Hindi

दोस्तों, आज के आर्टिकल में हम बात करने जा रहे है, BNS 122 की यानिकि भारतीय न्याय संहिता की धारा 122 क्या है? ये किस अपराध में लगायी जाती है? BNS 122 को “अम्ल आदि का प्रयोग करके स्वेच्छया घोर उपहति कारित करने” पर लगायी जाती है। तो चलिए इसकी डेफिनेशन और सजा के बारे में जानते है।

BNS 122 in Hindi
BNS 122 in Hindi

भारतीय न्याय संहिता 122 क्या है?- BNS 122

अम्ल आदि का प्रयोग करके स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना- (1) जो कोई किसी व्यक्ति के शरीर के किसी भाग या किन्हीं भागों को उस व्यक्ति पर अम्ल फैककर या उसे अम्ल देकर या किन्हीं अन्य साधनों का प्रयोग करके, ऐसा कारित करने के आशय या ज्ञान से कि संभाव्य है उनसे ऐसी क्षति या उपहति कारित हो, स्थायी या आंशिक नुकसान कारित करेगा या अंगविकार करेगा या जलाएगा या विकलांग बनाएगा या विदूषित करेगा या निःशक्त बनाएगा या घोर उपहति कारित करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष से कम की नहीं होगी किंतु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

परंतु ऐसा जुर्माना पीड़ित के उपचार के चिकित्सीय खर्चो को पूरा करने के लिए न्यायोचित और युक्तियुक्त होगा

परंतु यह और कि इस धारा के अधीन अधिरोपित कोई जुर्माना पीड़ित को संदत्त किया जाएगा।

(2) जो कोई किसी व्यक्ति को स्थायी या आंशिक नुकसान कारित करने या उसका अगविकार करने या जलाने या विकलांग बनाने या विदूषित करने या निःशक्त बनाने या चौर उपहति कारित करने के आशय से उस व्यक्ति पर अम्ल फेंकेगा या फेंकने का प्रयत्न करेगा या किसी व्यक्ति को अम्ल देगा या अम्ल देने का प्रयत्न करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो सात वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

  • स्पष्टीकरण 1:- इस धारा के प्रयोजनों के लिए “अम्ल” में कोई ऐसा पदार्थ सम्मिलित है जो ऐसे अम्लीय या संक्षारक स्वरूप या ज्वलन प्रकृति का है, जो ऐसी शारीरिक क्षति करने योग्य है, जिससे क्षतचिहन बन जाते हैं या विद्रूपता या अस्थायी या स्थायी निःशक्तता हो जाती है।
  • स्पष्टीकरण 2:- इस धारा के प्रयोजनों के लिए स्थायी या आंशिक नुकसान या अंगविकार का अपरिवर्तनीय होना आवश्यक नहीं होगा ।

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डिस्क्लेमर- यह जानकारी केवल शिक्षा और लोगो को जागरूक करने के लिए है। कृपया किसी भी कानूनी कार्रवाई से पहले अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।

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About Advocate Ashutosh Chauhan

मेरा नाम Advocate Ashutosh Chauhan हैं, मैं कोर्ट-जजमेंट (courtjudgement) वेबसाईट का Founder & Author हूँ। मुझे लॉ (Law) के क्षेत्र में 10 साल का अनुभव है। इस वेबसाईट को बनाने का मेरा मुख्य उद्देश्य आम लोगो तक कानून की जानकारी आसान भाषा में पहुँचाना है। अधिक पढ़े...