भारतीय न्याय संहिता 123 क्या है? – BNS 123 in Hindi

दोस्तों, आज के आर्टिकल में हम बात करने जा रहे है, BNS 123 की यानिकि भारतीय न्याय संहिता की धारा 123 क्या है? ये किस अपराध में लगायी जाती है? BNS 123 को “दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कार्य” करने पर लगायी जाती है। तो चलिए इसकी डेफिनेशन और सजा के बारे में जानते है।

BNS 123 in Hindi
BNS 123 in Hindi

भारतीय न्याय संहिता 123 क्या है?- BNS 123

दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कार्य- जो कोई इतने उतावलेपन या उपेक्षा से कोई कार्य करेगा कि उससे मानव जीवन या दूसरों का वैयक्तिक क्षेम संकटापन्न होता हो, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास सै, जिसकी अवधि तीन मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो ढाई सौ रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा, परंतु –

  • (क) जहां उपहति कारित की जाती है, दोनों में से किसी भांति के कारावास, जो छह मास तक हो सकेगा या जुर्माने से पांच हजार तक हो सकेगा या दोनों से दंडनीय होगा;
  • (ख) जहां घोर उपहति कारित की जाती है. दोनों में से किसी भांति के कारावास, जो तीन मास तक हो सकेगा या जुर्माने से दस हजार तक हो सकेगा या दोनों से दंडनीय होगा ।

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डिस्क्लेमर – यह जानकारी केवल शिक्षा और लोगो को जागरूक करने के लिए है। कृपया किसी भी कानूनी कार्रवाई से पहले अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।

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About Advocate Ashutosh Chauhan

मेरा नाम Advocate Ashutosh Chauhan हैं, मैं कोर्ट-जजमेंट (courtjudgement) वेबसाईट का Founder & Author हूँ। मुझे लॉ (Law) के क्षेत्र में 10 साल का अनुभव है। इस वेबसाईट को बनाने का मेरा मुख्य उद्देश्य आम लोगो तक कानून की जानकारी आसान भाषा में पहुँचाना है। अधिक पढ़े...