IPC 312 in Hindi – भारतीय दंड संहिता की धारा 312 गर्भपात के अनैतिक कार्य से सम्बन्धित है। हम आप को इस आर्टिकल मे IPC Dhara 312 in Hindi के बारे मे पुरी जानकारी देने वाले है। इसलिए आप लोग हमारे साथ इस आर्टिकल मे पुरा अंत तक बने रहे और जाने की यह धारा कब लगती है, इसमें सजा का प्रावधान, जमानत का प्रावधान और इसमें वकील की भूमिका क्या है? आपके अनेको सवालों के जवाब इस आर्टिकल मे मिल जाएंगे। आप हमारे साथ अंत तक बने रहे।
भारतीय दंड संहिता की धारा 312 के अनुसार-
गर्भपात कारित करना- “जो भी कोई व्यक्ति गर्भवती स्त्री का स्वेच्छा पूर्वक गर्भपात कारित करेगा, यदि ऐसा गर्भपात उस स्त्री का जीवन बचाने के प्रयोजन से सद्भावपूर्वक, कारित न किया जाए तो ऐसे अपराधी को कारावास या जुर्माने याफिर दोनों से दण्डित किया जायेगा, कारावास की अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, और यदि वह स्त्री स्पन्दन-गर्भा हो, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और साथ में जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।”
स्पष्टीकरण- जो स्त्री स्वंय अपना गर्भपात कारित करती है, वह भी इस धारा के अन्तर्गत आती है।
दोस्तों, ये कानूनी डेफिनेशन थी इसको हम सरल शब्दों का प्रयोग करके समझाने की कोशिश करते है।
IPC 312 क्या है और इसको कब लगाया जाता है?
IPC की धारा 312 मे कठोर सजा का प्रावधान है। यह धारा ऐसे लोगो के ऊपर लगायी जाती है जो स्वेच्छा से गर्भवती स्त्री का गर्भपात कराते है उन लोगो के किये गये प्रयास या कार्य से किसी महिला का गर्भापत हो जाता है। तब इस धारा के तहत माननीय न्ययालय अपराधी को दण्डित करता है। इसमें ऐसा नहीं की पुरुष को ही अपराधी माना जायेगा अगर स्त्री स्वयं अपना गर्भपात कारित करती है, तब वह भी इस धारा के अंतर्गत आएगी।
दोस्तों, पहले के समय में लोग बहुत ज्यादा गर्भपात कराते थे जिससे अजन्मे बच्चो की हत्या कर दी जाती थी इस धारा का मुख्य उद्देश्य ये ही है की अजन्मे बच्चो की हत्या पर रोक लगायी जा सके।
IPC 312 के मामलो में कितनी सजा होती है?
IPC 312 का उदेश्य गर्भापत के बढ़ते मामलो को रोकना है। इसलिए इस धारा में दो प्रकार की सजा का उल्लेख किया गया है। इसमें अपराधी को 3 वर्ष तक का कारावास या जुर्माना याफिर दोनों लगा के दण्डित करने का प्रावधान है। “अगर औरत बच्चे के साथ जल्दी हो” तो ऐसे में अपराधी को 7 वर्ष तक का कारावास व जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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गर्भपात कारित करना | 3 साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों | यह धारा असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में आती है। | यह जमानतीय अपराध है | यह प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। |
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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अगर औरत बच्चे के साथ जल्दी हो | 7 साल तक की सजा और जुर्माना | यह धारा असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में आती है। | यह जमानतीय अपराध है | यह प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। |
IPC 312 में जमानत का प्रावधान क्या है?
IPC 312 को जामानतीय अपराध की श्रेणी मे रखा गया है। इसलिए इस धारा में जमानत मिलना आसान हो जाता है। लेकिन इसमें जमानत लेने के लिए आपको एक वकील की आवश्यकता होगी जो आप को जमानत दिलाने मे आपकी मदद करेगा। अगर आपको लग रहा है की मेरे पर इस धारा के तहत FIR होने वाली है तो आप अग्रिम जमानत भी करवा सकते है।
IPC 312 मे वकील की क्या भूमिका है?
IPC धारा 312 मे वकील की अहम भूमिका होती है। जो कुछ इस प्रकार है-
- केस से जुड़ी हुई सभी तरह की कानूनी जानकारी देता है।
- वकील आप की तरफ से कोर्ट मे आपकी बात रखता है।
- वकील आप की तरफ से कोर्ट मे जिरह करता है।
- जमानत दिलवाने का काम करता है।
- वकील आपको केस से बरी करवाने का काम करता है।
इसलिए इस धारा मे वकील की अहम भूमिका होती है।
NOTE- भ्रूण हत्या को पाप माना जाता है। और इसे भारतीय दंड संहिता भी गैरकानूनी घोषित करता है। इसलिए ऐसा घिनोना काम करना सही नहीं है।
संबधित सवाल जवाब – FAQs
प्रश्न:- IPC Section 312 क्या है?
उत्तर: IPC Section 312 भारतीय दण्ड संहिता की धारा है जो स्वेच्छा पूर्वक गर्भपात करने वाले व्यक्ति को दंडित करने के लिए लगायी जाती है।
प्रश्न:- IPC Section 312 के तहत गर्भपात करने वाले को कौन-कौन से दंड से दण्डित किया जा सकता है?
उत्तर: IPC Section 312 के तहत, गर्भपात करने वाले को कैद और जुर्माने का प्रावधान हो सकता है, जो कानूनी प्रक्रिया के अनुसार निर्धारित किया जाता है। यदि व्यक्ति ने स्वेच्छा पूर्वक गर्भपात कराया है तो उसे 3 साल या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। “अगर औरत बच्चे के साथ जल्दी हो” तो ऐसे में अपराधी को 7 वर्ष तक की सजा व जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है।
प्रश्न:- IPC Section 312 के तहत किसी को दंडित करने के लिए क्या-क्या सबूत चाहिए?
उत्तर: IPC Section 312 के तहत, गर्भपात करने वाले के खिलाफ दंडात्मक कदम उठाने के लिए कुशल चिकित्सक की रिपोर्ट, मरने वाले शिशु के संगर्भ की मौत की पुष्टि, और अन्य संबंधित साकारात्मक सबूतों की आवश्यकता हो सकती है।
प्रश्न:- कानून के तहत किस प्रकार के गर्भपात को सुरक्षित माना जा सकता है?
उत्तर: किसी भी चिकित्सक द्वारा सलाह दी जाने वाली जैसे स्त्री की सेहत और जान को खतरा हो। जो स्थानीय कानूनों और निर्देशों के अनुसार होता है।
प्रश्न:- IPC Section 312 में कंप्लेंट कैसे दर्ज की जा सकती है?
उत्तर: IPC Section 312 की कंप्लेंट दर्ज कराने के लिए व्यक्ति को स्थानीय पुलिस स्टेशन या न्यायालय में याचिका दर्ज करनी होगी।
प्रश्न:- क्या IPC Section 312 में समझौता किया जा सकता है?
उत्तर: अगर पीड़ित स्त्री (जिसका गर्भपात हुआ है) समझौता करने के लिए मान जाती है तो IPC Section 312 में समझौता किया जा सकता है।
प्रश्न:- IPC Section 312 के मामलो की सुनवाई किस न्यालय में की जा सकती है?
उत्तर: ऐसे मामलो की सुनवाई प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है।