बहुत से लोगों की आदत होती है दूसरों के कामों में टांग अड़ाना लेकिन इसे भारतीय दंड संहिता के अनुसार अपराध माना जाता है। आप इस आर्टिकल में दूसरों के काम में रुकावट करना जैसे अपराध के बारे में जानेंगे और साथ में ऐसे अपराध के लिए क्या सजा मिलेगी? ये भी जानेंगे। तो साथियो आज हम बात करने वाले है IPC 341 in Hindi के बारे में।
IPC 341 in Hindi – यह धारा कब लगती है?
आईपीसी के सेक्शन 341 के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को उसके निजी काम मे बाधा डालने का काम करता है, और बार बार उसके काम में अवरोध पैदा करता है, तो ऐसे लोगो के लिए भारतीय दंड संहिता की इस धारा के तहत मुकदमा दायर करके उसके खिलाफ कानूनी कारवाई की जाती है।
ऐसे बहुत से लोग होते है, जो हमेशा दुसरो के काम मे अड़चने डालते रहते है, या उसके खिलाफ कोई साजिश करते रहते है। यह भी एक जुर्म है, और भारतीय दंड संहिता में ऐसा करने पर सजा का भी प्रावधान है।
सदोष अवरोध का उदाहरण
एक कस्बे में दिनेश नाम का युवक रहता था वह काफी सीधा-साधा और खुश दिल किस्म का इंसान था। वह अपने काम से ही मतलब रखता था और दूसरे लोगो से भी अच्छे से मिलता जुलता था। उसके पड़ोस में सोनू नाम का युवक रहता था जो दिनेश से बहुत जलन की भावना रखता था।
एक दिन जब दिनेश अपने घर का काम करवाने के लिए बिल्डिंग मटेरियल का सामान मंगवाया तब जलन में सोनू दिनेश से आकर बिना मतलब की बातें करके झगड़ा करने लगा सोनू का मकसद यह था कि इसके घर का काम शुरू न होने पाए।
लेकिन दिनेश सोनू की मनसा को समझ गया और पुलिस को फोन करके अपने घर बुला लिया। पुलिस ने सोनू को दिनेश के काम में अड़ंगा डालने के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया और सोनू के ऊपर यह धारा लगायी गयी।
सदोष अवरोध करने पर सजा का क्या प्रावधान है?
आप लोग यह तो समझ ही गए की ये धारा कब लगती है, जो भी व्यक्ति किसी दूसरे के काम में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न करता है तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 341 लगायी जाती है। इसे गैर कानूनी अपराध की श्रेणी में रखा गया हैं।
जो भी व्यक्ति इस तरह के अपराध करता है, तो अपराधी व्यक्ति के ऊपर एक महीने की जेल और ₹500 जुर्माना लगाया जाता है।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
---|---|---|---|---|
किसी दूसरे व्यक्ति के कार्य में रुकावट पैदा करना। | 1 महीने की जेल और ₹500 जुर्माना। | इसे संज्ञेय अपराध के श्रेणी में रखा गया है। | धारा 341 एक जमानती अपराध है, इसमें जमानत मिल जाती है। | किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा। |
सदोष अवरोध के केस में जमानत कैसे मिलती हैं?
भारतीय दंड संहिता की धारा 341 एक जमानती अपराध होता है। इसमें आरोपी व्यक्ति को जमानत आसानी से मिल सकती है। इसमें जमानत लेने के लिए आपको एक वकील की भी जरूरत पड़ेगी जो आपको कानूनी सलाह देगा और आपकी जमानत दिलवाने में भी मदद करेगा।
इस धारा को संज्ञेय अपराध की श्रेणी मे रखा गया है। संज्ञेय (Cognizable) का मतलब होता है, कि पुलिस बिना वारंट के आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लेती है।
इसमें समझौता नहीं किया जा सकता है। क्योंकि यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
सदोष अवरोध के केस से कैसे बचे?
भारत में सभी लोगों को स्वतंत्रता का अधिकार मिला हुआ है, जिससे हर एक व्यक्ति स्वतंत्र है। लेकिन जब कोई भी दूसरा व्यक्ति किसी के कार्यों में बार-बार बाधा उत्पन्न करता है, तब वह धारा 341 का आरोपी बन जाता है। इस धारा से हमेशा बचना चाहिए और किसी के काम में अवरोध पैदा नहीं करना चाहिए।
- जब कोई व्यक्ति अपने किसी निजी काम से कहीं जा रहा हो तो उसे रोकना टोकना नहीं चाहिए अगर उस व्यक्ति का काम आपके अवरोध से बाधित होता है तो आपके ऊपर इस धारा के तहत कार्रवाई हो सकती है। इसलिए ऐसा करने से बचना चाहिए।
- सरकारी कार्यो मे भी बाधा कभी नही डालनी चाहिए बहुत बार लोग सरकारी कर्मचारी के कार्यो मे बाधा डालते है, तो ऐसे लोगो के खिलाफ इस धारा के तहत कारवाई हो सकती है।
- अगर आप पर कंप्लेंट दर्ज हो गयी है तो पुलिस के समक्ष अपना पक्ष रखे। और उनको सही सही बात बताये।
- अगर आप निर्दोष है तो घबराए नहीं धीरज से काम ले और अपने सारे सबूत इखट्टा करे। उन सबूतों को पुलिस के समक्ष रखे।
- यदि आपके पास कोई भी संदेह है या आपको किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता है, तो कानूनी सलाह लेने के लिए किसी वकील से संपर्क करे। वे आपको आपके मामले में मार्गदर्शन देंगे।
FAQs:-
प्रश्न:- किसी दूसरे व्यक्ति के कार्य में रुकावट पैदा करने पर कौन सी धारा लगती है?
उत्तर:- दूसरे व्यक्ति के कार्य में रुकावट पैदा करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 341 लगायी जाती है।
प्रश्न:- धारा 341 के उल्लंघन पर क्या सजा हो सकती है?
उत्तर:- धारा 341 के उल्लंघन पर 1 महीने की जेल व ₹500 का जुर्माना या दोनों हो सकते है।
प्रश्न:- क्या मैं धारा 341 के तहत अपराधी के खिलाफ कानूनी कदम उठा सकता हूँ?
उत्तर:- हां, आप धारा 341 के तहत अपराधी के खिलाफ कानूनी कदम उठा सकते हैं। यदि आपको लगता है, कि कोई व्यक्ति आपके कार्य में रुकावट पैदा कर रहा है, तो पुलिस से संपर्क करें और कानूनी प्रक्रिया का पालन करें।