IPC 384 in Hindi- उद्दापन के लिए दण्ड- जमानत, और बचाव

IPC 384 in Hindi:- आप लोगों ने बहुत सी बॉलीवुड मूवी में यह सीन जरूर देखा होगा कि जब कोई गुंडा किसी दूसरे साधारण व्यक्ति को अपनी ताकत दिखाकर और डरा धमका कर उसकी मूल्यवान चीज या पैसों को लूट लेता है तो इस तरह के जितने भी अपराध आप लोग देखते हैं वह सभी अपराध भारतीय दंड संहिता की इस धारा  के अंतर्गत आते है।

IPC (भारतीय दंड संहिता) की धारा 384 के अनुसार:-

उद्दापन के लिए दण्ड:- “जो कोई उद्दापन करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसके अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।”

ऊपर जो डेफिनेशन दी गयी है, वो कानूनी भाषा में दी गयी है, शायद इसको समझने में परेशानी आ रही होगी। इसलिए इसको मैं थोड़ा सिंपल भाषा का प्रयोग करके समझाने की कोशिश करता हूँ।

IPC 384 in Hindi–

भारतीय दंड संहिता के अनुसार धारा 384 में जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को मॄत्यु या गंभीर आघात के भय में डालकर जबरदस्ती वसूली करता है तब अपराधिक व्यक्ति के ऊपर इस धारा के तहत मुकदमा दायर करके उसे दंडित किया जाता है। आपने बहुत से लोगों को भी देखा होगा जो अपने शारीरिक बल के इस्तेमाल से दूसरे साधारण व्यक्तियों को पैसों के लालच में हमेशा डराने धमकाने का कार्य करते रहते हैं जो कि ऐसा करना अपराध की श्रेणी में आता है तब आरोपी व्यक्ति के ऊपर इस धारा  के तहत मुकदमा दायर होता है और उसे दंडित किया जाता है।

यह धारा कब लगायी जाती है?

इसके बारे में जानना हर भारतीय नागरिक को जरूरी है क्योंकि जब किसी व्यक्ति के ऊपर धारा 384 का आरोप लगता है तब इस धारा को लगाने की कुछ शर्तें होती हैं जिनके बारे में अब आप जानेंगे जो इस प्रकार से हैं-

  1. धमकाना: जब आरोपी पीड़ित व्यक्ति से अपनी बात मनवाने के लिए उसे डरता धमकता है और आरोपी का पूरा ध्यान पीड़ित व्यक्ति से धन और मूल्यवान वस्तु की मांग करना होता है तब आरोपी व्यक्ति के ऊपर इस धारा के तहत मुकदमा दायर होता है।
  2. वसूली: जबरन वसूली करना भी गैर कानूनी कार्य है और इस तरह के कार्य करने वाले आरोपी के ऊपर भी इस धारा के तहत मुकदमा दायर होता है।

उदाहरण-

एक साधारण किसान जिसका नाम राजेश था वह अपने घर से 15 किलोमीटर दूर बैंक से पैसे निकालने गया था और राजेश बैंक में जाकर ₹20,000 का निकासी फार्म भरता है। वहां कुछ बदमाश जो पहले से बैंक में मौजूद थे वह अपनी निगाहें राजेश के ऊपर जमा देते हैं।

जब राजेश पैसे को लेकर बैंक से निकलता है तो आगे कुछ बदमाश सुनसान जगह देखकर राजेश को रोक लेते हैं और डराने धमकाने लगते हैं । राजेश को जान से मारने की धमकियां भी देने लगते हैं तभी बदमाशों ने राजेश के पैसे भरे बैग को छीन कर भाग जाते हैं।

तब राजेश पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कर देता है शिकायत मिलने के बाद पूरा पुलिस महकमा एक्टिव हो जाता है और पुलिस द्वारा उन बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया जाता है और उन अपराधियों के ऊपर इस धारा के तहत मुकदमा दर्ज होता है। इसमें चोरी की भी धारा उन बदमाशों के उप्पर लगेगी और साथ में ये धारा भी लगेगी।

धारा 384 में सजा का प्रावधान क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 384 के अनुसार जब कोई आरोपी जबरन वसूली और डराने धमकाने जैसे अपराध में सम्मलित पाया जाता है तब उसके ऊपर यह धारा लगती है और उसे सजा में 3 वर्ष की कारावास और इसके साथ ही साथ जुर्माना भी लगाया जाता है जुर्माना कितना लगेगा यह उसके द्वारा किए गए अपराध के ऊपर निर्भर करता है।

अपराध सजा संज्ञेय जमानत विचारणीय
उद्दापन के लिए दंड 3 साल का कारावास या जुर्माना या दोनों इसे संज्ञेय अपराध के श्रेणी में रखा गया है। गैर जमानतीय किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

धारा 384 में जमानत का क्या प्रावधान है?

किसी भी व्यक्ति से जबरन वसूली करना उसे डरा धमकाकर उस व्यक्ति को परेशान करना यह अपराधिक कार्य है यह सब इस धारा के अंतर्गत आते है। धारा 384 एक गैर जमानती धारा है जिसमें आरोपी को जमानत पर छुड़ाना एक बहुत ही कठिन कार्य है। अगर जमानत मिल भी जाती है तो बहुत मशक्कत करने के बाद मिलती है।

जमानत लेने के लिए आप किसी अच्छे वकील से संपर्क कर सकते हैं जो आपको जमानत दिलाने में आपकी मदद करेगा।

इसमें बचाव कैसे करें?

बचाव करना ही किसी भी समस्या का समाधान होता है और आप लोगों ने बहुत से ऐसे लोगों को भी देखा होगा जो लोग आपराधिक कार्य नहीं किए होते हैं लेकिन उनके ऊपर भी जलन के मारे कोई दूसरा व्यक्ति अपने मन मुताबिक आरोप लगा देता है तो इससे बचने के लिए हम आपको कुछ उपाय बताने वाले हैं जिनको जानना बहुत जरूरी है-

  • सबसे पहले आप अपराधिक गतिविधियों वाले लोगों से दूरी बनाकर रखें क्योंकि ऐसे लोगों का साथ रहने से आपका भी नाम आपराधिक गतिविधियों में आ सकता है।
  • अगर आप किसी उच्च पद पर कार्यरत है तो अपने सहकर्मियों के साथ अच्छा व्यवहार करें डराने धमकाने की कोशिश ना करें क्योंकि आपके ऊपर भी इस धारा के तहत मुकदमा हो सकता है।
  • जब कोई व्यक्ति आपसे जबरन वसूली का इरादा लेकर डराने धमकाने की कोशिश करें तो आप जल्द से जल्द पुलिस को सूचित करें
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About Advocate Ashutosh Chauhan

मेरा नाम Advocate Ashutosh Chauhan हैं, मैं कोर्ट-जजमेंट (courtjudgement) वेबसाईट का Founder & Author हूँ। मुझे लॉ (Law) के क्षेत्र में 10 साल का अनुभव है। इस वेबसाईट को बनाने का मेरा मुख्य उद्देश्य आम लोगो तक कानून की जानकारी आसान भाषा में पहुँचाना है। अधिक पढ़े...