याचिनी की ओर से यह प्रार्थना पत्र धारा 125 दं. प्र. सं. के अन्तर्गत विपक्षी से भरण-पोषण भत्ता प्राप्त करने हेतु प्रस्तुत किया गया है।
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प्रार्थिनी का कथन संक्षेप में इस प्रकार है कि प्रार्थिनी की शादी दिनांक 29.04.2018 को हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार विपक्षी के साथ सम्पन्न हुई थी । आवेदिका के विवाह में उसके पिता ने अपना खेत बेचकर करीब 13 लाख रूपये खर्च किये थें और शादी में 8 लाख रूपये नकद फ्रिज, कूलर, रंगीन टी०वी०, वॉशिग मशीन, डबल बैड, सोफा सेट, अलमारी, पीतल तॉबा व स्टील के बर्तन, पूरे परिवार को कपड़े, सोने की चैन, दो सोने की अंगूठी व अन्य घरेलू इस्तेमाली सामान उपहार स्वरूप गम्भीर व उसके परिवारीजन को भेट किये थे । प्रार्थिनी विदा होकर वहैसियत पत्नी अपनी ससुराल गयी और अपने दाम्पत्य कर्तव्यों का पालन किया परन्तु प्रार्थिनी के ससुरालीजन गम्भीर पुत्र हुब्बलाल (पति), हुब्बलाल पुत्र उमराय सिंह ( ससुर ), रामरती पत्नी हुब्बलाल (सास), नीरज उर्फ विपिन पुत्र हुब्बलाल (जेठ), दीप्ती पत्नी नीरज उर्फ विपिन (जिठानी), व रेनू पुत्रियाँ हुब्बलाल ननदे शादी में मिले उपहारो से खुश नही हुये और शादी में ही जाने पर मॉ बहिन की गन्दी गालियाँ देकर धमकी देने लगे कि तेरे बाप ने मेरी हैसियत के हिसाब से दिया ही क्या है, अगर तू एक वैगन आर कार तथा व्यापार करने के लिये पाँच लाख रूपये नकद अतिरिक्त दहेज के रूप में दिलायेगी तो तुझे इस घर मे रखेगे और न ही तो कसीर दहेज लेकर गम्भीर की दूसरी शादी कर लेगे ।
प्रार्थिनी ने ससुराल वालो की अतिरिक्त दहेज की मॉग के बारे मे चौथी की विदा में मायके आने पर अपने माता पिता को बताया था तो उसके पिता ने समझाया था कि पति का घर स्वर्ग व पति परमेश्वर होता है, धीरे-धीरे सब ठीक हो जावेगा । ससुरालीजन की सारी यातनाये सहते हुये प्रार्थिनी ससुराल आती जाती रही और प्रार्थिनी व उसके पिता ने इन लोगो को समझाने का भरसक प्रयास किया कि अब उन्हें अतिरिक्त दहेज में कुछ नही मिल पायेगा, रूबी आपके घर की सदस्य हो गयी है, आप उसे ठीक से रखे परन्तु प्रार्थिनी की आरजू मिन्नत का ससुराल वालों पर कोई असर नही पड़ा और उन्होने 5 लाख रूपये और एक बैगर आर कार की मॉग जारी रखी और प्रार्थिनी की मारपीट कर प्रताडित करते रहे, अपनी अतिरिक्त दहेज की मॉग की पूर्ति न होते देख इन लोगो ने मारपीट कर प्रार्थिनी का सारा स्त्रीधन जेवर व कपडा कीमती करीब 4 लाख रूपये छीन लिया केवल पहने हुये कपडो मे ही एक कार में डालकर विपक्षी व उसके परिजन दिनांक :- 15.12.2018 को समय करीब 4 बजे शाम मैनपुरी में जिला जेल के पास छोड गये, आवेदिका किसी प्रकार रोती विलखती अपने पिता के घर पहुँचीं तब से बेसहारा जीवन विता रही है, इन लोगो को फिर भी संतोष नही हुआ और दिनांक- 20.02.2019 को समय करीब 2 बजे दिन उपरोक्त लोग व मझिया प्रेमचन्द्र पुत्र राजाराम एक कार में बैठकर प्रार्थिनी के पिता के घर पर आये ।
प्रार्थिनी के पिता ने इनके लिये चाय नाश्ता का प्रबन्ध किया तो ये लोग एक राय होकर मॉ बहिन की गालियाँ देते हुये बोले हम तेरी चाय नही पीने आये है अगर हमें 5 लाख रूपये तथा एक बैगन आर कार अतिरिक्त दहेज में नहीं मिलेगी तो रूबी को किसी कीमत पर नही रखेगे अगर रूबी ने हमारे घर पर आने की हिम्मत की तो उसे जान से मार कर लाश गायब कर देगे और गम्भीर की दूसरी शादी कर लेगे। इन लोगो से प्रार्थिनी को अपनी जान माल का भारी खतरा पैदा हो गया है। कभी भी कोई संगीन घटना हो सकती है। प्रार्थिनी कम पढ़ी लिखी महिला है, वह ग्रह कार्य के अलावा अन्य कोई ऐसा कार्य करना नही जानती है। जिससे वह अपना भरण पोषण कर सके । विपक्षी के पास अच्छी खासी 20 बीघा उपजाऊ जमीन है तथा भैस पालकर दूध की डेरी चलाता है। विपक्षी की सभी श्रोतो से आय 50,000 / रूपये प्रतिमाह की आमदनी है। प्रार्थिनी को विपक्षी से भरण पोषण हेतु 20,000/- रूपये प्रतिमाह दिलाया जाना अत्यन्त आवश्यक है। अतः आवेदिका ने विपक्षी से भरण पोषण हेतु बीस हजार रूपये प्रतिमाह दिलाये जाने की याचना की गयी । प्रार्थिनी के वाद पत्र के कथन शपथ पत्र कागज संख्या-4 व से समर्थित है।
विपक्षी को नोटिस भेजे गये, विपक्षी न्यायालय उपस्थित आया। विपक्षी ने…