Bharatiya Nyaya Sanhita 16 in Hindi – BNS 16 in Hindi
कोई बात, जो न्यायालय के निर्णय या आदेश के अनुसरण में की जाए या उसके द्वारा अधिदिष्ट हो, यदि वह उस निर्णय या आदेश के प्रवृत रहते, की जाए, अपराध नहीं है, चाहे उस न्यायालय को ऐसा निर्णय या आदेश देने की अधिकारिता न रही हो, परन्तु यह तब जब कि वह कार्य करने वाला व्यक्ति सद्भावपूर्वक विश्वास करता हो कि उस न्यायालय को वैसी अधिकारिता थी।
Bharatiya Nyaya Sanhita 16 in English – BNS 16 in English
Nothing which is done in pursuance of, or which is warranted by the judgment or order of, a Court; if done whilst such judgment or order remains in force, is an offence, notwithstanding the Court may have had no jurisdiction to pass such judgment or order, provided the person doing the act in good faith believes that the Court had such jurisdiction.