IPC 352 in Hindi – दोस्तों, लगभग सभी के साथ कभी ऐसा हुआ होगा की कोई आदमी आपको थप्पड़ दिखा के डराए या हाथ में कोई रोड या लाठी लेकर आपके उप्पर मारने को चढ़े। ये ऐसी घटनाए अक्सर आस पड़ोस या हमारे साथ होती रहती है। लेकिन भारतीय दंड संहिता में इसको एक अपराध माना गया है। आज हम ऐसी ही एक धारा के बारे में बात करेंगे इसलिए आपसे अनुरोध है की आप इस लेख को पूरा पढ़े।
आप इस आर्टिकल में IPC 352 के बारे में पूरी बातें जानेंगे जैसे, यह धारा कब लगती है, इसमें जमानत की प्रक्रिया क्या है, इसमें सजा का प्रावधान क्या है, अगर ये धारा लग जाये तो क्या हमे वकील की आवश्यकता होगी? ऐसे ही अनेकों सवालों के जवाब इस आर्टिकल में आपको मिल जाएंगे।
भारतीय दंड संहिता की धारा 352 के अनुसार-
गंभीर प्रकोपन होने से अन्यथा हमला करने या आपराधिक बल का प्रयोग करने के लिए दण्ड- “यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति पर गंभीर तथा आकस्मिक उत्तेजना के बिना हमला या आपराधिक बल का उपयोग करता है, तो ऐसे व्यक्ति को एक अवधि के लिए कारावास की सजा, जिसको तीन मास तक बढ़ाया जा सकता है, या पाँच सौ रुपये तक के जुर्माने से, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।”
इस कानूनी भाषा को सरल शब्दों में बताने की कोशिश करते है।
![IPC 352 in Hindi- आईपीसी सैक्शन 352 क्या है?- सजा, जमानत, बचाव 1 IPC 352 Punishment in Hindi](https://courtjudgement.in/wp-content/uploads/2024/01/IPC_352_IN_HINDI.jpg)
धारा 352 क्या है? – IPC Section 352 in Hindi
IPC 352 को सरल भाषा में समझाए तो यह धारा कहती है, की अगर कोई व्यक्ति पूरी तैयारी करके (प्रिपरेशन करके) किसी दूसरे व्यक्ति को मुक्का दिखाएं, हाथ दिखाए, डंडा दिखाए, सरिया या रोड दिखाए और दूसरे व्यक्ति को ये एहसास दिला दे की बस कुछ ही सेकंड में तेरे पर हमला होने वाला है। यानि वो व्यक्ति उसको डर दिखा दे। तो ऐसे व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 352 के तहत मुकदमा दर्ज होगा और कार्रवाई की जाएगी।
IPC 352 में जमानत की प्रक्रिया
IPC 352 को जमानती धारा की श्रेणी में रखा गया है। ऐसे में आरोपी व्यक्ति पुलिस स्टेशन से जमानत ले सकता है। इस धारा में जमानत आसानी से हो जाती है। लेकिन इसके लिए आपके पास एक योग्य वकील का होना भी जरूरी है। जो ऐसे अपराध में आपको जमानत दिलवा दे।
IPC 352 में सजा का प्रावधान
अगर कोई व्यक्ति पूरी तैयारी करके किसी अन्य व्यक्ति को हाथ या डंडा दिखा कर डराता है की तेरे पर हमला होने वाला है तो ऐसा करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 352 के तहत आरोपी व्यक्ति को 3 माह तक का कारावास या आर्थिक दंड या दोनों से दण्डित किया जायेगा। ये न्यायालय के विवेक पर निर्भर करता है की अपराधी को सजा में केवल जुर्माने से दण्डित किया जाये या दोनों से दण्डित किया जाये।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
---|---|---|---|---|
गंभीर प्रकोपन होने से अन्यथा हमला करने या आपराधिक बल का प्रयोग करने के लिए दण्ड | 3 माह तक का कारावास या अर्थिक जुर्माना या फिर दोनों | यह एक गैर-संज्ञेय अपराध है। | यह एक जमानतीय (Bailable) अपराध है। | कोई भी मजिस्ट्रेट। |
IPC 352 में वकील की भूमिका
भारतीय दंड संहिता की धारा 352 में वकील की अहम भूमिका होती है।
- पीड़ित के लिए योग्य वकील न्याय दिलाने और इस केस से जुड़ी तमाम कानूनी सलाह पीड़ित को देता है।
- अपराधी के लिए योग्य वकील जमानत दिलवाने और केस से बरी कराने का काम करता है।
दोस्तों, वकील कानूनी परिक्रिया को बड़ी अच्छी तरह से जानता है उसका काम ही अपने क्लाइंट को इस पचड़े से निकालना होता है। अब चाहे अपराध गंभीर हो या ना हो। इसलिए एक योग्य वकील का होना बहुत ही जरुरी है।
IPC 352 में अपना बचाव कैसे करें
IPC Section 352 में विवाद का समाधान और अपना बचाव करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- वकील से परामर्श: यदि आपको IPC Section 352 के तहत किसी विवाद का सामना करना पड़ता है, तो एक वकील से परामर्श करना अच्छा होता है। वकील आपको आपके केस की स्थिति के आधार पर आपके अधिकारों और विकल्पों के बारे में सलाह देगा।
- मुद्दा सुलझाने का प्रयास: यदि समझौते के माध्यम से विवाद सुलझा जा सकता है, तो यह एक संभावना है। कभी-कभी, विवादित पक्षों के बीच वार्ता या मुद्दा सुलझाने की कोशिश करना उपयुक्त हो सकता है।
- न्यायिक प्रक्रिया में सही तरीके से शामिल हों: मुकदमा दर्ज हो जाने के बाद, न्यायिक प्रक्रिया में सही तरीके से शामिल हों। वकील के साथ मिलकर योजना बनाएं और न्यायिक प्रक्रिया के अनुसार आगे बढ़ें।
- संबंधित प्रमाण प्रस्तुत करें: आपने आप को बचाने के लिए, मुकदमे को झूठा साबित करने के लिए संबंधित प्रमाणों को प्रस्तुत करें।
IPC Section 352 से संबंधित पूछे जाने वाले सवाल
उत्तर:- धारा 352 “हमले की तैयारी करके किसी व्यक्ति को डराना (Punishment for assault or criminal force)” से संबधित है। ऐसा करना इस धारा में अपराध माना गया है और इसमें सजा का प्रावधान दिया गया है।
उत्तर:- यदि किसी व्यक्ति द्वारा धारा 352 के तहत अपराध किया जाता है और वो व्यक्ति न्यायालय में दोषी पाया जाता है तो इस धारा के अंतर्गत ऐसे अपराधी को 3 महीने तक का कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित करने का प्रावधान है।
उत्तर:- धारा 352 को जमानतीय अपराध माना गया है। इसमें जमानत पुलिस स्टेशन में ही मिल जाती है।
उत्तर:- अगर किसी व्यक्ति पर धारा 352 के तहत कंप्लेंट दर्ज हो गयी है तो वो व्यक्ति उस कंप्लेंट को ध्यान से पढ़े और उसमे से तथ्य ढूंढे और उन तथ्यों के आधार पर सबूत जुटाकर पुलिस या न्यायालय के समक्ष पेश करे।
उत्तर:- धारा 352 एक गैर-संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आती है। इसलिए पुलिस आरोपी व्यक्ति को बिना गिरफ्तारी वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकती है। पहले पुलिस को वारंट लाना होगा तभी आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है।
उत्तर:- हाँ, धारा 352 समझौता करने योग्य है। यानिकि पीड़ित और आरोपी के बीच समझौता किया जा सकता है।
धारा 352 में दिए हुए जजमेंट पढ़ने के लिए यंहा क्लिक करे।
आप इस आर्टिकल में IPC Section 352 in Hindi के बारे में पूरी जानकारी जाने हैं। हमें उम्मीद है कि यह जानकारी आपको समझ में आ गयी होगी। हमने आपको IPC 352 से संबंधित सभी जानकारी आसान भाषा में बताने की कोशिश की है। इस धारा में गंभीर प्रकोपन होने से, अन्यथा हमला करने या आपराधिक बल का प्रयोग करने के लिए दण्ड के बारे में बताया गया है। अगर आपके इस धारा से संबंधित कोई भी सवाल या सहायता की जरुरत है तो आप हमे कमेंट या मेल करके बता सकते है।
आप इस आर्टिकल को courtjudgement.in पर पढ़ रहे हैं। और हमने इस वेबसाइट में आपके लिए और भी भारतीय दंड संहिता की धाराओं के बारे में जानकारी लिखी हुई है। आप उन आर्टिकल को भी जरूर पढ़ें। और इस आर्टिकल को हमारे साथ पूरा अंत तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
मेरा नाम Advocate Ashutosh Chauhan हैं, मैं कोर्ट-जजमेंट (courtjudgement) वेबसाईट का Founder & Author हूँ। मुझे लॉ (Law) के क्षेत्र में 10 साल का अनुभव है। इस वेबसाईट को बनाने का मेरा मुख्य उद्देश्य आम लोगो तक कानून की जानकारी आसान भाषा में पहुँचाना है। अधिक पढ़े…