IPC Section 415 in Hindi – दोस्तों, अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के साथ गलत इरादे से कोई छल या धोखाधड़ी करता है। तो क्या उस व्यक्ति को कानून अपराधी मानेगा? क्या इसके लिए भी कोई कानून बना है? जी हाँ इसके लिए भी हमारे कानून में सजा का प्रावधान है। ये भी एक अपराध है। तो आज के इस आर्टिकल में हम चर्चा करने वाले हैं, IPC 415 In Hindi यानी भारतीय दंड संहिता की धारा 415 क्या है?, IPC DHARA 415 KYA HAI?, आईपीसी धारा 415 को कब और किन-किन अपराध में लगाया जाता है? और आईपीसी धारा 415 में अपना बचाव कैसे करे? सभी Question के हल इस आर्टिकल में मिलेंगे।
IPC 415 in Hindi – आईपीसी धारा 415 क्या है? आईपीसी धारा 415 कब लगती है?
IPC के Section 415 में बताया गया है, कि छल क्या होता है, धोखाधड़ी क्या होती है? धारा 415 में सबसे खास शब्द इरादा (intention) को देखा जाता है, कि कोई बंदा गलत काम कर रहा है, उसका इरादा शुरू से ही किसी दूसरे पर्सन को धोखा देने वाला होना चाहिए। तभी धारा 415 लागू होगी। धारा 415 में दो बाते ध्यान देने योग्य है, सबसे पहली बात, जो सामने वाला व्यक्ति है, जो छल या धोखाधड़ी कर रहा है, उसका इरादा (intention) शुरू से ही गलत होना चाहिए, धोखा देने वाला होना चाहिए। दूसरी बात, जब कोई पर्सन गलत इरादे के साथ किसी को धोखा देता है, कुछ ऐसा करता है, जिससे सामने वाले व्यक्ति के शरीर को कोई शारीरिक नुकसान हो या उसको मानसिक तौर पर कोई नुकसान हो या उसकी प्रॉपर्टी को कोई नुकसान हो तो यह माना जाएगा कि उसने धोखा धड़ी की है। तब अपराधी पर IPC का section 415 लागू हो जाएगा।
आईपीसी धारा 415 का उदाहरण-
मान के चलिए, कोई A नाम का व्यक्ति है और वो B नाम के व्यक्ति के पास जाता है। B नाम के व्यक्ति ने अपना एक शोरूम खोल रखा है। तो A नाम का व्यक्ति जो है, उसका इरादा शुरू से ही धोखा देने का है। A नाम का व्यक्ति B नाम के व्यक्ति के पास इस इरादे के साथ जाता है, कि मैं B को धोखा दूंगा। और वह B के पास जाकर कहता है, की मैं सरकारी जॉब करता हूं, किसी बड़ी पोस्ट पर हूं, आप मुझे सामान उधार दे दीजिए। मैं अगले महीने की सैलरी आने पर आपको पैसे दे दूंगा। तब ऐसे में B नाम का व्यक्ति A की बातो में आ जाता है, कि ये तो सरकारी अफसर है, सैलरी आने पर पैसे लौटा देगा। B नाम का व्यक्ति A को सामान उधार दे देता है। लेकिन A तो धोखा देने के इरादे से गया था। A ने B उसको पैसे नहीं लौटाए। तो यहां पर माना जाएगा कि A ने B के साथ फ्रॉड किया है, धोखा किया है। धारा 415 एक और उदहारण देता हूँ।
A नाम का व्यक्ति B नाम के व्यक्ति के पास जाता है। A के पास कुछ ऐसा मटेरियल है, जो कि डायमंड के जैसा दिखता है, हालांकि वह डायमंड नकली है। B को वह भरोसे में ले लेता है, कि यह सच में असली हीरा है। हालांकि A को पता है, कि यह हीरा नहीं है, लेकिन फिर भी वह B को बेच देता है। B से पैसे ले लेता है। तो यहां पर A ने B को धोखा दिया। मतलब यह है, कि इरादा (intention) होना बहुत ज़रूरी है।
IPC DHARA 415 KYA HAI?
अगर कोई जान बुझ के किसी से सामान ले लेता है और उसको उसके पैसे नहीं लौटता है और इरादा भी शुरू से यही था कि मैं उसके पैसे नहीं लौटाऊंगा। उसको धोखाधड़ी माना जाएगा। लेकिन कई बार परिस्थितियों के कारण अगर कोई किसी के पैसे नहीं लौटा पा रहा तो ज़रूरी नहीं है, कि वह धोखाधड़ी की केटेगरी में आएगा। जैसे कि कोई दो व्यापारी है। एक व्यापारी दूसरे व्यापारी से कहता है, कि आप मुझे सामान भेज दीजिए और मैं आपको उसकी पेमेंट जब मेरा सामान बिक जाएगा भेज दूंगा। तो जिस व्यापारी ने सामान भेजना था उसने वो सामान भेज दिया लेकिन जिसके पास सामान पहुंचना था वह बारिश के कारण गीला हो जाता है। और जिसके कारण वह सामान बिक नहीं पाता है। जिसने पैसे देने थे वह धोखा नहीं करना चाहता था। लेकिन उसकी परिस्थितियां ऐसी हो गई की उसका सामान नहीं बिका, क्योंकि सामान बारिश के कारण गीला हो गया तो उसके पैसे नहीं लौटा पा रहा। तो यहां पर अगर यह कहा जाएगा कि जिसने पैसे नहीं लौटाए उसने धोखा धड़ी की है तो ऐसा नहीं है। क्योंकि उसकी परिस्थितियों के कारण वह लौटा नहीं पा रहा है उसका इरादा गलत नहीं था।
आईपीसी धारा 415 में अपना बचाव कैसे करे?
आईपीसी धारा 415 में अपना बचाव करने के लिए, मैं आपको कुछ पॉइंट बता रहा हूँ।
- किसी भी व्यक्ति को किसी दूसरे व्यक्ति के साथ गलत इरादे से छल या धोखा नहीं देना चाहिए। बल्कि दुसरो को भी ऐसा करने से रोकना चाहिए।
- यदि आप निर्दोष है, और आप पर आईपीसी धारा 415 लग गयी है, तो घबराए नहीं किसी अच्छे वकील को अपने केस के लिए नियुक्त करे।
- यदि आप निर्दोष है, और आपके पास सबूत है, तो उन सभी एविडेन्स को संभाल के रखे और अपने वकील को दे।
- नोट: अपने आप को बचाने के लिए कोर्ट में झूठा गवाह या सबूत पेश न करें। नहीं तो आप और ज्यादा फस सकते है।
उम्मीद करता हूं, आपको भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 415 (IPC 415 in Hindi) समझ में आ गयी होगी। मैंने इसको सिंपल शब्दों में समझाने की कोशिश की है, अगर फिर भी कोई Confusion रह गई है, तो आप कमेंट बॉक्स में क्वेश्चन कर सकते है। मुझे आंसर देने में अच्छा लगेगा।
FAQs:- (अक्सर आईपीसी धारा 415 में पूछे जाने वाले सवाल) –
धारा 415 में सबसे खास शब्द इरादा (intention) को देखा जाता है, कि कोई बंदा गलत काम कर रहा है, उसका इरादा शुरू से ही किसी दूसरे पर्सन को धोखा देने वाला होना चाहिए। तभी धारा 415 लागू होगी।
IPC 417 में धोखा देने के लिए सजा का प्रावधान है, अगर कोई व्यक्ति गलत इरादे से किसी को धोखा देता है, तो उस व्यक्ति को एक वर्ष तक की सजा, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा।
भारतीय दंड संहिता की धारा 415 से 420 तक सभी धाराएं धोखाधड़ी के कार्य से संबंधित है।
निष्कर्ष:
मैंने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 415 (IPC 415 in Hindi) को सिंपल तरीके से समझाने की कोशिश की है। मेरी ये ही कोशिश है, की जो पुलिस की तैयारी या लॉ के स्टूडेंट है, उनको IPC की जानकारी होनी बहुत जरुरी है। ओर आम आदमी को भी कानून की जानकारी होना बहुत जरुरी है।
मेरा नाम आशुतोष चौहान हैं, मैं कोर्ट-जजमेंट ब्लॉग वेबसाईट का Founder & Author हूँ। मैं पोस्ट ग्रेजुएट हूँ। मैं एक Professional blogger भी हूँ। मुझे लॉ से संबंदित आर्टिकल लिखना पसंद है।