IPC 314 in Hindi- आईपीसी धारा 314 क्या है?, सजा, जमानत और बचाव

दोस्तों, हमारे देश में गर्भपात के समय काफी ज्यादा लापरवाही बरती जाती है। कई जगह बिना योग्यता के ही डॉक्टर इसका इलाज करने लगते हैं, जिस कारण महिलाओं की मृत्यु भी हो जाती है। ऐसे में क्या आपको पता है कि गर्भपात के समय अगर महिला की मृत्यु हो जाती है तो इसे अपराध माना जाता है या नहीं? आपको बता दे की IPC की धारा 314 के अनुसार इसे कानून की नज़र में अपराध माना गया है।

IPC (भारतीय दंड संहिता) की धारा 314 के अनुसार:-

गर्भपात कारित करने के आशय से किए गए कार्यों द्वारा कारित मृत्यु:- “जो कोई गर्भवती स्त्री का गर्भपात कारित करने के आशय से कोई ऐसा कार्य करेगा, जिससे ऐसी स्त्री की मृत्यु कारित हो जाए, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा;”

यदि वह कार्य स्त्री की सम्मति के बिना किया जाए- और यदि वह कार्य उस स्त्री की सम्मति के बिना किया जाए, तो वह आजीवन कारावास से या ऊपर बताए हुए दण्ड से, दण्डित किया जाएगा।

स्पष्टीकरण- इस अपराध के लिए यह आवश्यक नहीं है कि अपराधी जानता हो कि उस कार्य से मृत्यु कारित करना संभाव्य है।

तो दोस्तों अब उप्पर की कानूनी भाषा को सरल भाषा में समझने की कोशिश करते है।

IPC 314 in Hindi – ये कब लगायी जाती है? 

भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 314 के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी गर्भवती महिला का गर्भपात कराने का काम करता है और उस दौरान अगर महिला की मृत्यु हो जाती है तो इसे कानूनी अपराध माना जाता है।

इस धारा के अंतर्गत गर्भवती महिला गर्भपात करने के लिए सहमत हो या ना हो, अगर महिला की मृत्यु हो जाती है तो इसे अपराध माना जाता है। इसके अलावा अगर किसी महिला की गर्भपात उसके सहमति के बिना किया जाता है और उस महिला की मृत्यु हो जाती है तो इसे और संगीन जुर्म माना जाता है। इसमें अपराधी को और अधिक सजा दी जाती है।

नोट:- IPC Section 314 के जुर्म में यह जरूरी नहीं है कि अपराधी जानता हो कि गर्भपात में मृत्यु होना है।

उदहारण-

सुमित की शादी को 4 साल बीत चुके थे। उसके एक बेटा भी था तभी सुमित की वाइफ प्रेगनेंट होती है और दोनों पति पत्नी आपस में फैसला करते है की अभी हमे बच्चा नहीं चाहिए इसलिए गर्भपात करा लेते है। और सुमित अपनी वाइफ को लेकर नजदीकी हॉस्पिटल में गर्भपात कराने चला जाता है। लेकिन गर्भपात के समय उसकी वाइफ की मृत्यु हो जाती है। ऐसे में सुमित के ससुराल वाले सुमित के खिलाफ FIR कराते है। और सुमित पर पुलिस दुवारा करवाई की जाती है।

आईपीसी की धारा 314 में सजा क्या है?

IPC Dhara 314 के तहत इसे एक गंभीर जुर्म माना गया है। इस जुर्म को दो श्रेणी में बांटा गया है और श्रेणियां के हिसाब से सजा दी गई है। इस धारा में सजा महिला की सहमति या असहमति पर भी निर्भर करती है।

  1. महिला के सहमति के साथ गर्भपात करते वक्त:- अगर महिला की मृत्यु हो जाती है तो गर्भपात कराने वाले व्यक्ति को 10 साल तक का कारावास और आर्थिक जुर्माने का सामना करना पड़ता है।
  2. महिला के बिना सहमति से गर्भपात करने वाले कार्य के दौरान:- अगर महिला की मृत्यु हो जाती है तो गर्भपात कराने वाले व्यक्ति को आजीवन कारावास या 10 वर्ष का कारावास और आर्थिक जुर्माने का सामना करना पड़ता है।
अपराध सजा संज्ञेय जमानत विचारणीय
गर्भपात कारित करने के आशय से किए गए कार्यों द्वारा कारित मृत्यु 10 वर्ष तक की जेल व जुर्माना। संज्ञेय (Cognizable) अपराध की श्रेणी में आती है। यह गैर-जमानतीय अपराध है यह सत्र की अदालत के द्वारा विचाराधीन होती है।
अपराध सजा संज्ञेय जमानत विचारणीय
यदि वह कार्य स्त्री की सम्मति के बिना किया जाए आजीवन कारावास या 10 साल का कारावास व जुर्माना। संज्ञेय (Cognizable) अपराध की श्रेणी में आती है। यह गैर-जमानतीय अपराध है यह सत्र की अदालत के द्वारा विचाराधीन होती है।

धारा 314 में जमानत–

महिला की सहमति या असहमति के साथ गर्भपात करने के उद्देश्य से किए गए कार्य में अगर महिला की मृत्यु हो जाती है, तो इसे संज्ञेय अपराध माना गया है। यह एक गैर जमानती अपराध है, जिसमें अपराधी को जमानत मिलने में बहुत ही कठनाई का सामना करना पड़ता है।
IPC 314 के तहत किए गए जुर्म की सुनवाई सत्र न्यायालय द्वारा की जाती है। इस सेक्शन के तहत किया गया अपराध समझौता करने के योग्य नहीं है। इसलिए ऐसा जुर्म करने से पहले किसी को एक बार जरूर सोचना चाहिए।

FAQs-

प्रश्न:- IPC 314 के तहत क्या अपराध है?

उत्तर: जो कोई उस स्त्री की सम्मति के बिना, चाहे वह स्त्री स्पन्दन-गर्भा हो या नहीं, पूर्ववर्ती अंतिम धारा में परिभाषित अपराध करेगा, वह आजीवन कारावास से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।

प्रश्न:- IPC 314 के मामले की सजा क्या है?

उत्तर: इस धारा में दो प्रकार की सजा का प्राबधान है।

महिला के सहमति के साथ गर्भपात करते वक्त अगर महिला की मृत्यु हो जाती है तो गर्भपात कराने वाले व्यक्ति को 10 साल तक का कारावास और आर्थिक जुर्माने का सामना करना पड़ता है।

महिला के बिना सहमति से गर्भपात करने वाले कार्य के दौरान अगर महिला की मृत्यु हो जाती है तो गर्भपात कराने वाले व्यक्ति को आजीवन कारावास या 10 वर्ष का कारावास और आर्थिक जुर्माने का सामना करना पड़ता है।

प्रश्न:- IPC 314 संज्ञेय अपराध है या गैर – संज्ञेय अपराध?

उत्तर: ऐसे अपराध को एक संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा गया है।

प्रश्न:- IPC की धारा 314 के मामले में बचाव कैसे करे?

उत्तर: ऐसे मामले में बचाव बचाव के लिए आपको एक अच्छे से अच्छा वकील करना होगा। वो ही आपको जमानत या बरी करवा सकता है। क्योंकि ऐसा अपराध कानून की नज़र में बहुत ही संगीन माना गया है।

प्रश्न:- IPC की धारा 314 जमानती अपराध है या गैर-जमानती अपराध है?

उत्तर: इस धारा का अपराध एक गैर-जमानती अपराध है।

प्रश्न:- IPC की धारा 314 में समझौता किया जा सकता है?

उत्तर: इस धारा के अपराध में समझौता नहीं किया जा सकता है।

प्रश्न:- IPC की धारा 314 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

उत्तर: ऐसे  मामले की सुनवाई सत्र की अदालत में की जाती है।

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About Advocate Ashutosh Chauhan

मेरा नाम Advocate Ashutosh Chauhan हैं, मैं कोर्ट-जजमेंट (courtjudgement) वेबसाईट का Founder & Author हूँ। मुझे लॉ (Law) के क्षेत्र में 10 साल का अनुभव है। इस वेबसाईट को बनाने का मेरा मुख्य उद्देश्य आम लोगो तक कानून की जानकारी आसान भाषा में पहुँचाना है। अधिक पढ़े...