IPC Section 34 in Hindi
आज मैं आपके लिए IPC Section 34 in Hindi की जानकारी लेकर आया हूँ, पिछली पोस्ट में हमने आपको आईपीसी (IPC) की काफी सारी धाराओं के बारे में बताया है। अगर आप उनको पढ़ना चाहते हो तो आप पिछले पोस्ट पढ़ सकते है। अगर आपने वो पोस्ट पढ़ ली है तो, आशा करता हूँ की आपको वो सभी धाराएं समझ में आई होंगी । अब बात करते है, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 34 क्या होती है?
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 34 क्या होती है?
समान आशय को आगे बढ़ाने के लिए कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य:- “जब एक आपराधिक कृत्य सभी व्यक्तियों ने सामान्य इरादे से किया हो, तो प्रत्येक व्यक्ति ऐसे कार्य के लिए जिम्मेदार होता है जैसे कि अपराध उसके अकेले के द्वारा ही किया गया हो।”
Acts done by several persons in furtherance of common intention:- “When a criminal act is done by several persons in furtherance of the common intention of all, each of such persons is liable for that act in the same manner as if it were done by him alone.”
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आईपीसी धारा 34 क्या है?
ऊपर जो IPC Section 34 की डेफिनेशन दी गयी है, वो कानूनी भाषा में दी गयी है, शायद इसको समझने में परेशानी आ रही होगी। इसलिए इसको मैं थोड़ा सिंपल भाषा का प्रयोग करके समझाने की कोशिश करता हूँ। IPC Section 34 को सरल शब्दों में समझाता हूँ ।
IPC Section 34 कहता है, कि किसी भी अपराध को करने के लिए अगर एक से ज़्यादा व्यक्ति है। और वो सभी व्यक्ति same इरादें (intention) के साथ कोई अपराध को अंजाम देते हैं। फिर IPC की धारा 34 लागू होगी। अब इसको उदहारण के साथ समझाता हूँ। मान के चलिए तीन लोग हैं। उन तीनों ने किसी को पीटने का एक प्लान बनाया। और वह तीनों लोगो ने जिसको पीटना था उसको पकड़ लिया। दो लोग गाड़ी में बैठे हैं। सिर्फ एक व्यक्ति ने उसको पीटा। और वह दो लोग गाड़ी में ही बैठे रहे और तीसरा व्यक्ति उसको पीट के गाड़ी में आ गया। और तीनो व्यक्ति गाड़ी में बैठ कर भाग जाते है। जब कंप्लेंट होगी तब तीनों लोगो पर IPC की धारा 34 लगेगी। तीनों को बराबर सजा का हकदार माना जाएगा। तीनों पर बराबर का चार्ज लगेगा। क्योंकि उनका सबका इरादा उसको पीटने का था। same इरादें (intention) के साथ अगर कोई अपराध को अंजाम देता है। और वो व्यक्ति एक से ज़्यादा है (चाहे दस व्यक्ति हैं)। तब हर किसी को यही माना जाएगा। कि सभी ने बराबर का अपराध किया है। जैसा मैंने उदहारण में बताया की दो लोग गाड़ी में बैठे थे। उन दो लोगो ने नहीं मारा था। यही माना जाएगा कि बाकी दो लोगों ने भी उस पर हाथ उठाया है। क्योंकि इरादा उनका भी same था। सब पर बराबर का चार्ज लगेगा। सब को बराबर की सजा मिलेगी।
उम्मीद करता हूं। आपको भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के Section 34 समझ में आ गयी होगी। मैंने इसको सिंपल शब्दों में समझाने की कोशिश की है, अगर फिर भी कोई Confusion रह गई है, तो आप कमेंट बॉक्स में क्वेश्चन कर सकते है। मुझे आंसर देने में अच्छा लगेगा।
मैंने भारतीय दंड संहिता IPC Section 34 को सिंपल तरीके से समझाने की कोशिश की है। मेरी ये ही कोशिश है, की जो पुलिस की तैयारी या लॉ के स्टूडेंट है, उनको IPC की जानकारी होनी बहुत जरुरी है। ओर आम आदमी को भी कानून की जानकारी होना बहुत जरुरी है।
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मेरा नाम आशुतोष चौहान हैं, मैं कोर्ट-जजमेंट ब्लॉग वेबसाईट का Founder & Author हूँ। मैं पोस्ट ग्रेजुएट हूँ। मैं एक Professional blogger भी हूँ। मुझे लॉ से संबंदित आर्टिकल लिखना पसंद है।