आज मैं आपके लिए भारतीय दंड संहिता (IPC Section 33 in Hindi) की धारा 33 की जानकारी लेकर आया हूँ, पिछली पोस्ट में हमने आपको आईपीसी (IPC) की काफी सारी धाराओं के बारे में बताया है। अगर आप उनको पढ़ना चाहते हो तो आप पिछले पोस्ट पढ़ सकते है। अगर आपने वो पोस्ट पढ़ ली है तो, आशा करता हूँ की आपको वो सभी धाराएं समझ में आई होंगी । अब बात करते है, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 33 क्या होती है?
भारतीय दंड संहिता (IPC Section 33 in Hindi) की धारा 33 क्या होती है?
कार्य :- “”कार्य” शब्द कार्यावली की द्योतक उसी प्रकार है जिस प्रकार एक कार्य का ।”
लोप :- “”लोप” शब्द लोपावली की द्योतक उसी प्रकार है जिस प्रकार एक लोप का ।”
“The word “act” denotes as well a series of acts as a single act: the word “omission” denotes as well as series of omissions as a single omission.”
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धारा 33 क्या है?
ऊपर जो IPC Section 33 की डेफिनेशन दी गयी है, वो कानूनी भाषा में दी गयी है, शायद इसको समझने में परेशानी आ रही होगी। इसलिए इसको मैं थोड़ा सिंपल भाषा का प्रयोग करके समझाने की कोशिश करता हूँ। IPC Section 33 को सरल शब्दों में समझाता हूँ ।
IPC Section 33 कहता है, कि अगर कोई गैरकानूनी कार्य होता है, और series में होता है। जैसे मान के चलिए, कोई व्यक्ति किसी को पत्थर से मारता है। एक ही जगह पर काफी बार कर देता है। तब उस व्यक्ति को जितने उसने बार किये है उसको उतनी बार सज़ा नहीं मिलेगी। क्योंकि उसको माना जाएगा कि उसने series में कार्य किया है। और उसको एक ही बार सज़ा मिलेगी। ऐसा माना जाएगा कि सिंगल कार्य किया है। अगर कोई एक ही चीज़ को दस बार भी मेंशन करता है। तब ऐसा ही माना जाएगा कि उसने series में मेंशन किया है। और सिंगल कार्य किया है। सज़ा भी एक ही बार मिलेगी। मान के चलिए उस व्यक्ति ने एक ही जगह पर दूसरे व्यक्ति को दस बार पत्थर मारा। तब उसको दस बार सज़ा नहीं मिलेगी। उसको सज़ा एक ही बार मिलेगी।
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