आज मैं आपके लिए IPC Section 37 in Hindi की जानकारी लेकर आया हूँ, पिछली पोस्ट में हमने आपको आईपीसी (IPC) की काफी सारी धाराओं के बारे में बताया है। अगर आप उनको पढ़ना चाहते हो, तो आप पिछले पोस्ट पढ़ सकते है। अगर आपने वो पोस्ट पढ़ ली है तो, आशा करता हूँ की आपको वो सभी धाराएं समझ में आई होंगी।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 37 क्या होती है?
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 37 के अनुसार :-
कई कार्यों में से किसी एक कार्य को करके अपराध गठित करने में सहयोग करना:- “जब कि कोई अपराध कई कार्यों द्वारा किया जाता है, तब जो भी कोई या तो अकेले या किसी अन्य व्यक्ति के साथ सम्मिलित होकर उन कार्यों में से कोई एक कार्य करके उस अपराध के किए जाने में साशय सहयोग करता है, तो वह उस अपराध को करता है।”
Co-operation by doing one of several acts constituting an offence:- “When an offence is committed by means of several acts, whoever intentionally co-operates in the commission of that offence by doing any one of those acts, either singly or jointly with any other person commits that offence.”
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धारा 37 क्या है?
ऊपर जो डेफिनेशन दी गयी है, वो कानूनी भाषा में दी गयी है, शायद इसको समझने में परेशानी आ रही होगी। इसलिए इसको मैं थोड़ा सिंपल भाषा का प्रयोग करके समझाने की कोशिश करता हूँ। IPC Section 37 को सरल शब्दों में समझाता हूँ ।
IPC Section 37 in Hindi में कहा गया है, कि अगर कई act (कई कार्यों) के द्वारा कोई एक offense commit होता है। और उसको पता है, की जो मैं कर रहा हूं वह अपराध है। चाहे वह single करें, चाहे किसी के साथ मिलकर करें या operate करें। तो यही माना जाएगा कि वह सारे का सारा अपराध उसी व्यक्ति ने किया है। इसको मै उदाहरण देकर समझाता हूँ।
मान के चलिए सोहन और रोहन नाम के दो नौकर हैं। और वे दोनों मोहन के यंहा काम करते है। इन दोनों नोकरो ने एक प्लान बनाया कि , हमने मोहन को ज़हर देकर जान से मारना है। यानि के अपने बॉस मोहन को ज़हर देकर जान से मारना है। अब दोनों नौकर मार्किट से ज़हर लेकर आ जाते है। और दोनों नौकरो ने दो शीशी में ज़हर रख लिया। एक ज़हर की शीशी सोहन ने रख ली, और दूसरी शीशी रोहन ने रख ली। सोहन ने रोहन से कहा, कि जब भी तुम मोहन को खाना दोगे तो उसमें थोड़ा थोड़ा ज़हर मिलाते जाना और जब मेरी बारी आएगी खाना देने, की मैं भी थोड़ा सा ज़हर मिला दिया करूंगा। जब सोहन की ड्यूटी होती थी। तब वह थोड़ा सा ज़हर खाने में मिला देता। और जब रोहन की ड्यूटी होती थी। वह भी खाने में ज़हर मिला देता था। कुछ दिनों बाद ज़हर से मोहन मृत्यु हो जाती है। सोहन और रोहन ने पहले तो cooperate किया। एक प्लान बनाया Several act के द्वारा अपराध को commit करने के लिए। ऐसा नहीं था कि एक ही बार में उन्होंने सारा ज़हर दे दिया था। उन्होंने हर रोज़ थोड़ा थोड़ा ज़हर दिया। मतलब उन्होंने Several act किए। तो इन दोनों पर IPC का section 37 लागू होगा। और दोनों पर मर्डर का चार्ज लगेगा।