पुलिस कितने समय में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करती है ?

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पुलिस कितने समय में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करती है ?

आज मैं आपके लिए लेकर आया हूँ , कि अगर किसी व्यक्ति के उप्पर कोई FIR दर्ज हो जाती है। तब पुलिस कितने समय में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करती है ? ये बहुत महत्वपूर्ण जानकारी है। यह जानकारी आपके ज़रूर काम आएगी। वैसे मैं आपको बता दूं कि जब किसी व्यक्ति को पुलिस गिरफ्तार करती है। गिरफ़्तारी भी investigate का एक पार्ट होता है। जो आरोप उस व्यक्ति पर लगाए गए है, विवेचना के दौरान वो आरोप उस व्यक्ति पर सही पाए जाते हैं। या उस व्यक्ति के विरुद्ध एविडेंस पाए जाते है। फिर investigation officer उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लेता है। और गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को पुलिस चौबीस घंटे से ज़्यादा कस्टडी में नहीं रख सकती। क्योंकि कानून ये कहता है, की गिरफ्तार व्यक्ति को चौबीस घंटे के अंदर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करना होता है। इसलिए पुलिस चौबीस घंटे के अंदर गिरफ्तार व्यक्ति को नज़दीक मजिस्ट्रेट की समक्ष पेश करती है। मजिस्ट्रेट उस व्यक्ति को जुडिशल कस्टडी में भेज देता है।

पुलिस कितने समय में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करती है ?, police kitne samhe me court me charge sheet dakhil karti hai

अगर कोई संगीन अपराध है। जिसमें उसको बेल नहीं मिल सकती है। उस दौरान पुलिस कस्टडी रिमांड भी मांग लेती है। क्योंकि संगीन अपराध है। और ऐसे में पुलिस चौबीस घंटे के अंदर अपनी जाँच पूरी कैसे करेगी। इसलिए पुलिस रिमांड मजिस्ट्रेट से पंद्रह-पंद्रह दिन के लिए लेती रहती है। अपनी जाँच पूरी करने के लिए।


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चार्ज शीट दाखिल करने की समय सीमा ?

अब यहां एक सवाल बहुत लोगो के मन में आता है, कि क्या चार्ज शीट दाखिल करने की कोई टाइम लिमिट है? अगर व्यक्ति जेल में नहीं है। तो फिर चार्ज शीट दाखिल होने की कोई समय सीमा नहीं है, कि पुलिस कितने दिनों में चार्ज शीट दाखिल करेगी। लेकिन यदि व्यक्ति जेल में हैं। और वह व्यक्ति ऐसे अपराध के लिए जेल में है। जिसकी सजा मृत्यु की है, या दस साल से ज्यादा की सजा है। तो ऐसे मामलों में नब्बे दिनों के अंदर चार्ज शीट कोर्ट में पेश होनी चाहिए। और इनके अलावा कोई ऐसा अपराध हैं। जिसमे मृत्यु की सजा नहीं है, या दस साल से कम की सजा है। ऐसे अपराधों के लिए अगर वो जेल में हैं, तब 60 दिनों के अंदर चार्ज शीट कोर्ट में investigate officer को सबमिट कर देना चाहिए।


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नब्बे दिनों से ज्यादा हो जाने पर चार्ज शीट कोर्ट में पेश नहीं हुई ?

ऐसे में उस व्यक्ति को जमानत पर रिलीज़ होने का अधिकार है। इसको डिफ़ॉल्ट बेल बोलते है। क्योंकि इस पर high court और supreme court ने काफी जजमेंट दिए हैं। यहां पर मुख्य बात ये है, कि अगर व्यक्ति जेल में हैं। और इन अपराधों के लिए जेल में है, जिसमें मृत्यु की सजा या दस साल से ज़्यादा की सजा है। और नब्बे दिनों के अंदर चार्ज शीट नहीं आती है। उस व्यक्ति को डिफ़ॉल्ट बेल के तहत बेल पर रिलीज़ का अधिकार है। और इनके अलावा कोई ऐसा अपराध हैं। जिसमे मृत्यु की सजा नहीं है, या दस साल से कम की सजा है। और 60 दिनों के अंदर चार्ज शीट नहीं आती है। उस व्यक्ति को भी डिफ़ॉल्ट बेल के तहत बेल पर रिलीज़ का अधिकार है।

निष्कर्ष:

मैंने पुलिस कितने समय में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करती है? को सिंपल तरीके से समझाने की कोशिश की है। मेरी ये ही कोशिश है, की जो पुलिस की तैयारी या लॉ के स्टूडेंट है, उनको IPC की जानकारी होनी बहुत जरुरी है। ओर आम आदमी को भी कानून की जानकारी होना बहुत जरुरी है।

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