आईपीसी धारा 58 क्या है? । IPC Section 58 in Hindi । उदाहरण के साथ

आज मैं आपके लिए IPC Section 58 in Hindi की जानकारी लेकर आया हूँ, पिछली पोस्ट में हमने  आपको आईपीसी (IPC) की काफी सारी धाराओं के बारे में बताया है। अगर आप उनको पढ़ना चाहते हो, तो आप पिछले पोस्ट पढ़ सकते है। अगर आपने वो पोस्ट पढ़ ली है तो, आशा करता हूँ की आपको वो सभी धाराएं समझ में आई होंगी।

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 58 क्या होती है?

IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 58 के अनुसार:-

“दण्ड प्रक्रिया संहिता (संशोधन) अधिनियम, 1955 (1955 का 26) की धारा 117 और अनुसूची द्वारा (1-1-1956 से) निरसित।”

As per section 58 of IPC (Indian Penal Code) :-

“Rep. by the Code of Criminal Procedure (Amendment) Act, 1955 (26 of 1955), sec. 117 and Sch. (w.e.f. 1-1-1956).”


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धारा 58 क्या है?

ऊपर जो IPC Section 58 की डेफिनेशन दी गयी है, वो कानूनी भाषा में दी गयी है, शायद इसको समझने में परेशानी आ रही होगी। इसलिए इसको मैं थोड़ा सिंपल भाषा का प्रयोग करके समझाने की कोशिश करता हूँ। IPC Section 58 को सरल शब्दों में समझाता हूँ।

IPC Section 58 को खत्म कर दिया गया है। इसको उन्नीस सौ पचपन (1955) में हटा दिया गया था। IPC Section 58 में बताया गया था, की कैदी के साथ कैसा बिहेवियर किया जाएगा, कैसा व्यवहार किया जाएगा। इसके बारे में बताया गया था। अब इसको भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) से हटा दिया गया है। अब यह भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) का हिस्सा नहीं है।

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About Advocate Ashutosh Chauhan

मेरा नाम Advocate Ashutosh Chauhan हैं, मैं कोर्ट-जजमेंट (courtjudgement) वेबसाईट का Founder & Author हूँ। मुझे लॉ (Law) के क्षेत्र में 10 साल का अनुभव है। इस वेबसाईट को बनाने का मेरा मुख्य उद्देश्य आम लोगो तक कानून की जानकारी आसान भाषा में पहुँचाना है। अधिक पढ़े...