प्रार्थिया पल्लवी शर्मा की ओर से विरूद्ध विपक्षीगण अंतर्गत धारा-१२ घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षण दिलाये जाने हेतु तथा भरण-पोषण के सम्बन्ध में अनुतोष प्राप्त करने हेतु यह प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किया गया है।
संक्षेप में प्रार्थना-पत्र का कथानक इस प्रकार है कि प्रार्थिया की शादी विपक्षी संख्या-१ के साथ दिनांक ०६.०५.२०१३ को हिन्दू रीतिरिवाज के अनुसार हुई थी जिसमें प्रार्थिया के परिवार वालों ने विपक्षीगण की इच्छा व मांग के अनुरूप दान दहेज देते हुए करीब बीस लाख रूपये खर्च किये थे परन्तु विपक्षीगण दिये गये दान दहेज से सन्तुष्ट नहीं थे और अतिरिक्त दहेज व दस लाख रूपये की मांग करते लगे और उसका उत्पीड़न करने लगे तथा उसके साथ अमानवीय व्यवहार करने लगे। प्रार्थिया के ससुर की सेवा निवृति के बाद प्रार्थिया कि साथ रहने आ गये और उसके साथ दुर्व्यवहार करते थे। विपक्षी संख्या-१ के कई स्त्रियों से अनैतिक सम्बन्ध थे जिसके सम्बन्ध में पूछने पर प्रार्थिया के साथ मारपीट की गई। विपक्षी संख्या-१ का स्थानान्तरण माह अक्टबर-२०१३ में गाजियाबाद में होने पर पूरा परिवार यहां शिफ्ट हो गया। विपक्षी संख्या-४ भी अन्य विपक्षीगण के साथ रहने के लिए आयी और प्रार्थिया को टार्चर किया, उसके साथ मारपीट व गालीगलौच की। विपक्षीगण द्वारा प्रार्थिया को शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। वर्ष २०१४ में विपक्षी संख्या-१ स्थानानतरण राम नगर होने पर वह प्रार्थिया के साथ नैनीताल शिफ्ट हो गया जहां पर भी प्रार्थिया के साथ मारपीट की गई व जान से मारने का प्रयास किया गया। दिनांक २७.०१.२०१६ को विपक्षी संख्या-१ ने प्रार्थिया को गर्भावस्था में मारपीट कर घर से बाहर दिकाल दिया। गर्भावस्था के दौरान प्रार्थिया अपने माता पिता के यहां रही जहां पर विपक्षी संख्या-१ कई बार आया और प्रार्थिया को शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। प्रार्थिया के माता पिता ने प्रार्थिया के भविष्य को देखते हुए कुछ रिश्तेदारों की सलाह लेकर प्रार्थिय को पुनः नैनीताल भेज दिया लेकिन विपक्षीगण द्वारा प्रार्थिया के साथ मारपीट व गालीगलौच की गई तथा प्रार्थिया व उसके परिवार को मारने की धमकी दी गई। प्रार्थिया एक घरेलू महिला है, उसकी आय का कोई साधन नहीं है। विपक्षीगण द्वारा प्रार्थिया को शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया है। विपक्षी संख्या-१ सैंट्रल बैंक में मैनेजर के पद पर कार्यरत है जिसे ७०,०००/-रूपये प्रतिमाह वेतन मिलता है जिसके पास प्रार्थिया व उसके भरण-पोषण के अतिरिक्त अन्य कोई दायित्व नहीं है।
प्रार्थिया की ओर से उपरोक्त आधारों परनिम्न अनुतोष की याचना की गई है:-
- विपक्षीगण को प्रार्थिया के विरूद्ध किसी भी प्रकार की घरेलू हिंसा कारित करने, किसी प्रकार सम्पर्क करने और प्रार्थिया के बीस लाख रूपये की मूल्य के स्त्रीधन व गहनों को हस्तान्तरण करने से रोक दिया जाये।
- विपक्षीगण को प्रार्थिया के निवास हेतु व्यवस्था करने अथवा किराये भुगतान हेतु आदेशित किया जाये।
- मु० ४०,००००/-रूपये प्रतिमाह बतौर भरण-पोषण प्रार्थिया व उसके पुत्र को दिलाया जाये।
- विपक्षीगण को आदेशित किया जाये कि वह मु० ८०,००,०००/-रूपये बतौर प्रतिकर शरीरिक पीड़ा व मानसिक उत्पीड़न में सम्बन्ध में अदा करे।
प्रार्थिया द्वारा आवेदन प्रस्तुत करने के उपरान्त विपक्षीगण को नोटिस प्रेषित किये गये। विपक्षीगण द्वारा न्यायालय में उपस्थित होकर प्रार्थना-पत्र के विरूद्ध आपत्ति प्रस्तुत की गयी।
संक्षेप में विपक्षीगण की आपत्ति निम्नवत है:-
विपक्षीगण द्वारा प्रार्थिया के विपक्षी संख्या-१ की पत्नी होने के तथ्य को स्वीकार करते हुए शेष कथनों को अस्वीकार किया है तथा कथान किया है कि उनके द्वारा कोई दुर्व्यहार विपक्षीगण के साथ नहीं किया गया है। उनके द्वारा कोई दान दहेज की मांग नहीं की गई और न ही कोई दान दहेज विपक्षीगण को दिया गया था। विपक्षीगण ने कभी दस लाख रूपये की मांग नहीं की। प्रतिवादी संख्या-२ अपने पैतृक निवास २३६ मौहल्ला कोट पूर्वी सम्भल में तथा सेवा निवृति के उपरान्त वह अपनी पत्नी के साथ इसी निवास स्थल में रहा है तथा रहने के उद्देश्य वह वह विपक्षी संख्या-१ के पोस्टिंग के स्थल पर नहीं गया। विपक्षी संख्या-१ के किसी स्त्री से कोई अनैतिक सम्बन्ध नहीं रहे हैं और न ही उसके द्वारा प्रार्थिया के साथ कोई मारपीट की गई। विपक्षी संख्या-४ दीपिका देवरानी विवाहित है उसका पति मोबाईल इंजीनीयर है जो अपने पति के साथ अलग रहती है। उसने वादिनी के साथ किसी प्रकार का कोई उत्पीड़न नहीं किया। विपक्षीगण कभी भी रामनगर अथवा नैनीताल वादिनी के साथ शिफ्ट नहीं हुए और न ही कभी लम्बे समय तक वादिनी के साथ लगातार रहे। विपक्षीगण ने परिवादिया को कभी भी गर्भावस्था के दोरान मारपीट कर घर से नहीं निकाला। परिवादिया के पुत्र का जन्म सम्भल स्थित अस्पताल में दिनांक २७.०१.२०१६ को हुआ। परिवादिया बी.सी.ए. पास है और प्राईवेट नौकरी करके चालीस हजार रूपये प्रतिमाह वेतन प्राप्त कर रही है। परिवादिया ने अकारण ही विपक्षी संख्या-१ का परित्याग किया हुआ है।
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मेरा नाम आशुतोष चौहान हैं, मैं कोर्ट-जजमेंट ब्लॉग वेबसाईट का Founder & Author हूँ। मैं पोस्ट ग्रेजुएट हूँ। मैं एक Professional blogger भी हूँ। मुझे लॉ से संबंदित आर्टिकल लिखना पसंद है।