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Moni vs Deepchandra Domestic Violence Judgement

Ashutosh Chauhan by Ashutosh Chauhan
November 28, 2022
in Judgements, Domestic Violence judgement
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Domestic Violence
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प्रार्थिया श्रीमती मोनी की ओर से विरूद्ध विपक्षीगण अंतर्गत धारा-१२ घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षण दिलाये जाने हेतु तथा भरण-पोषण के सम्बन्ध में अनुतोष प्राप्त करने हेतु यह प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किया गया है।

संक्षेप में प्रार्थना-पत्र का कथानक इस प्रकार है कि प्रार्थिया का प्रथम विवाह नीटू पुत्र बीर सिंह के साथ सम्पन्न हुआ था। उसके व नीटू के वैवाहिक सम्बन्धों से तीन पुत्र मार्शल आयु १२ वर्ष, निखिल आयु ९ वर्ष व हिमांशु आयु ६ वर्ष पैदा हुए। प्रार्थिया के पति की मृत्यु दिनांक ०६.०६.२०१५ को हो गई। तदोपरान्त प्रार्थिया अपने मायके आ गई। प्रार्थिया के मृतक पति के निवास स्थान भीमनगर हापुड, थाना हापुड़ देहात के पास ही विपक्षी संख्या-१ अपने परिवार के साथ रहता है तथा जब अपने पति की मृत्यु के उपरान्त प्रार्थिया अपने मायके आ गयी तो तभी विपक्षीगण प्रार्थिया के निवास पर आये, जो पहले से प्रार्थिया के मायके वालों को जानते थे, आये और विपक्षी संख्या-१ का रिश्ता प्रार्थिया के साथ करने की बात कही तथा शादी के बाद बच्चों को अपने पास रखने व उनका प्रत्येक दायित्व निर्वहन करने की बात कही जिस पर परिवादिया सहमत हो गयी तथा समाज के लोगों में परिवादिया व विपक्षी संख्या-१ की बातें करायी गई। विपक्षी संख्या-१ ने परिवादिया से कहा कि वह हर कीमत पर उससे विवाह करेगा और तीनों बच्चों को अपनी संतान मानकर उनकी परवरिश करेगा और कोई परेशानी किसी प्रकार की नहीं होने देगा। तत्पश्चात दिनांक १५.१२.२०१५ को परिवादिया का विवाह हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार विपक्षीगण, तमाम रिश्तेदार व समाज के लोगों की मौजूदगी में सम्पन्न हुआ तथा विवाह का पंजीयन कराया गया। विवाह के पश्चात बच्चों की सुरक्षा हेतु विपक्षी संख्या-१ का हलफनामा इस आशय का तहरीर कराया गया कि वह तीनों बच्चों को अपने पास रखेगा और उनकी हर जायज जरूरतों को पूरा करते हुए एक पिता के समान बच्चों के हर प्रकार के दायित्व का निर्वहन करेगा। विवाह में परिवादिया के मायके वालों ने स्त्रीधन के रूप में जेवरात, १,५१,०००/-रूपये नकद तथा घरेलू सामान, जिसकी सूची वाद-पत्र के साथ संलग्न है, दिया था जो विपक्षीगण को अमानत के रूप में सोंपा गया था, जो विपक्षीगण के पास तथा बार-बार मांगने के उपरान्त भी वापस नहीं किया है। विवाह के उपरान्त परिवादिया विपक्षीगण के निवास स्थान पर गयी और विपक्षीगण की खूब सेवा की। विवाह के दस-पन्द्रह दिन बाद विपक्षीगण बात-बात पर झगड़ा करने लगे और परिवादिया के तीनों बच्चों के साथ मारपीट करने लगे और कहने लग की यदि परिवादिया को बच्चों के साथ घर में रहना है तो पांच लाख रूपये दिला दे व सौ वर्ग गज का प्लाट उनके नाम करा दे अन्यथा वह उसे नहीं रखेंगे। इसके पश्चात विपक्षीगण ने एक राय होकर परिवादिया को तरह-तरह की शारीरिक व मानसिक यातनाएँ दी और दहेज उत्पीड़न करने लगे। परिवादिया ने इसकी शिकायत अपने मायके वालों से की तो उन्होंने विपक्षीगण को समझाने का प्रयास किया परन्तु विपक्षीगण नहीं माने। विपक्षी संख्या-४ शुरू से ही परिवादिया पर नजर रखता था तथा उसने परिवादिया के साथ अश्लील हरकतें की जिसकी शिकायत करने पर विपक्षीगण ने परिवादिया को बहुत मारा। दिनांक १०.०२.२०१६ की रात्रि में परिवादिया अपने कमरे में अकेली थी तभी समय करीब १०.०० बजे रात्रि में विपक्षी संख्या-४ उसके कमरे में जबरदस्ती घुस आया और अश्लील हरकतें करने लगा व बलात्कार करने का प्रयास किया तथा परिवादिया किसी तरह से इज्जत बचा कर बाहर आयी तो उसके सास व ससुर आ गये तथा परिवादिया ने उक्त घटना उन्हें बतायी तो उन्होनें कहा कि वह इसी लायक है तथा विपक्षी संख्या-२ ता ४ ने उसके साथ बहुत मारपीट की। दिनांक ११.०२.२०१६ को विपक्षी संख्या-१ जब घर पर आया तो परिवादिया ने उसे तमाम बातें बतायी तो विपक्षी ने नकदी व प्लाट की बात कहते हुए उसके साथ मारपीट की और बच्चों सहित मारपीट कर उसे घर से निकाल दिया। तत्पश्चात परिवादिया किसी तरह अपने मायके आयी और तमाम बाते बताई तथा परिवादिया के घर वालों ने परिवादिया की गृहस्थी बची रहने की बात सोच कर विपक्षीगण पर सामाजिक दबाब बनाया जिससे विपक्षीगण चिढ़ गये। दिनांक २३.०६.२०१६ को समय करीब ८.०० बजे रात्रि में विपक्षीगण एक गाड़ी में दो बदमाशों को लेकर परिवादिया पिता के निवास पर आये और गाड़ी खड़ी करके घर में जबरदस्ती घुस गये और प्लाट उनके नाम कराने व पांच लाख रूपये लेकर साथ चलने या फिर तलाक के कागजात पर साईन करने की बात कही। परिवादिया द्वारा मना करने पर विपक्षीगण ने अभद्र गालीगलौच की व लातघूसों से उसे मारना पीटना शुरू कर दिया। जब परिवादिया की माता बचाने आयी तो उसके साथ भी मारपीट व अश्लील हरकतें की व घर में तोड़फोड की व परिवादिया पर तेजाब डालने का प्रयास किया। शोर पर आस पास के लोग आ गये तो विपक्षीगण कोई कार्यवाही करने व बिना मांग पूरी किये उनके यहां जाने पर जान से मारने की धमकी दी। इस घटना का शिकायत थाना सिहानीगेट में की व एस.एस.पी. को प्रार्थना-पत्र दिया। विपक्षीगण ने बिना किसी युक्तियुक्त कारण के दहेज की मांग पूरी न होने के कारण दिनांक ११.०२.२०१६ से परिवादिया व उसके बच्चों का परित्याग किया हुआ है। परिवादिया व उसके बच्चों का भरण-पोषण करने का नैतिक दायित्व विपक्षी पर है जिसका वह निर्वहन नहीं कर रहा है। परिवादिया एक घरेलू महिला है उसके पास रहने के लिए कोई स्थान ना ही स्वयं व अपने बच्चों के भरण-पोषण को कोई जरिया है। विपक्षी बी.काम. पास है तथा घर पर कम्प्यूटर लगा रखे हैं और बच्चों को कोचिंग देता है जिससे उसे लगभग एक लाख रूपये मासिक आय प्राप्त होती है। विपक्षी संख्या-१ पर परिवादिया व उसके बच्चों के अलावा किसी प्रकार की कोई जिम्मेदारी नहीं है।

उपरोक्त वर्णित आधारों पर प्रार्थिया द्वारा निम्नलिखित अनुतोष की याचना की गई है:-

  • विपक्षी संख्या-१ को आदेशित किया जाये कि वह परिवादिनी को बीस हजार रूपये व तीनों बच्चों को दस-दस हजार रूपये मासिक अर्थात कुल पचास हजार रूपये परिवादिया व उसके तीनों पुत्रो के भरण-पोषण हेतु वाद योजित करने की तिथि से अदा करे।
  • मकान किराया आदि के मद में विपक्षी से सात हजार रूपये मासिक वाद योजित करने तिथि से दिलाये जायें।
  • परिवादिया का समस्त स्त्रीधन विपक्षीगण से वापस दिलाया जाये।
  • विपक्षीगण को घरेलू हिंसा कारित करने से रोका जाये तथा परिवादिया व उसके बच्चों की सुरक्षा करायी जाये।
  • परिवादिया को परिवाद का व्यय अधिवक्ता फीस ३१,०००/-रूपये व विविध व्यय ५,०००/-रूपये कुल ३६,०००/-रूपये एक मुश्त विपक्षी से दिलाया जाये।
  • परिवादिनी को प्रत्येक तिथि पर स्वयं आने जाने के लिए पांच सौ रूपये, एक अन्य व्यक्ति को साथ लाने के लिए पांच सौ रूपये अनुमानित तीस तिथियों के लिए ३०,०००/-रूपये एक मुश्त दिलाये जायें।
  • घरेलू हिंसा कारित करने के सम्बन्ध में विपक्षीगण को तलब कर दण्डित किया जाये।
  • अन्य अनुतोष जो हितकर परिवादिया हो प्रदान किया जाये।

पूरा जजमेंट पढ़ने के लिए निचे PDF को पढ़े।

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