About Family Law in Hindi – What is Family Law?

दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे पारिवारिक कानून के बारे में (About Family Law). यह Family Law कहां Applicable होता है? और पारिवारिक विधि में कौन कौन सी बातें शामिल है? दोस्तों, आप लोगों ने Family Court का नाम सुना होगा, Family Court, जिला Court से एक अलग Court होती है। जहां पर पारिवारिक मुकदमे चलते हैं। अब यह Family Law क्या है? इसको थोड़ा समझते हैं।

About Family Law in Hindi
About Family Law in Hindi

दोस्तों, सबसे पहले मैं आपको बताना चाहूंगा की कानून कितने प्रकार के होते है। कानून तीन प्रकार के होते है।

  1. Public Law- यह Law सभी पर लागू होता है। जैसे Constitutional Law (संवैधानिक कानून), Administrative Law (प्रशासनिक व्यवस्था), Police ACT (पुलिस कार्रवाई) यह सभी पर Applicable होते है। और साथ में जितने भी Criminal Law (फौजदारी कानून) हैं वो भी Public Law में आते हैं।
  2. Private Law- यह Law किसी विशेष व्यक्ति पर लागू होता है। यह सिर्फ दो Parties पर लागू होता है। Landlord के जो कानून हैं, वो कानून Private Law कहलाते हैं।
  3. Personal Law- यह कानून Religion (धर्म) पर आधारित होते हैं। धर्म मतलब Religion Custom Tradition यानी ऐसे कानून जो धर्म रीति परंपराओं पर आधारित होते हैं, उन कानूनों को Personal Law कहा जाता है। Family Law भी Personal Law के अंदर आता है।

About Family Law – What is Family Law?

दोस्तों, Family Law परिवार पर लागू होता है। परिवार कैसे बनता है? व्यक्तियों के समूह से परिवार बनता है, और परिवार से समाज का निर्माण होता है। परिवार समाज की इकाई है, और इसी से पूरा समाज का निर्माण हुआ है। प्रत्येक व्यक्ति का जो पहला School होता है, जो पहली पाठशाला होती है, वो परिवार होती है। परिवार से ही व्यक्ति को एक आदर्श व्यक्ति बनने के गुण आते हैं, जिसको हम सभ्यता और संस्कार बोलते हैं। वह परिवार से प्राप्त होते हैं, तो परिवार को First Civilization (पहली सभ्यता) का पहला पायदान कहा जाता है। सभ्यता की पहली निशानी जो है, वह परिवार होती है। परिवार से ही व्यक्ति को संस्कार प्राप्त होते हैं, तो इस संस्कार से ही व्यक्ति में Discipline (अनुशासन) उत्पन्न होता है। परिवार भी अनेक प्रकार के होते है, जैसे Joint Family (संयुक्त परिवार), Nuclear Family (एकल परिवार), और कई जगहों पर Patriarchal Family भी होती हैं। अब इन परिवारों में एक महत्वपूर्ण बात Relations (संबंध) की होती है, इसी को ही हम सगे संबंधी बोलते हैं। वह परिवार में ही उत्पन्न होते हैं, जैसे माता पिता, दादा दादी, चाचा चाची, भाई बहन, पति पत्नी आदि। ये रिश्ते परिवार के अंतर्गत आते हैं।

ये जो Family होती है, इसमें परिवार के हर सदस्य की एक दूसरे के प्रति Duties होती है, कुछ कर्तव्य होते हैं। यदि वह कर्तव्य नहीं निभाते हैं, तो ऐसी स्थिति में हिंदू Law Applicable हो जाता है। हिंदू Law के जो Disputes (विवाद) होते हैं, वह Family Court में Applicable होते हैं। यह Mutual Rights (आपसी अधिकार) हैं। क्या परिवार के सदस्य एक दूसरे का Respect (आदर) कर रहे हैं?, क्या परिवार का मुखिया सही तरीके से Protect (रक्षा) कर रहा है? और जो Protect (रक्षा) करता है, Punishment (दंड) का अधिकार भी उसी के पास होता है। इन सब बातों को हिंदू Law Cover करता है। इस प्रकार से Hindu Law, Muslim Law, Christian Law यह सब Personal Law की श्रेणी में आते हैं।

Family Law किस-किस पर Applicable होता है?

Family Law किस-किस पर Applicable होता है? इसके लिए मैं आपको कुछ पॉइंट बतायूँगा जो कुछ इस प्रकार है।

  • Marriage- परिवार में Marriage (शादी) एक महत्वपूर्ण Concept होता है। परिवारों का जो आपस में मिलन होता है, समाज की जो Bonding (संबंध) होती है, वह एक Marriage (शादी) से होती है। शादी के जितने भी विवाद होंगे जैसे तलाक होना, Separation होना, जीवन का पुनर्जागरण होना, वह सब Family Law के अंतर्गत आते हैं। (सिर्फ Cruelty और Dowry Demand को छोड़कर, वह चूंकि आपराधिक में चले जाते हैं.)
  • Divorce (तलाक)- ये शब्द आप लोगों ने सुना होगा, यह भी Family Law का बिंदु है।
  • Adoption- यदि किसी व्यक्ति को बच्चा नहीं है, तो वह बच्चा गौद लेने की क्या प्रक्रिया होगी? गोद किससे लिया जाएगा किसको दिया जाएगा? यह सारी बातें Adoption में बताई गई है। यह भी Family Law का बिंदु है।
  • Maintenance- आपको पता है, पत्नी को पति से मेंटेनेंस पाने का राइट होता है। इसी प्रकार बच्चों को अपने पेरेंट्स से मेंटेनेंस पाने का अधिकार होता है। ऐसे ही बूढ़ों को, जैसे दादा दादी, माता पिता, यदि वह खुद को मेन्टेन नहीं कर सकते तो वह अपने बच्चों से भरण पोषण मांग सकते है। यह मेंटेनेंस के जो बिंदु है, यह भी Family Law के अंतर्गत आते हैं।
  • Legitimacy (वैधता)- बच्चा नाजायज़ है, कि जायज है? या बच्चा वैदिक है, कि नहीं है? क्या उसका प्रॉपर्टी में राइट्स है? क्या परिवार का नाम उस बच्चे को मिलेगा? यह Legitimacy (वैधता) वाले जो बिंदु होते हैं, यह भी Family Law के बिंदु है।
  • Guardianship (संरक्षण)- आप लोगों ने Guardianship पढ़ा होगा। क्या पैरेंट बच्चों का सही तरीके से संरक्षण कर रहा है? क्या बच्चों को सही से प्रोटेक्ट कर रहा है? कहीं ऐसा तो नहीं वह अपनी ड्यूटी सही से नहीं निभा रहा है। यह सारे Family Law के अंतर्गत आते हैं।
  • Custody of Child (बच्चे की अभिरक्षा)- जब माता पिता तलाक लेते हैं, तो बच्चे की Custody किसके पास होगी? क्या बच्चा मां के पास रहेगा? क्या बच्चा पिता के पास रहेगा? यह जो बिंदु होते हैं, यह भी Family Law के अंतर्गत Decide किए जाते हैं।
  • Succession (उत्तराधिकार)- यदि परिवार का मुखिया या परिवार का कोई सदस्य Expire होता है, तो उसकी प्रॉपर्टी कहां जाएगी, कैसे जाएगी, कितने पार्ट में जाएगी, किस अनुपात में जाएगी। यह सब बातें हिंदू succession Act, मुस्लिम में मुस्लिम शरीयत Act, Christian में Christian Act, उनके हिसाब से Applicable होता है। क्योंकि सभी के जो पारिवारिक रूल्स हैं, जैसे हिंदू के पारिवारिक रूल्स अलग होते हैं।

जब पारिवारिक विवाद होता है, तो सब के अपने Personal Law यानी की प्रत्येक धर्म के अनुसार Family Law Applicable होता है। Family Law Civil Law की श्रेणी में आता है। यह Criminal Law की श्रेणी में नहीं आता है। लेकिन इसके मुक़दमे Court के अलावा एक अलग जगह पर चलते हैं, जिसको हम Family Court कहते हैं। इस प्रकार Family Law जो है, वो Family Matters को Control करता है। इसलिए इसको Family Law कहा जाता है।

FAQs:- (अक्सर Family Law में पूछे जाने वाले सवाल) –

प्रश्न:- पारिवारिक विवाद के मुकदमे कंहा चलते है?

उत्तर:- पारिवारिक विवाद के मुकदमे Family Court में चलते है।

प्रश्न:- Family Law कंहा Applicable होता है?

उत्तर:- Personal Law यानी की प्रत्येक धर्म के अनुसार Family Law Applicable होता है।

प्रश्न:- Family Law किस श्रेणी में आता है?

उत्तर:- Family Law Civil Law की श्रेणी में आता है।

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About Advocate Ashutosh Chauhan

मेरा नाम Advocate Ashutosh Chauhan हैं, मैं कोर्ट-जजमेंट (courtjudgement) वेबसाईट का Founder & Author हूँ। मुझे लॉ (Law) के क्षेत्र में 10 साल का अनुभव है। इस वेबसाईट को बनाने का मेरा मुख्य उद्देश्य आम लोगो तक कानून की जानकारी आसान भाषा में पहुँचाना है। अधिक पढ़े...