Bharatiya Nyaya Sanhita 28 in Hindi – BNS 28 in Hindi
सम्मति, जिसके संबंध में यह ज्ञात हो कि वह भय या भ्रम के अधीन दी गई है- कोई सम्भति ऐसी सम्मति नहीं है, जैसी इस संहिता की किसी धारा से आशयित है,-
- (क) यदि वह सम्मति किसी व्यक्ति ने क्षति के भय के अधीन, या तथ्य के किसी भ्रम के अधीन दी हो, और यदि कार्य करने वाला व्यक्ति यह जानता हो, या उसके पास विश्वास करने का कारण हो, कि ऐसे भय या भ्रम के परिणामस्वरूप वह सम्मति दी गई थी, अथवा
- (ख) यदि वह सम्मति ऐसे व्यक्ति ने दी हो, जो चित्तविकृति, या मतता के कारण, उस बात की, जिसके लिए वह अपनी सम्मति देता है, प्रकृति और परिणाम को समझने में असमर्थ हो; अथवा
- (ग) जब तक संदर्भ से तत्प्रतिकूल प्रतीत न हो, यदि वह सम्मति ऐसे व्यक्ति ने दी हो, जो बारह वर्ष से कम आयु का है।
Bharatiya Nyaya Sanhita 28 in English – BNS 28 in English
Consent known to be given under fear or misconception- A consent is not such a consent as is intended by any section of this Sanhita,–
- (a) if the consent is given by a person under fear of injury, or under a misconception of fact, and if the person doing the act knows, or has reason to believe, that the consent was given in consequence of such fear or misconception; or
- (b) if the consent is given by a person who, from mental illness, or intoxication, is unable to understand the nature and consequence of that to which he gives his consent; or
- (c) unless the contrary appears from the context, if the consent is given by a person who is under twelve years of age.