Bharatiya Nyaya Sanhita 67 in Hindi – BNS 67 in Hindi
पति द्वारा अपनी पत्नी के साथ पृथक्करण के दौरान या प्राधिकार में किसी व्यक्ति द्वारा मैथुन- जो कोई, अपनी पत्नी के साथ, जो पृथक्करण की डिक्री के अधीन या अन्यथा, पृथक रह रही है, उसकी सम्मति के बिना मैथुन करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि दो वर्ष से कम की नहीं होगी किंतु जो सात वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।
स्पष्टीकरण- इस धारा में, “मैथुन” से धारा 63 के खंड (क) से खंड (घ) में वर्णित कोई कृत्य अभिप्रेत है।
Bharatiya Nyaya Sanhita 67 in English – BNS 67 in English
Sexual intercourse by husband upon his wife during separation or by person in authority- Whoever has sexual intercourse with his own wife, who is living separately, whether under a decree of separation or otherwise, without her consent, shall be punished with imprisonment of either description for a term which shall not be less than two years but which may extend to seven years, and shall also be liable to fine.
Explanation- In this section, “sexual intercourse” shall mean any of the acts mentioned in clauses (a) to (d) of section 63.