भारतीय कानून हिंदी में | Indian Law in Hindi | उदाहरण के साथ

दोस्तों आज मैं आपके लिए एक आर्टिकल लेकर आया हूँ। जिसमे मैं आपको Indian Law in Hindi (भारतीय कानून हिंदी में) के बारे में जानकारी दूंगा। मेरा प्रयास भारतीय कानून को अत्यंत आसान भाषा में समझने का रहेगा। उम्मीद करता हूँ, इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप सभी को भारतीय कानून में कोई शंका नहीं रह जाएगी। चूंकि कानून में प्रयोग होने वाले शब्द अत्यंत जटिल होते हैं। जिस वजह से आप सभी को कानून को समझने में बड़ी दिक्कतें आती है। तो इस आर्टिकल का उद्देश्य यह है, कि कानून को आप सब लोग आसानी से समझ सकें। इसके लिए मैं आपको कुछ उदाहरण भी दूंगा जिससे आप इसे अच्छे से समझेंगे।

Indian Law in Hindi
Indian Law in Hindi

Indian Law in Hindi – कानून क्या है? – भारतीय कानून की जानकारी

हर भारतीय नागरिक को कानून की जानकारी होना बहुत ज़रूरी है। अब इसमें एक बड़ी विचित्र बात है, कि जो भारत का कानून (Indian Law in Hindi) है, वह इतने जटिल शब्दों में होता है, कि उसे आम आदमी समझ नहीं पाता है। हर भारतीय नागरिक के ऊपर कानून लागू है। कोई भी व्यक्ति यह नहीं कह सकता कि मेरे ऊपर कानून लागू नहीं है। भारतीय कानून की जानकारी के लिए हमे पीछे जाना होगा। क्योंकि मेरी कोशिश ये है, की मैं आपको जानकारी Step By Step दूँ।

भारतीय कानून हिंदी में

पुराने जमाने में जब कानून नहीं था। तब उस टाइम के व्यक्तियों ने आपस में मिल कर रहना शुरू किया। जिसको हम कबीले बोलते हैं। कबीले के लोग भोजन की तलाश में इधर से उधर भटकते थे। क्योंकि उस समय लोगो को कृषि के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। धीरे धीरे उन्होंने कृषि एग्रीकल्चर यानी के अनाज उगाना सीखा, पशु पालन करना सीखा। तब उन्होंने एक ही जगह पर अपना जीवन जीना प्रारंभ किया। यहीं से हमको पता है, मोहनजोदाड़ो की सभ्यता, सिंधु घाटी सभ्यता। जिसमे एक समाज का निर्माण हुआ। आगे चलकर इसी समाज को कंट्रोल करने के लिए अथॉरिटी की ज़रूरत पड़ी। यानी समाज के ऊपर नियंत्रण रखने के लिए एक अथॉरिटी की ज़रूरत पड़ी। जिसको हम राजा कहते हैं। फिर भारतीय समाज राज्य में कन्वर्ट हो गया। यही से राज्य का निर्माण हुआ। जिसको हम राजा रानी वाला सिस्टम कहते हैं। इस समाज में दो प्रकार के Act होने लगे।

  1. Expected Act
    ऐसे लोग जो समाज की व्यवस्था के अनुरूप कार्य करते थे। लेकिन उनमे से कुछ ऐसे लोग भी थे, जो समाज की व्यवस्था के अनुरूप कार्य नहीं करते थे। समाज की व्यवस्था का मतलब है, की समाज ने कुछ रूल सर्व सहमति से बनाये। कि कोई व्यक्ति किसी के ऊपर अपराध नहीं करेगा। कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को बिना किसी कारण के नहीं मारेगा। यह Expected Act थे। समाज ने इसको Expect किया था।
  2. Unexpected Act
    कुछ ऐसे कार्य जो समाज में प्रतिबंधित थे। जैसे चोरी, लूट, हत्या, धोखा धड़ी आदि। इस तरह के अपराधों को Unexpected Act कहा जाता था।

Expected Act और Unexpected Act के लिए कुछ नियमों का जन्म हुआ। सारे समाज की गतिविधियों पर नियंत्रण करना ज़रूरी था। की लोगों का व्यवहार अच्छा होना चाहिए, कोई व्यक्ति अपराध ना करें, कोई व्यक्ति किसी की प्रॉपर्टी की चोरी ना करे, कोई व्यक्ति किसी के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग ना करें। इन सब को नियंत्रण करने के लिए और समाज को कंट्रोल करने के लिए कुछ नियम की ज़रूरत महसूस हुई। यह सारे नियम कायदे राज्यों ने बनाना प्रारंभ कर दिए। जिसको हम पुराना सिस्टम कहते हैं, जो की राजा के दुवारा पारित किये गए। उसके बाद बादशाह वाला सिस्टम आया। फिर उसके बाद अंग्रेज़ों ने कंट्रोल किया। आज हमारे देश का संविधान और देश के जितने भी कानून है, जैसे :-

भारतीय दण्ड संहिता – (Indian Penal Code) इसलिए बनाया गया ताकि कोई व्यक्ति Indian Penal Code के डर से अपराध ना करें। IPC की डर की वजह से कई लोग अपराध नहीं करते हैं। इसलिए हर एक्टिविटी के लिए कोई न कोई कानून बना। इसका मुख्य कारण देश को कंट्रोल करना है। यही सब कंट्रोल करने के लिए नियम का जन्म हुआ।

नैतिकता और कानून में संबंध क्या है?

इसको अच्छे से समझाने के लिए मैं आपको नैतिकता और कानून में संबंध बताता हूँ। जब हम छोटे थे तो हमारे Syllabus में एक बुक मोरल साइंस हुआ करती थी। उस बुक में अच्छी अच्छी कहानी आती थी और कहानी के अंत में Question हुआ करते थे। उस Question में पूछा जाता था, की इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है? नैतिकता में ऐसे नियम होते हैं, जो हमें करने चाहिए। हमें माता पिता का सम्मान करना चाहिए, हमें किसी को तंग परेशान नहीं करना चाहिए, हमें किसी को हानि नहीं पहुचानी चाहिए। तो क्या ये सब भी कानून है? नहीं, सारे कानून नहीं है। कितने लोग एक दिन में कितने झूठ बोल लेते हैं? क्या झूठ बोलना अपराध है? नहीं, यह अपराध नहीं है। क्योंकि झूठ बोलना नैतिकता अनैतिकता हो सकता है, लेकिन अपराध नहीं क्योंकि न्यायालय या कानून ने इसको अभी तक अपराध घोषित नहीं किया है। किसी की मदद करना, यह नैतिकता का कानून है, कि हमें सभी की मदद करनी चाहिए पर कुछ व्यक्ति मदद नहीं करते। कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो दूसरे को तकलीफ में देख उल्टा खुश होते हैं। इसके लिए कोई Law नहीं है।

आशा करता हूँ, मेरे दुबारा भारतीय कानून की जानकारी (Indian Law in Hindi) आपको पसंद आयी होगी।

FAQs:- (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

प्रश्न:- भारत में कानून कौन बनाता है?

उत्तर:- राष्ट्र के लिए कानूनों का निर्माण संसद में किया जाता है। और राज्य के लिए कानूनों का निर्माण राज्य विधायिका करती है। इन सब में बिल पास कराया जाता है।

प्रश्न:- भारत का सर्वश्रेष्ठ कानून कौन सा है?

उत्तर:- भारतीय संविधान जो सर्वोच्च कानून है।

प्रश्न:- भारत में कानून कब लागू हुआ?

उत्तर:- 26 जनवरी 1950.

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About Advocate Ashutosh Chauhan

मेरा नाम Advocate Ashutosh Chauhan हैं, मैं कोर्ट-जजमेंट (courtjudgement) वेबसाईट का Founder & Author हूँ। मुझे लॉ (Law) के क्षेत्र में 10 साल का अनुभव है। इस वेबसाईट को बनाने का मेरा मुख्य उद्देश्य आम लोगो तक कानून की जानकारी आसान भाषा में पहुँचाना है। अधिक पढ़े...