दोस्तों, क्या आप जानते है, की अगर पांच या पांच से ज्यादा लोग गैरकानूनी रूप से कहीं जमा है, और उनका इरादा गैरकानूनी काम करने का है, तो क्या हमारे भारतीय कानून में इसकी कोई सजा का प्रावधान है? तो आज के इस आर्टिकल में हम चर्चा करने वाले हैं, IPC 142 In Hindi यानी भारतीय दंड संहिता की धारा 142 क्या है?, इसको कब और किन-किन अपराध में लगाया जाता है? सभी Question के हल जानने के लिए आर्टिकल में अंत तक बने रहे।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 142 क्या होती है?
विधिविरुद्ध जमाव का सदस्य होना:- “जो कोई उन तथ्यों से परिचित होते हुए, जो किसी जमाव को विधिविरुद्ध जमाव बनाते हैं, उस जमाव में साशय सम्मिलित होता है या उसमें बना रहता है, वह विधिविरुद्ध जमाव का सदस्य है, यह कहा जाता है।”
ऊपर जो डेफिनेशन दी गयी है, वो कानूनी भाषा में दी गयी है, शायद इसको समझने में परेशानी आ रही होगी। इसलिए इसको मैं थोड़ा सिंपल भाषा का प्रयोग करके समझाने की कोशिश करता हूँ।
IPC 142 in Hindi – ये धारा कब लगती है?
पिछले आर्टिकल में हमने IPC का Section 141 के बारे में बात की थी। वो आर्टिकल आपने नहीं पढ़ा है, तो सबसे पहले उस आर्टिकल को आपको पढ़ना होगा तभी आपको IPC का Section 142 समझ में आएगा। फिर भी मैं आपको हल्का सा बता देता हूँ। धारा 141 के अंदर बताया गया था कि Unlawful Assembly क्या होती है? Unlawful Assembly गैरकानूनी लोगों का समूह है। उसको गैरकानूनी समूह कब माना जाता है। उसके लिए मैंने पांच पॉइंट्स बता दिए थे कि जब अपराध करने की इंटेंशन (इरादा) के साथ वह समूह जब इकट्ठा होता है। उसको Unlawful Assembly माना जाता है।
धारा 142 में बताया गया है, कि जानबूझकर मतलब, उसको सब कुछ पता है, उस व्यक्ति को सब कुछ पता है, कि यह जो Assembly है, यह जो लोगों का जमावड़ा है, लोगों का समूह है, यह गैर कानूनी है, यह Unlawful है। कि कोई व्यक्ति गलत काम करने जा रहा है। तब भी अगर कोई व्यक्ति जान बूझकर सब कुछ जानते हुए भी उस Unlawful Assembly का हिस्सा बनता है, उस ग्रुप को ज्वाइन करता है। अगर उसको ज्वाइन कर लेता है, उस ग्रुप में जाकर शामिल हो जाता है, तो उस व्यक्ति को भी उस ग्रुप का मेंबर माना जाएगा। उसको उस समूह का सदस्य माना जाएगा। इसमें यही बताया गया है, कि अगर कोई व्यक्ति सब कुछ जानते हुए भी Unlawful Assembly का हिस्सा बनता है, उस पांच या पांच से ज़्यादा लोगों का जो ग्रुप है, जो कि ग्रुप कोई अपराध करने की योजना के साथ बनाया गया है। अगर कोई उसको ज्वाइन कर लेता है, तो उसको भी उस ग्रुप का मेंबर माना जाएगा, उस ग्रुप का सदस्य माना जाएगा।
उदाहरण –
मान लीजिए A, B, C, D, E नाम के पांच व्यक्ति है। उनका इरादा सरकारी जमीन पर कब्ज़ा करने का है। अब श्याम नाम का व्यक्ति इन पांचो व्यक्तियों का दोस्त है। श्याम को भी सब पता है, की ये लोग सरकारी जमीन पर कब्ज़ा करना चाहते है। फिर भी श्याम उनके साथ जमीन पर कब्ज़ा करने के लिए उनके साथ चला जाता है। तो श्याम भी अपराधी माना जायेगा। क्योंकि वो सब कुछ जानते हुए भी Unlawful Assembly का हिस्सा बन रहा है।
मैंने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा IPC 142 in Hindi को सिंपल तरीके से समझाने की कोशिश की है। “यह धारा गैर-कानूनी विधिविरुद्ध जमाव का सदस्य होने पर लगायी जाती है।” अगर आपके इस धारा को लेकर कोई भी क्वेश्चन है, तो आप निसंकोच कमेंट बॉक्स में हमसे पूछ सकते है। इस धारा को अपने दोस्तों और फैमली मेंबर में शेयर करे ताकि और लोगो तक ये इनफार्मेशन पहुंचाई जा सके। लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यबाद।