IPC 146 in Hindi- आईपीसी धारा 146 क्या है?- सजा, जमानत, बचाव- उदाहरण के साथ

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IPC Section 146 in Hindi – दोस्तों, हमारा भारतीय कानून बड़े अच्छे ढंग से बनाया गया है। लेकिन कुछ लोग जाने अनजाने में फिर भी गलती कर देते है। अगर कोई ग्रुप जिसमे पांच या उससे जायदा व्यक्ति है और वो कोई बल्वा (दंगा फसाद) करते है। तो क्या उनको सजा मिलेगी? इसके लिए भी कोई कानून बना है? जी हाँ इसके लिए भी हमारे कानून में सजा का प्रावधान है। ये भी एक अपराध है। तो आज के इस आर्टिकल में हम चर्चा करने वाले हैं, IPC 146 In Hindi यानी भारतीय दंड संहिता की धारा 146 क्या है?, IPC DHARA 146 KYA HAI?, आईपीसी धारा 146 को कब और किन-किन अपराध में लगाया जाता है? और आईपीसी धारा 146 में अपना बचाव कैसे करे? सभी Question के हल इस आर्टिकल में मिलेगे।

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IPC DHARA 146 KYA HAI?

आईपीसी की धारा 146 को समझने से पहले आपको धारा 145 को समझना होगा। क्योंकि ये दोनों धाराएं एक दूसरे से जुडी हुई है। मैंने धारा 145 को काफी अच्छे ढंग से समझाया है, आप एक बार वो आर्टिकल जरूर पढ़े।

IPC 146 in Hindi – आईपीसी धारा 146 क्या है? आईपीसी धारा 146 कब लगती है?

आईपीसी की धारा 146 कहती है, कि अगर पांच या पांच से ज़्यादा लोगों का ग्रुप एक जगह इकट्ठा होता है, पांच से ज़्यादा कितने भी हो सकते हैं, कम से कम पांच होने चाहिए तो पांच या पांच से ज़्यादा लोगों का ग्रुप अगर कोई गलत काम करने के लिए, कोई अपराध करने के लिए इकट्ठा होता है और सबका मैन ऑब्जेक्ट एक ही है। वह अपना बल का प्रयोग करके वायलेंस करते हैं, अपनी फाॅर्स का यूज़ करके कोई हिंसा करते हैं। जैसे कार को जला दिया, बस को जला दिया, पब्लिक प्रॉपर्टी में तोड़ फोड़ कर दी, लोगों के साथ मारपीट कर दी या कोई नया कानून आया है, उसका विरोध कर रहे हैं, वायलेंस कर रहे हैं। तब अगर ऐसे में कोई वायलेंस करता हैं, तोड़ फोड़ करता हैं, मारपीट करता हैं, तब उस ग्रुप पर आईपीसी की धारा 146 लगेगी। चाहे उस ग्रुप में से सिर्फ दो लोगों ने ही वायलेंस की है बाकी लोग उनके साथ खड़े हैं उनका इंटेंशन (इरादा) एक ही था कि हाँ ऐसा ही होना चाहिए। चाहे उन बाकी लोगों ने कुछ भी नहीं किया वो केवल साथ में खड़े हैं। उन सारे के सारे लोगों पर आईपीसी की धारा 146 लगेगी और सबको पनिशमेंट सैम मिलेगी। आईपीसी की धारा 146 का मैं आपको एक उदहारण देता हूँ तब आपके सभी डाउट क्लियर हो जायेंगे।

आईपीसी धारा 146 का उदाहरण-

मान लीजिए, सूंदर नाम के व्यक्ति के पास उसके दोस्त ने फ़ोन किया की भाई पुलिस के खिलाफ हम धरना देने जा रहे है हमने एक ग्रुप बनाया है जिसमे बीस लोग शामिल है तू भी हमारे साथ धरने में चल। सूंदर को इस बात की पूरी जानकरी थी की ये धरना क्यों किया जा रहा है और इस धरने में वायलेंस भी होगा। लेकिन वो सोचता है की मैं अपने दोस्त को मना करूँगा तो ये बुरा मान जायेगा। सूंदर उस धरने में जाने के लिए तैयार हो जाता है ये सोच कर की अगर वायलेंस या मार पिटाई होगी तो मैं बीच में नहीं पडूंगा। लेकिन ये गलत है अगर उस धरने में वायलेंस या मार पिटाई हुई तो भले ही सूंदर खड़ा रहे कुछ न बोले फिर भी सूंदर पर भी आईपीसी की धारा 146 के तहत करवाई होगी। क्योंकि सूंदर को पहले से पता था की उस धरने में वायलेंस या मार पिटाई जरूर होगी वो पहले से जानता था फिर भी उस ग्रुप में शामिल हुआ। इस उदहारण से आपको क्लियर हो गया होगा।

आईपीसी धारा 146 में अपना बचाव कैसे करे?

आईपीसी धारा 146 में अपना बचाव करने के लिए, मैं आपको कुछ पॉइंट बता रहा हूँ।

  • यदि कोई भी व्यक्ति चाहे वो आपका दोस्त हो या फ़ैमिली मेंबर हो, अगर वो आपको किसी ऐसी सभा या आंदोलन में लेकर जा रहा है, और आप ये बात जानते है, की उस सभा में दंगा फसाद जरूर होगा। तो आपको उस सभा में नहीं जाना चाहिए बल्कि उनको भी रोकना चाहिए।
  • यदि आप निर्दोष है, और आप पर आईपीसी की धारा 146 लग गयी है, तो घबराए नहीं किसी अच्छे वकील को अपने केस के लिए नियुक्त करे।
  • यदि आप निर्दोष है, और आपके पास सबूत है, तो उन सभी एविडेन्स को संभाल के रखे और अपने वकील को दे।
  • नोट: अपने आप को बचाने के लिए कोर्ट में झूठा गवाह या सबूत पेश न करें। नहीं तो आप और जायदा फस सकते है।

उम्मीद करता हूं, आपको भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 146 (IPC 146 in Hindi) समझ में आ गयी होगी। मैंने इसको सिंपल शब्दों में समझाने की कोशिश की है, अगर फिर भी कोई Confusion रह गई है, तो आप कमेंट बॉक्स में क्वेश्चन कर सकते है। मुझे आंसर देने में अच्छा लगेगा।

FAQs:- (अक्सर आईपीसी धारा 146 में पूछे जाने वाले सवाल) –

अगर पांच या पांच से ज़्यादा लोगों का ग्रुप कोई अपराध करने के लिए एक जगह इकट्ठा होता है, और सबका मैन ऑब्जेक्ट एक ही है। तब अगर ऐसे में कोई वायलेंस करता हैं, तोड़ फोड़ करता हैं, मारपीट करता हैं, तब उस ग्रुप पर आईपीसी की धारा 146 लगेगी। ये ही आईपीसी की धारा 146 में बताया गया है।

दंगाई सार्बजनिक स्थान पर किया जा सकता है और बल्वा निजी या सार्बजनिक स्थान पर किया जा सकता है यानिकी दोनों स्थान पर किया जा सकता है। दंगाई में दो या दो से अधिक व्यक्ति होने चाहिए बल्कि बल्वा में पांच या पांच से अधिक व्यक्ति होने चाहिए।

निष्कर्ष:

मैंने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 146 (IPC 146 in Hindi) को सिंपल तरीके से समझाने की कोशिश की है। मेरी ये ही कोशिश है, की जो पुलिस की तैयारी या लॉ के स्टूडेंट है, उनको IPC की जानकारी होनी बहुत जरुरी है। ओर आम आदमी को भी कानून की जानकारी होना बहुत जरुरी है।

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