IPC 328 in Hindi- भारतीय दंड संहिता (IPC) भारत में लागू होने वाली कानूनी धाराएं है। यह संहिता 1860 में ब्रिटिश राज द्वारा बनाई गई थी और आज भी भारत में लागू है। IPC में कुल 511 धाराएं हैं, जो विभिन्न प्रकार के अपराधों को परिभाषित करती हैं।
IPC 328 in Hindi- ये धारा कब लगती है?
धारा 328 तब लगती है, जब कोई आदमी क्षति कारित करने या अपराध करने के उदेश्ये से किसी दूसरे आदमी के खाने में कोई जहरीली चीज मिला देता है या नशे की कोई चीज़ मिला देता है या फिर उसको खाने की कोई जहरीली चीज देता है। अगर उसको खाने से उस आदमी की जान को खतरा हो जाता है। तो ये धारा उस अपराधी पर लगायी जाती है। क्योंकि ऐसा करना कानून की नज़र में जुर्म माना गया है।
धारा 328 के लिए आवश्यक तत्व-
इस धारा के तहत अपराध होने के लिए निम्नलिखित तीन आवश्यक तत्व हैं:
- विष या जहरीले पदार्थ का इस्तेमाल:- आरोपी ने किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए, या किसी अपराध को करने के लिए, या किए जाने को सुकर बनाने के लिए, या यह सम्भाव्य जानते हुए कि वह तद्दवारा नुकसान पहुंचाएगा, किसी विष या जहरीले पदार्थ का प्रसारण किया हो।
- नुकसान पहुंचाना:- आरोपी के किये गये काम से पीड़ित व्यक्ति को कोई नुकसान पहुंचा हो। नुकसान शारीरिक, मानसिक, या आर्थिक हो सकता है।
- जानबूझकर नुकसान पहुंचाना:- आरोपी ने जानबूझकर नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया हो।
IPC धारा 328 में सजा का क्या प्राबधान है?
IPC धारा 328 में अपराधी दुबारा जानबूझकर अपराध करने के आशय से किसी दूसरे व्यक्ति को विष इत्यादि देता है। अगर आरोपी व्यक्ति पर दोष सिद्ध हो जाता है तो उसको दंड के रूप में दस वर्ष तक का कारावास और जुर्माने की सजा से दण्डित किया जा सकता है।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
---|---|---|---|---|
अपराध करने के आशय से विष इत्यादि द्वारा उपहति कारित करना | 10 वर्ष तक की जेल व जुर्माना। | संज्ञेय (Cognizable) अपराध की श्रेणी में आती है। | यह गैर-जमानतीय अपराध है | यह सत्र न्यायालय के द्वारा विचाराधीन होती है। |
उदाहरण-
मान लीजिए कि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को नशे की गोली खिलाकर उसे लूटने की योजना बनाता है। वह व्यक्ति गोली पीड़ित व्यक्ति को दे देता है। पीड़ित व्यक्ति गोली खाकर बेहोश हो जाता है। इस स्थिति में, आरोपी को इस धारा के तहत दंडित किया जा सकता है।
धारा 328 में जमानत–
इस धारा के तहत अपराध करने पर, आरोपी व्यक्ति को जमानत मिलने की संभावना कम होती है। क्योंकि यह धारा एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आती है। इसलिए इसको संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा गया है और साथ में यह धारा गैर जमानतीय भी है। इसलिए इसमें जमानत के लिए आपको एक अनभवी वकील की जरुरत होगी। जो आपको जमानत दिलवा सके।
FAQs-
प्रश्न:- IPC 328 के तहत क्या अपराध है?
उत्तर: जो कोई इस आशय से कि किसी व्यक्ति को उपहति कारित की जाए या अपराध करने के, या किए जाने को सुकर बनाने के आशय से, या यह संभाव्य जानते हुए कि वह तद्द्वारा उपहति कारित करेगा, कोई विष या जड़िमाकारी, नशा करने वाली या अस्वास्थ्यकर औषधि या अन्य चीज उस व्यक्ति को देगा या उसके द्वारा लिया जाना कारित करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
प्रश्न:- IPC 328 के मामले की सजा क्या है?
उत्तर: इस धारा के अंतर्गत अगर आरोपी व्यक्ति न्यालय में दोषी पाया जाता है तो उसको 10 साल तक की सजा व जुर्माना से दण्डित किया जा सकता है।
प्रश्न:- IPC 328 संज्ञेय अपराध है या गैर – संज्ञेय अपराध है?
उत्तर: ऐसे अपराध को एक संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा गया है।
प्रश्न:- IPC की धारा 328 के मामले में अपना बचाव कैसे करे?
उत्तर: ऐसे मामले में बचाव के लिए आपको एक अच्छे से अच्छा वकील करना होगा। वो ही आपको जमानत या बरी करवा सकता है। क्योंकि ऐसा अपराध कानून की नज़र में संगीन अपराध माना गया है।
प्रश्न:- IPC की धारा 328 जमानती अपराध है या गैर-जमानती अपराध है?
उत्तर: इस धारा के अपराध को गैर जमानतीय अपराध माना गया है। जिसमे जमानत कोर्ट से ही ली जा सकती है।
प्रश्न:- IPC की धारा 328 में समझौता किया जा सकता है?
उत्तर: इस धारा के अपराध में समझौता नहीं किया जा सकता है।
प्रश्न:- IPC 328 का मुकदमा किस अदालत में चलाया जा सकता है?
उत्तर: ऐसे मामले की सुनवाई सत्र न्यायालय के दुबारा की जा सकती है।