आईपीसी धारा 61 क्या है? । IPC Section 61 in Hindi । उदाहरण के साथ

आज मैं आपके लिए IPC Section 61 in Hindi की जानकारी लेकर आया हूँ, पिछली पोस्ट में हमने  आपको आईपीसी (IPC) की काफी सारी धाराओं के बारे में बताया है। अगर आप उनको पढ़ना चाहते हो, तो आप पिछले पोस्ट पढ़ सकते है। अगर आपने वो पोस्ट पढ़ ली है तो, आशा करता हूँ की आपको वो सभी धाराएं समझ में आई होंगी ।

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 61 क्या होती है?

IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 61 के अनुसार :-

हर सम्पत्ति के समपहरण का दण्डादेश :- “भारतीय दण्ड संहिता के समपहरण का दण्डादेश भारतीय दण्ड संहिता (संशोधन) अधिनियम, 1921 (1921 का 16) की धारा 4 द्वारा निरसित। ”

As per section 61 of IPC (Indian Penal Code) :-

Sentence of forfeiture of property :- “[Rep. by the Indian Penal Code (Amendment) Act, 1921 (16 of 1921), sec. 4.]”


Also Read –IPC Section 60 in Hindi


धारा 61 क्या है?

ऊपर जो  डेफिनेशन दी गयी है, वो कानूनी भाषा में दी गयी है, शायद इसको समझने में परेशानी आ रही होगी। इसलिए इसको मैं थोड़ा सिंपल भाषा का प्रयोग करके समझाने की कोशिश करता हूँ।

IPC Section 61 को खत्म कर दिया गया है। इस सेक्शन को 1921 में हटा दिया गया था। इस सेक्शन में क्या बताया गया था। इसके बारे में बताता हूँ। पहले भारत में जज के पास यह पावर होती थी की वह किसी की भी प्रॉपर्टी को बिना मालिक की मर्ज़ी के कब्ज़ा कर सकते थे। मान के चलिए सरकार को किसी प्रॉपर्टी की ज़रूरत होती थी। जैसे कहीं पर सरकार को रेलवे स्टेशन बनाना है, फिर सरकार कोर्ट से आर्डर करा लेती थी। और जज बिना जमीन मालिक की सहमति के आर्डर कर देते थे की यंहा पर अब रेलवे स्टेशन बनेगा और अब ये जमीन सरकार की हो गयी। तब उस मालिक की मर्ज़ी नहीं चलती थी। आर्डर हो जाता था। ये ही IPC Section 61 में बताया गया था।

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About Advocate Ashutosh Chauhan

मेरा नाम Advocate Ashutosh Chauhan हैं, मैं कोर्ट-जजमेंट (courtjudgement) वेबसाईट का Founder & Author हूँ। मुझे लॉ (Law) के क्षेत्र में 10 साल का अनुभव है। इस वेबसाईट को बनाने का मेरा मुख्य उद्देश्य आम लोगो तक कानून की जानकारी आसान भाषा में पहुँचाना है। अधिक पढ़े...