आईपीसी धारा 62 क्या है? । IPC Section 62 in Hindi । उदाहरण के साथ

आज मैं आपके लिए IPC Section 62 in Hindi की जानकारी लेकर आया हूँ, पिछली पोस्ट में हमने  आपको आईपीसी (IPC) की काफी सारी धाराओं के बारे में बताया है। अगर आप उनको पढ़ना चाहते हो, तो आप पिछले पोस्ट पढ़ सकते है। अगर आपने वो पोस्ट पढ़ ली है तो, आशा करता हूँ की आपको वो सभी धाराएं समझ में आई होंगी ।

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 62 क्या होती है?

IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 62 के अनुसार :-

मॄत्यु, निर्वासन या कारावास से दण्डनीय अपराधियों की बाबत सम्पत्ति का समपहरण :- “भारतीय दण्ड संहिता (संशोधन) अधिनियम, 1921 (1921 का 16) की धारा 4 द्वारा निरसित।”

As per section 62 of IPC (Indian Penal Code) :-

Forfeiture of property, in respect of offenders punishable with death, transportation or imprisonment :- “Rep. by the Indian Penal Code (Amendment) Act, 1921 (16of 1921), sec. 4.”


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धारा 62 क्या है?

ऊपर जो  डेफिनेशन दी गयी है, वो कानूनी भाषा में दी गयी है, शायद इसको समझने में परेशानी आ रही होगी। इसलिए इसको मैं थोड़ा सिंपल भाषा का प्रयोग करके समझाने की कोशिश करता हूँ।

IPC Section 62 को खत्म कर दिया गया है। ये सेक्शन अब भारतीय दंड संहिता (IPC) का हिस्सा नहीं है। इस सेक्शन में क्या बताया गया था। इसके बारे में बताता हूँ। पहले भारत में जिस अपराधी को मौत (death), निर्वासन (transportation) या कारावास (imprisonment) की सज़ा होती थी। तब ऐसे में कोर्ट के द्वारा यह आर्डर कर दिया जाता था, कि उसकी जितनी भी प्रॉपर्टी है, उस पर सरकार का कब्ज़ा कर, जब्त कर ली जाए। लेकिन अब IPC Section 62 भारतीय दंड संहिता (IPC) का हिस्सा नहीं है। ये ही IPC Section 62 में बताया गया था।

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About Advocate Ashutosh Chauhan

मेरा नाम Advocate Ashutosh Chauhan हैं, मैं कोर्ट-जजमेंट (courtjudgement) वेबसाईट का Founder & Author हूँ। मुझे लॉ (Law) के क्षेत्र में 10 साल का अनुभव है। इस वेबसाईट को बनाने का मेरा मुख्य उद्देश्य आम लोगो तक कानून की जानकारी आसान भाषा में पहुँचाना है। अधिक पढ़े...