Shivani Bhadoriya Vs. Shivendra singh 125 CRPC Judgement

याचीगण की ओर से यह प्रार्थना पत्र धारा 125 दं.प्र.सं. के अन्तर्गत विपक्षी से भरण-पोषण भत्ता प्राप्त करने हेतु प्रस्तुत किया गया है।

प्रार्थिनी का कथन संक्षेप में इस प्रकार है कि प्रार्थिनी की शादी विपक्षी के साथ दिनांक 02-12-2007 को हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार हुई थी। शादी में प्रार्थिनी के पिता ने अपनी सामर्थ्य के अनुसार सोने व चाँदी के आभूषण व घर गृहस्थी का सामान व दस लाख रूपये दान दहेज के रूप में दिया था किन्तु विपक्षी व उसके परिजन दान दहेज से सन्तुष्ट नही थे। प्रार्थिनी विदा होकर ससुराल गयी तो कम दहेज मिलने का ताना देते हुए अतिरिक्त दहेज में पाँच लाख रूपये की मॉग विपक्षी व उसके परिजन करने लगे परन्तु प्रार्थिनी अपना वैवाहिक जीवन बचाने हेतु समस्त उत्पीडन बर्दाश्त करती रहीं है। विपक्षी को अपनी भाभी के रेखा भदौरिया से ज्यादा मधुरता से निकटतम मेल मिलाप करते देखा तो प्रार्थिनी ने मना किया इस पर विपक्षी प्रार्थिनी को बहुत मारना पीटना शुरू कर दिया। प्रार्थिनी ने एक रात विपक्षी शिवेन्द्र सिंह भदौरिया को उसकी भाभी रेखा भदौरिया के साथ आपत्तिजनक स्थित में अवैध सम्बन्ध बनाते हुए पकड लिया, उसके बाद प्रार्थिनी के साथ मारपीट और अधिक होने लगी।

प्रार्थिनी सब कुछ सहन करती रहीं, इसी दौरान विपक्षी व प्रार्थिनी के संसर्ग से दो पुत्रिया क्रमशः संस्कृति व आन्या को जन्म दिया । वर्ष 2015 में विपक्षी की पद स्थापना सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद पर भारतीय जीवन बीमा निगम कार्यालय निवाडी मध्य प्रदेश में हुई तब प्रार्थिनी निवाडी में मातन मुहल्ला स्थित श्रीमती उर्मिला चौबे के मकान में रहने के दौरान विपक्षी व उसके घर वाले महीने में अक्सर आया जाया करते थे और प्रार्थिनी के साथ मारपीट कर उसे उत्पीडित किया करते थे। विपक्षी व उसकी भाभी रेखा ने एक षडयंत्र बनाया कि प्रार्थिनी को मार के रास्ते हटा से दो और दिनांक 01- 03-2019 को विपक्षी ने अपनी भाभी के उक्साने पर प्रार्थिनी को जबरदस्ती बलपूर्वक जहर खिला दिया ।

प्रार्थिनी ने अपने बचने के लिए शोर मचाया तो भय से विपक्षी प्रार्थिनी को ग्लोबल हास्पीटल झॉसी ले गया और विपक्षी ने प्रार्थिनी के मायके वालों को सूचना दी और उसी दौरान विपक्षी व उसके परिजनो ने प्रार्थिनी के जेवर व गहने चुराकर गायब कर दिया । विपक्षी प्रार्थिनी को हास्पीटल में पुत्रियों के साथ छोडकर चला गया। प्रार्थिनी ने उक्त की घटना की सूचना थाना निवाडी में अपराध संख्या – 70/2019, अन्तर्गत धारा – 498 ए, 323, 506,34 भा.द.स. के रूप में दर्ज कराया तब से प्रार्थिनी अपनी पुत्रियों के साथ मायके में रह रहीं है । प्रार्थिनी केवल घर ग्रहस्थी का ही कार्य जानती है, कोई ऐसा कार्य नहीं जानती है जिससे वह अपना व अपनी नावालिग पुत्रियों का भरण पोषण कर सकें। विपक्षी सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद पर भारतीय जीवन बीमा निगम में है जिससे उसकी आमदनी करीब एक लाख रूपये प्रतिमाह होगी तथा प्रार्थिनी व उसकी नाबालिग पुत्रियों का भरण पोषण करने में पूर्णतः सक्षम है। प्रार्थिनी ने स्वयं के लिए भरण पोषण हेतु 20,000 रूपये प्रतिमाह एंव आवेदक संख्या-2 संस्कृति भदौरिया व आवेद संख्या – 3 आन्या भदौरिया के भरण पोषण हेतु 15-15 हजार रूपये प्रति माह, इस प्रकार कुल 50,000/-रूपये दिलाये जाने हेतु निवेदन किया गया । प्रार्थिनी के वाद पत्र के कथन शपथ पत्र कागज संख्या- 4 व से समर्थित है।

See also  Smt. Ruby Vs Gambhir 125 CRPC Judgement

विपक्षी को नोटिस भेजे गये, विपक्षी न्यायालय उपस्थित आया। विपक्षी ने अपना प्रतिवाद पत्र/जवाव दावा कागज संख्या – 13 अ प्रस्तुत किया गया । विपक्षी ने अपनी आपत्ति में प्रार्थिनी के प्रार्थना पत्र की जिमन संख्या – 1 वादिया के साथ विवाह का होना स्वीकार किया है तथा विपक्षी ने आवेदन पत्र की जिमन संख्या – 2, 3, 4 में वर्णित कथन असत्य एंव वनावटी है जिन्हें अस्वीकार किया है। विपक्षी ने आवेदन पत्र की जिमन संख्या – 5 में दो पुत्रियों क्रमशः संस्कृति व आन्या, संसर्ग से….

पूरा जजमेंट पढ़ने के लिए निचे PDF को पढ़े।

Rate this post
Share on:

Leave a comment