• Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Sitemap
  • Contact Us
Court Judgement
  • Home
  • About Us
  • 498A IPC in Hindi
  • Domestic Violence in Hindi
  • Divorce in Hindi
  • Judgements
    • 498a Judgement
    • Domestic Violence judgement
    • 406 IPC in hindi
    • 302 IPC Judgement in Hindi
    • 376 IPC Judgement in Hindi
  • IPC
  • Contact Us
No Result
View All Result
  • Home
  • About Us
  • 498A IPC in Hindi
  • Domestic Violence in Hindi
  • Divorce in Hindi
  • Judgements
    • 498a Judgement
    • Domestic Violence judgement
    • 406 IPC in hindi
    • 302 IPC Judgement in Hindi
    • 376 IPC Judgement in Hindi
  • IPC
  • Contact Us
No Result
View All Result
Court Judgement
No Result
View All Result
Home Judgements

Suman vs Ashok Domestic Violence Judgement

Ashutosh Chauhan by Ashutosh Chauhan
December 22, 2022
in Judgements, Domestic Violence judgement
0
Domestic Violence
0
SHARES
16
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

प्रार्थिया श्रीमती सुमन व उसकी अवयस्क पुत्री कु० ध्रुवी व कु० दृष्टि की ओर से विरूद्ध विपक्षीगण अंतर्गत धारा-१२ घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षण दिलाये जाने हेतु तथा भरण-पोषण के सम्बन्ध में अनुतोष प्राप्त करने हेतु यह प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किया गया है।

संक्षेप में प्रार्थना-पत्र का कथानक इस प्रकार है कि प्रार्थिया की शादी विपक्षी अशोक कुमार के साथ दिनांक ३०.०४.२००७ को हिन्दू रीतिरिवाज के अनुसार जनपद गाजियाबाद में हुई थी जिसमें प्रार्थिया के परिवारवालों ने अपनी हैसियत से अधिक दान दहेज व गृहस्थी का सामान देते हुए लगभग दस लाख रूपये खर्च किये थे, जो प्रार्थिया का स्त्रीधन है व विपक्षीगण के कब्जे में है। विपक्षीगण दिये गये दान दहेज से संतुष्ट नहीं थे तथा पांच लाख रूपये अतिरिक्त दहेज की मांग करते थे। प्रार्थिया के पति का व्यवहार प्रार्थिया के प्रति शुरू से ही क्रूरता पूर्ण रहा, उसने कभी भी प्रार्थिया को पत्नी होने का सम्मान नहीं दिया और हमेशा शारीरिक कष्ट दिया जिसका सहयोग अन्य विपक्षीगण करते रहे। वैवाहिक सम्बन्धों के परिणाम स्वरूप प्रार्थिया ने दो पुत्रियों जिनके नाम कु० ध्रुवी व कु० दृष्टि है, को जन्म दिया। दोनों पुत्रियों के पैदा होने के पश्चात विपक्षीगण का व्यवहार प्रार्थिया के विरूद्ध और भी क्रूरता पूर्ण हो गया तथा वह प्रार्थिय को साथ न रखने व दूसरी शादी करने की धमकी देने लगे। विपक्षी दहेज की मांग पूरी न होने के कारण प्रार्थिया व उसकी पुत्रियों को किराये के मकान में छोड़ कर चला गया है। विपक्षीगण ने काफी समय से प्रार्थिया व उसकी पुत्रियों को कोई भी खर्चा नहीं दिया है और न ही किसी प्रकार की सुध ली है। विपक्षी संख्या-१ पढ़ा लिखा व्यक्ति है और मैट्रो स्टेशन के पास नोएडा में सर्विस करता है जिससे प्रति माह ४५,०००/-रूपये आय होती है। इसके अलावा वह कोचिंग देता है जिससे ५०,०००/-रूपये की आय होती है। प्रार्थिया एक कम पढ़ी लिखी घरेलू महिला है, उसकी आय का कोई साधन नहीं है। प्रार्थिया किसी प्रकार का कढाई बुनाई का कार्य नहीं जानती है, उसके पास कोई चल/अचल सम्पत्ति नहीं है तथा वह पूर्ण रूप से अपने माता पिता व भाई पर निर्भर है। प्रार्थिया आय के अभाव में अपनी पुत्रियों का एडमीशन नहीं करा पा रही है जिससे उनका भविष्य अंधकार मय हो रहा है। प्रार्थिया का पति बिना किसी कारण के अपनी जिम्मेदारी से विमुख हो रहा है। विपक्षीगण द्वारा प्रार्थिया के साथ लगातार प्रताड़ित, अपमानित, शरीरिक व मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है।

उपरोक्त वर्णित आधारों पर प्रार्थिया द्वारा निम्नलिखित अनुतोष की याचना की गई है:-

  • क- विपक्षीगण को परिवादिया के साथ मारपीट करने, उत्पीड़न करने, दहेज की मांग करने से रोका जाये तथा परिवादिया को उपरोक्त वर्णित मकान में निवास हेतु कब्जा प्रदान किया जाये तथा परिवादिया के शांति पूर्ण उपयोग में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न करने से विपक्षीगण को रोका जाये।
  • ख- परियादिया को शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना के कारण हुए क्षति के प्रतिकर स्वरूप विपक्षीगण से पांच लाख रूपये एक मुश्त दिलाये जायें।
  • ग- परिवादिया व उसकी पुत्रियों को भरण-पोषण व चिकित्सा आदि के खर्च हेतु चालीस हजार रूपये प्रतिमाह विपक्षीगण से दिलाया जाये व अन्य अनुतोष जिसे न्यायालय उचित समझे दिलाया जाये।

प्रार्थिया द्वारा आवेदन प्रस्तुत करने के उपरान्त विपक्षीगण को नोटिस प्रेषित किये गये जिनके द्वारा न्यायालय में उपस्थित होकर प्रार्थना-पत्र के विरूद्ध आपत्ति प्रस्तुत की गयी।

संक्षेप में विपक्षीगण की आपत्ति निम्नवत है:-

विपक्षीगण द्वारा प्रार्थिया के विपक्षी संख्या-१ की पत्नी होने के तथ्य को स्वीकार करते हुए घरेलू हिंसा होने के तथ्य को अस्वीकार किया है तथा कथन किया है कि करीब चार साल पहले प्रार्थिया विपक्षी संख्या-१ की अनुमति/सहमति के बिना अपने भाई के साथ अपना स्त्रीधन व विपक्षी की माता के जेवर लेकर चली गई। विपक्षी द्वारा परिवादिया को लाने का भरसक प्रयास किया तथा इस सम्बन्ध में प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय गाजियाबाद में वाद संख्या-१८०४/१५ अशोक कुमार बनाम सुमन अंतर्गत धारा-९ हिन्दू विवाह अधिनियम दायर किया। विपक्षीगण द्वारा न तो कभी दहेज की मांग की गई है और न ही कभी प्रार्थिया का उत्पीड़न किया गया है। इसके अलावा बच्चों की संरक्षकता के सम्बन्ध में एक विविध वाद संख्या-५९/२०१६ अशोक कुमार बनाम सुमन गौतम अंतर्गत धारा-२५ संरक्षक एवं प्रतिपालय अधिनियम के तहत प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, गाजियाबाद में संस्थित किया है। परिवादिया अपना समस्त सामान व स्त्रीधन चार साल पहले ले कर जा चुकी है। परिवादिया को कोई बीमारी नहीं है। परिवादिया विपक्षी संख्या-१ पर दबाब बनाती थी कि मैं तुम्हारे परिवार वालों के साथ नहीं रह सकती। अलग रहने की व्यवस्था नहीं की गई तो जान दे दूंगी। दिनांक २३.०३.२०१४ को परिवादिया द्वारा अपने हाथ की नस काट ली गई। दबाव में विपक्षी परिवादिया को लेकर अलग-अलग जगह पर रहा। परिवादिया किसी प्रकार का कोई अनुतोष प्राप्त करने की अधिकारी नहीं है।

मेरे द्वारा विगत तिथि पर परिवादिया के विद्वान अधिवक्ता के तर्क सुने गये तथा विपक्षी को निर्णय से पूर्व लिखित तर्क प्रस्तुत करने हेतु अवसर प्रदान किया गया परन्तु विपक्षी की ओर से कोई लिखित तर्क प्रस्तुत नहीं किये गये। ऐसी दशा में प्रस्तुत प्रकरण पत्रावली पर उपलब्ध प्रपत्रों /साक्ष्य के आधार पर निर्णीत किया जा रहा है। पत्रावली का अवलोकन किया।

परिवादिया द्वारा मौखिक साक्ष्य में पी.डब्लू -१ के रूप में स्वयं का बयान कराया है तथा सूची दिनाकित २७.१०.२०१७ से प्रमाणित प्रतिलिपि आदेश दिनांकित १७.१०.२०१७ वाद संख्या-५९/१६ परिवार न्यायालय, गाजियाबाद, प्रमाणित प्रति आदेश-पत्रक १८०४/२०१५ परिवार न्यायालय, गाजियाबाद तथा एस०एस०पी० को प्रेषित पत्र की प्रतिलिपि दाखिल की गई है। वहीं विपक्षी की ओर से प्रतिरक्षा में ड़ी.डब्लू,-१ के रूप में विपक्षी संख्या-१ अशोक कुमार का बयान कराया गया है। साक्षी पी.डब्लू.-१ के रूप में साक्षी सुमन की ओर से दाखिल मुख्य परीक्षा शपथ-पत्र में परिवाद के कथनों का समर्थन किया गया है। वहीं इस साक्षी द्वारा जिरह में कथन किया है कि मेरी शादी दिनांक ३०.०४.२००७ को भाटिया मोड़ दौलतपुरा धर्मशाला में हुई थी। मैं अशोक को शादी से एक माह पहले से जानती थी। मेरी बड़ी बेटी का जन्म कैलाश अस्पताल मे हुआ था। उस समय मैं सूरजपुर अपने पति के साथ रहती थी। दूसरी पुत्री का जन्म १६.१२.२०१२ को हुआ था। झगडे की तारीख याद नहीं है। मेरी ससुराल में चार ननद, दो जेठ, एक देवर, दो जिठानी व सास ससुर हैं। मेरी पति जहां नौकरी करते थे मैं वही रहती थी। मेरे ससुराल वालों का आना जाना लगा रहता था। कभी-कभी हम भी ससुराल चले जाते थे। मैं किराये के मकान में रहती हूँ । ….

पूरा जजमेंट पढ़ने के लिए निचे PDF को पढ़े।

Please wait while flipbook is loading. For more related info, FAQs and issues please refer to DearFlip WordPress Flipbook Plugin Help documentation.

Domestic Violence के सभी जजमेंट पढ़ने के लिए यंहा क्लिक करे।

Tags: Suman vs Ashok Domestic Violence Judgement
Previous Post

State of UP vs satish 406 IPC Judgement

Next Post

Swati vs Sushobit Domestic Violence Judgement

Ashutosh Chauhan

Ashutosh Chauhan

इस वेबसाइट पर उपलब्ध सभी जजमेंट ओर जानकारी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की ऑफिसियल वेबसाइट से ली गयी है। किसी भी जजमेंट को आप डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर क्रॉस चेक कर सकते है।

Next Post
Domestic Violence

Swati vs Sushobit Domestic Violence Judgement

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join Telegram

Recent Post

IPC 56 in Hindi, IPC Section 56 in Hindi, आईपीसी धारा 56 क्या है?, धारा 56 क्या है?

आईपीसी धारा 56 क्या है? । IPC Section 56 in Hindi । उदाहरण के साथ

by Ashutosh Chauhan
April 1, 2023
0

IPC Section 56 in Hindiआज मैं आपके लिए IPC Section 56 in Hindi की जानकारी लेकर आया हूँ, पिछली पोस्ट...

IPC 55 in Hindi, IPC Section 55 in Hindi, आईपीसी धारा 55 क्या है?, धारा 55 क्या है?

आईपीसी धारा 55 क्या है? । IPC Section 55 in Hindi । उदाहरण के साथ

by Ashutosh Chauhan
April 1, 2023
0

IPC Section 55 in Hindi आज मैं आपके लिए IPC Section 55 in Hindi की जानकारी लेकर आया हूँ, पिछली...

IPC 54 in Hindi, IPC Section 54 in Hindi, आईपीसी धारा 54 क्या है?, धारा 54 क्या है?

आईपीसी धारा 54 क्या है? । IPC Section 54 in Hindi । उदाहरण के साथ

by Ashutosh Chauhan
March 30, 2023
0

IPC Section 54 in Hindi आज मैं आपके लिए IPC Section 54 in Hindi की जानकारी लेकर आया हूँ, पिछली...

IPC 53 in Hindi, IPC Section 53 in Hindi, आईपीसी धारा 53 क्या है?, धारा 53 क्या है?

आईपीसी धारा 53 क्या है? । IPC Section 53 in Hindi । उदाहरण के साथ

by Ashutosh Chauhan
March 30, 2023
0

IPC Section 53 in Hindi आज मैं आपके लिए IPC Section 53 in Hindi की जानकारी लेकर आया हूँ, पिछली...

Latest Court Judgements
https://courtjudgement.in : इस वेबसाइट पर उपलब्ध सभी जजमेंट ओर जानकारी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की ऑफिसियल वेबसाइट से ली गयी है। किसी भी जजमेंट को आप डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर क्रॉस चेक कर सकते है।

Browse by Category

  • 302 IPC
  • 376 IPC
  • 406 IPC in hindi
  • 498a Judgement
  • Domestic Violence judgement
  • Indian Penal Code
  • Judgements
  • Legal
  • Uncategorized

Recent News

IPC 56 in Hindi, IPC Section 56 in Hindi, आईपीसी धारा 56 क्या है?, धारा 56 क्या है?

आईपीसी धारा 56 क्या है? । IPC Section 56 in Hindi । उदाहरण के साथ

April 1, 2023
IPC 55 in Hindi, IPC Section 55 in Hindi, आईपीसी धारा 55 क्या है?, धारा 55 क्या है?

आईपीसी धारा 55 क्या है? । IPC Section 55 in Hindi । उदाहरण के साथ

April 1, 2023
IPC 54 in Hindi, IPC Section 54 in Hindi, आईपीसी धारा 54 क्या है?, धारा 54 क्या है?

आईपीसी धारा 54 क्या है? । IPC Section 54 in Hindi । उदाहरण के साथ

March 30, 2023
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Sitemap
  • Contact Us

© 2022 Court Judgement. All rights reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • About Us
  • 498A IPC in Hindi
  • Domestic Violence in Hindi
  • Divorce in Hindi
  • Judgements
    • 498a Judgement
    • Domestic Violence judgement
    • 406 IPC in hindi
    • 302 IPC Judgement in Hindi
    • 376 IPC Judgement in Hindi
  • IPC
  • Contact Us

© 2022 Court Judgement. All rights reserved.