376 IPC Judgement in Hindi

1- पुलिस महिला थाना, जिला बिजनौर द्वारा आरोप पत्र अभियुक्त उदयराज के विरुद्द अन्तर्गत धारा- 323, 376, 506  भारतीय दण्ड संहिता व धारा- 3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 विचारण हेतु न्यायालय में प्रेषित किया गया, जिस पर प्रसंज्ञान लिया गया।

2- प्रस्तुत प्रकरण में अभियुक्त पर अपनी पत्नी वादिनी मुकदमा के साथ मारपीट करने तथा अपनी नाबालिग पुत्री की इच्छा के विरूद्ध बलात्कार करने, किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देने व प्रवेशन लैंगिक हमला करने का आरोप है, ऐसी दशा में माननीय सर्वोच्च न्यायालय की विधि व्यवस्था उड़ीसा राज्य बनाम सुकरू गौड़ा एआई.आर. 2009 सु0 को0 1019 व निपुन सक्सेना बनाम भारत संघ, (2019) 2 एस0 सी0 सी0 703 में पारित दिशा निर्देशों व लैगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012  की धारा- 33(7) में वर्णित प्राविधान के तहत पीड़िता की पहचान निर्णय में प्रकट नहीं की जा रही है तथा उसके स्थान पर “पीड़िता” अंकित किया जा रहा है।

3- संक्षेप में अभियोजन कथानक यह है कि वादिनी मुकदमा किरण पत्नी उदयराज, निवासी ग्राम बेनीपुर, थाना बढ़ापुर, जिला बिजनौर द्वारा घटना की तहरीर प्रदर्श क-1 पुलिस अधीक्षक बिजनौर को इस आशय की दी कि प्रार्थिनी मोहल्ला खडखड़ी, हरिद्वार (उत्तराखण्ड) की निवासी: है। प्रार्थिनी की शादी लगभग 15 वर्ष पूर्व उदयराज पुत्र मेघराज सिंह, निवासी ग्राम बेनीपुर, थाना बढापुर, जिला बिजनौर के साथ हुई। शादी के समय ही उदयराज के एक पुत्र कोमल व पुत्री पीड़िता थी। शादी के उपरान्त प्रार्थनी से भी उदयराज के एक पुत्र आदित्य उर्फ मोनू व एक पुत्री कशिश पैदा हुई। तीनों बच्चे प्रार्थिनी के साथ रहते हैं तथा चौथा पुत्र कोमल मेरठ में काम करता है। प्रार्थिनी व प्रार्थिनी का पति बच्चों सहित एक माह पूर्व कम्पनी में काम करने रेवाड़ी (राजस्थान) गये थे। प्रार्थनी का पति बहुत शराब पीने का आदि है। दिनांक 30-08-2018 को समय लगभग रात्रि 01:00 बजे की घटना है। प्रार्थिनी घर के दूसरे कमरे में सो रही थी तथा उदयराज व उसकी पुत्री पीड़िता (नाबालिग) व उसका पुत्र आदित्य दूसरे कमरे में सो रहे थे तभी आदित्य के चीखने की आवाज आयी, आवाज सुनकर प्रार्थीनी कमरे गयी तब उसने देखा कि उसका पति उदयराज अपनी पुत्री पीड़िता के साथ अवैध सम्बन्ध बना रहा था और दोनों नग्न अवस्था में थे। प्रार्थिनी द्वारा उदयराज को उल्टा सीधा कहना शुरू कर दिया तो उदयराज ने प्रार्थिनी के साथ मारपीट की तथा कहने लगा यदि तूने यह घटना किसी को बतायी तो मैं तुझे व तेरे सब बच्चों को जान से मार दूंगा और वहां मौहल्ले के लोग आ गये जिन्होंने प्रार्थनी को बचाया तथा उदयराज भाग कर अपने गांव बेनीपुर, थाना बढापुर, जिला बिजनौर आ गया। इस बात पर प्रार्थिनी द्वारा अपनी पुत्री से पता करने पर उसकी पुत्री पीड़िता ने बताया कि यह मेरे साथ लगभग एक वर्ष से मेरा शारीरिक शोषण/बलात्कार कर रहा है तथा धमकी देता था कि यदि तूने यह बात किसी को बतायी तो मैं तुझे जान से मार दूंगा, जिस पर प्रार्थिनी अपने बच्चों को लेकर गांव बेनीपुर, थाना बढ़ापुर आ गयी तथा गांव प्रधान व गांववालों को यह बात बतायी गांव के व्यक्ति एक ही जाति के होने के कारण उन्होंने कहा कि जो हो गया है उसे छोड़ो यदि यह बात बतायी गयी तो गांव की व हमारी बिरादरी की बहुत बदनामी होगी। यह आगे से ऐसी गलती नहीं करेगा, जिससे परेशान होकर प्रार्थिनी थाना बढ़ापुर, जिला बिजनौर अपनी उक्त घटना की रिपोट लिखाने गयी जहां पर उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गयी तथा प्रार्थिनी द्वारा कहने पर कि मेरी पुत्री का डाक्टरी मुआयना कराओ तो पुलिस ने साफ मना कर दिया तथा प्रार्थिनी की रिपोर्ट नहीं लिखी जिस कारण प्रार्थिनी श्रीमान जी के समक्ष प्रस्तुत हुई है तथा दिनांक 01/09/2018 के प्रार्थना पत्र की प्रति प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न है तथा प्रार्थिनी ने यह पूरी घटना अपनी आंखो से देखी है। उक्त तहरीर के आधार पर थाना महिला थाना में दिनांक 07.09.2018 को समय 13:03 बजे प्राथमिकी प्रदर्श क-3, मुकदमा अपराध संख्या-87 /2018, अन्तर्गत धारा- 323, 376, 506  भारतीय दण्ड संहिता बनाम उदयराज पंजीकृत करायी गई है, जिसकी प्रविष्टि उसी समय कायमी जी0डी0 प्रदर्श क-4 में की गई।

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4- विवेचक द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण कर नक्शा नजरी प्रदर्श क-5 तैयार किया गया। पीड़िता का मेडिकल कराया गया सी0एम0ओ0 द्वारा निर्गत रिपोर्ट प्रदर्श क-9 में पीड़िता की आयु लगभग 17 वर्ष होने की राय व्यक्त की गई तथा बाद विवेचना संकलित साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त उदयराज के विरुद्द आरोप पत्र प्रदर्श क-6 अन्तर्गत धारा- 323, 376, 506 भारतीय दण्ड संहिता व धारा- 3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012  में प्रेषित किया गया।

5- न्यायालय द्वारा दिनांक 30-05-2019 को अभियुक्त उदयराज के विरुद्र आरोप अन्तर्गत धारा- 323, 376, 506 भारतीय दण्ड संहिता व धारा-4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012  विरचित किये गये, जिससे अभियुक्त ने इंकार किया तथा परीक्षण की याचना की।

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6- अभियोजन की तरफ से प्रलेखीय साक्ष्य में लिखित तहरीर प्रदर्श क-1, बयान पीड़िता अन्तर्गत धारा-164 दं0प्र0सं0 प्रदर्श क-2, प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रदर्श क-3, कायमी जी0डी0 प्रदर्श क-4, नक्शा नजरी प्रदर्श क-5, आरोप पत्र प्रदर्श क-6, चिकित्सीय आख्या प्रदर्श क-7, पूरक रिपोर्ट प्रदर्श क-8, सी0एम0ओ0 द्वारा आयु की बाबत रिपोर्ट प्रदर्श क-9 व पीड़िता के स्थानांतरण प्रमाण पत्र की प्रमाणित छायाप्रति प्रदर्श क-10 प्रस्तुत किया गया है।

7- अभियोजन की तरफ से मौखिक साक्ष्य में अभियोजन साक्षी संख्या-1 वादिनी किरन देवी, अभियोजन साक्षी संख्या-2 पीड़िता, अभियोजन साक्षी संख्या-3 आदित्य, अभियोजन साक्षी संख्या-4 कांo 220 पूजा तोमर, अभियोजन साक्षी संख्या-5 वीरमति, अभियोजन साक्षी संख्या-6 मांगे राम, अभियोजन साक्षी संख्या-7 उपनिरीक्षक प्रकाश चन्द्र, अभियोजन साक्षी संख्या-8 डाक्टर दीपा गोयल को शपथ पर परीक्षित कराया गया है।

8- अभियोजन साक्ष्य समाप्त होने के उपरान्त अभियुक्त के बयान अन्तर्गत धारा 313 दण्ड प्रक्रिया संहिता अंकित किये गये, जिसमें अभियुक्त ने घटना को गलत बताया तथा अपने विरुद्र लगाये गये आरोपों से इंकार किया। साक्षियों के बयानों को गलत बताया व साक्षी संख्या-2 पीड़िता के बयानों को आंशिक रूप से गलत बताया, गलत व झूंठा मुकदमा चलाया जाना कहा गया तथा कथन किया गया कि मेरी दूसरी पत्नी ने खेती की जमीन अपने नाम कराने के लिये झूठा मुकदमा किया है। अभियुक्त ने सफाई साक्ष्य दिये जाने से इंकार किया।

9- राज्य की तरफ से विद्वान विशेष लोक अभियोजक तथा अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता की बहस को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया।

10- विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा तर्क प्रस्तुत करते हुए कथन किया गया कि वर्तमान मुकदमे में अभियुक्त उदयराज के उपर अपने नैसर्गिक पुत्री पीड़िता का बलात्कार व प्रवेशन लैंगिक जैसे अपराध का आरोप है और…..

पूरा जजमेंट पढ़ने के लिए निचे PDF को पढ़े।

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