Court Marriage Process In Hindi- Court Marriage कैसे करें?- फीस, डाॅक्यूमेंट, आवेदन प्रक्रिया

Court Marriage Process In Hindi:- क्या आप अपने साथी के साथ शादी करने पर विचार कर रहे हैं? और चाहते हैं कि आपकी शादी एक आसान और सरल प्रक्रिया के साथ हो? तो “कोर्ट मैरिज” (Court Marriage) आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। क्योंकि आजकल लोग समय और पैसा दोनों ही बचा रहे है। अब आप सोच रहे होंगे की Court Marriage कैसे होती है? इसकी क्या प्रक्रिया है? कोर्ट मैरिज के नियम क्या है? चिंता मत कीजिए इस पोस्ट में आपके सभी क्वेश्चन के आंसर बहुत ही सरल शब्दों में मिलेंगे। सबसे पहले ये जान लेते है की कोर्ट मैरिज क्या है?

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कोर्ट मैरिज क्या है? (What Is Court Marriage?)

Court Marriage Process In Hindi
Court Marriage Process In Hindi

कोर्ट मैरिज, जिसे सामान्यत: “कोर्ट शादी” या “अदालती विवाह” भी कहा जाता है, वह प्रक्रिया है जिसमें आप और आपके साथी अपने संबंध को एक शादी के बंधन में जोड़ सकते हैं, बिना बड़े आपराधिक या सामाजिक प्रश्नों के साथ। यह एक न्यायिक प्रक्रिया होती है, जिसमें आपकी शादी को अधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त होती है, और आपके नाम के साथ एक विवाह प्रमाणपत्र जारी किया जाता है।

कोर्ट मैरिज का मुख्य लाभ यह है, कि यह तेजी से और सरलता से हो सकती है, और आपको विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक प्रतिबंधों के बिना अपने चयन को प्राप्त करने का अधिकार देती है। इसमें ऐसा नहीं है की केवल भारतीय ही भारतीय से शादी कर सकता है कोई भी भारतीय नागरिक किसी विदेशी नागरिक से भी कोर्ट मैरिज कर सकता है।

आप ये जान गए होंगे की कोर्ट मैरिज क्या है अब हम आपको इसके प्रोसेस के बारे में बताते है।

कोर्ट मैरिज प्रक्रिया (Court Marriage Process In Hindi)

कोर्ट मैरिज करने के लिए आपको क्या-क्या प्रक्रिया से गुजरना होगा इसके लिए हम आपको आसान भाषा में बताएंगे। इससे पहले, आपको अपने चयन को गंभीरता से विचारना चाहिए। कोर्ट मैरिज प्रक्रिया के कुछ मुख्य कदम नीचे दिए गए है:

  1. दस्तावेज़ तैयारी: शुरूआत में, आपको अपने दस्तावेज़ तैयार करने की आवश्यकता होती है, जैसे कि पासपोर्ट या आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र अन्य संबंधित दस्तावेज़।
  2. विवाह आवेदन: फिर आपको अपने स्थानीय न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास जाना होगा और एक विवाह आवेदन देना होगा। आवेदन में आपको अपने विवाहीक स्थिति की जानकारी और दस्तावेज़ सौंपनी होगी।
  3. जवाब: आपकी विवाह आवेदन के बाद, मजिस्ट्रेट आपके विवाह को स्वीकार या अस्वीकार कर सकते हैं। यदि आवेदन स्वीकार होता है, तो एक तारीख निर्धारित की जाएगी जब आपका विवाह रजिस्टर किया जाएगा।
  4. शादी की प्रक्रिया: यदि विवाह स्वीकार होता है, तो शादी का अदालत में समर्थन देने का समय आता है। आपके साथी के साथ आपको उपस्थित होना होता है और साक्षरों के सामने शपथ लेनी होती है।
  5. प्रमाणपत्र: शादी के बाद, आपको विवाह प्रमाणपत्र प्राप्त होता है, जो न्यायिक रूप से मान्यता प्राप्त करने वाला दस्तावेज़ होता है।

आप कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया जान गए होंगे। अब बात आती है कोर्ट मैरिज के नियम की क्योंकि इसके नियम भी आप लोगो को पता होना चाहिए।

कोर्ट मैरिज के नियम (Court Marriage Rules in Hindi)

कोर्ट मैरिज एक बहुत ही सरल प्रक्रिया होती है, जिसे आप निम्नलिखित नियमों के अनुसार पूरा कर सकते हैं:

  • वयस्क होना: आपको कोर्ट मैरिज के लिए वयस्क होना चाहिए, अर्थात् अगर पुरुष है तो 21 वर्ष या उससे अधिक आयु का होना चाहिए। अगर स्त्री है तो उसकी उसकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
  • विवाह के इरादे की घोषणा: आपको अपने इरादे की घोषणा को अदालत में प्रस्तुत करनी होती है। आपको यह स्पष्ट और साक्षर रूप से करना होगा कि आपका विवाह अपनी इच्छा से हो रहा है और किसी दबाव या शादी के खिलाफ किसी भी तरह के दबाव के तहत नहीं हो रहा है।
  • गवाहों की उपस्थिति: विवाह के समय, दो गवाह की उपस्थिति आवश्यक होती है। ये गवाह वो व्यक्ति होते हैं जो आपके विवाह को साक्षर करते हैं और उनका उद्देश्य आपके विवाह को सामर्थ्य और साहित्य के साथ साक्षर करना होता है।
  • शादी की घोषणा: विवाह की घोषणा को अदालत के सामने किया जाता है, और यदि आपकी विवाह अधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त करती है, तो एक विवाह प्रमाणपत्र जारी किया जाता है।
  • विवाह पंजीकरण: विवाह प्रमाणपत्र को स्थानीय सरकार के विवाह पंजीकरण कार्यालय में पंजीकृत करना होता है। इसके बाद, आपका विवाह कानूनी रूप से मान्य होता है और आपको विवाह के सभी अधिकार और कर्तव्य प्राप्त होते हैं।
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कोर्ट मैरिज के नियम जरूरी होते हैं ताकि विवाह का इस्तेमाल गलत उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा सके। यदि आप इन नियमों का पालन करते हैं, तो आप अपनी कोर्ट मैरिज को सही तरीके से सम्पन्न कर सकते हैं।

कोर्ट मैरिज के लिए जरूरी दस्तावेज (Documents Required for Court Marriage)

विवाह पंजीकरण आवेदन पत्र (Marriage Registration Application Form): यह पत्र विवाह की प्रक्रिया के लिए आवेदन करने के लिए आवश्यक होता है। आपके और आपके साथी की जानकारी, विवाह की तारीख, साक्षरता, और अन्य महत्वपूर्ण विवरणों को इसमें भरना होता है।

विवाह प्रमाणपत्र की प्रतिलिपि (Copy of Marriage Certificate): यह प्रमाणपत्र विवाह की मान्यता को सिद्ध करने के लिए आवश्यक होता है। इसका एक प्रति आपको बनवानी होगी, और यह विवाह की घटना को सबूत के रूप में प्रस्तुत करता है।

आय प्रमाण पत्र (Income Certificate): कुछ और जिलों में आपकी आय का प्रमाण पत्र आवश्यक हो सकता है, जिससे आपके और आपके साथी की आर्थिक स्थिति को सत्यापित किया जा सकता है।

जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate): आपके और आपके साथी के जन्म प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि आवश्यक हो सकती है ताकि उनकी जन्मतिथि को सत्यापित किया जा सके।

पासपोर्ट साइज़ फ़ोटो (Passport-size Photographs): विवाह पंजीकरण के आवेदन पर आपके और आपके साथी की फ़ोटोग्राफ आवश्यक होती है।

विवाह सम्बंधित कागज़ (Marriage-related Documents): आपके विवाह के साक्षरता प्रमाण, विवाह शपथ पत्र, और अन्य संबंधित कागज़, जैसे कि तारीख प्रमाण पत्र, भी आवश्यक हो सकते हैं।

आवास प्रमाण पत्र (Residence Proof): आपके और आपके साथी के पते की पुष्टि के लिए आवास प्रमाण पत्र जैसे कि वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, या बिजली का बिल शामिल हो सकते हैं।

शादीशुदा होने का प्रमाण (Proof of Previous Marital Status): यदि आप या आपके साथी पहले से शादीशुदा हैं, तो इसका प्रमाण आपके तारीख प्रमाण पत्र या तलाक की प्रमाण पत्र के रूप में आवश्यक हो सकता है।

ध्यान दें कि ये दस्तावेज़ आपके स्थानीय कोर्ट और संबंधित अधिकारिक अथॉरिटी के अनुसार बदल सकते हैं, इसलिए सबसे अच्छा होता है कि आप अपने विवाह की प्रक्रिया के लिए स्थानीय अधिकारिकों से सलाह लें और उनके दिए गए दिशानिर्देशों का पालन करें।

कोर्ट मैरिज के बाद पुलिस प्रोटेक्शन कैसे लें? (How to Take Police Protection After Court Marriage?)

कोर्ट मैरिज के बाद, यदि आपको अपनी सुरक्षा की चिंता है और आप पुलिस की सहायता चाहते हैं, तो निम्नलिखित आसान कदमों का पालन करके पुलिस प्रोटेक्शन प्राप्त कर सकते हैं:

  • पुलिस स्टेशन पर जाएं: अपने स्थानीय पुलिस स्टेशन पर जाएं और अपनी समस्या को बताएं। आपको अपने विवाद की सटीक जानकारी देनी होगी और यह भी कहें कि आपकी सुरक्षा के लिए आपकी समस्या गंभीर है।
  • आवश्यक दस्तावेज़: आपको अपनी पहचान के साथ अपने विवाद के सभी प्रमाणपत्र, कोर्ट मैरिज का प्रमाणपत्र, और आवश्यक दस्तावेज़ के साथ जाना होगा।
  • FIR दर्ज करें: पुलिस स्टेशन पर आपकी समस्या के आधार पर आपकी आपत्ति की FIR (पुलिस रिपोर्ट) दर्ज की जाएगी। FIR आपकी सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होती है।
  • पुलिस प्रोटेक्शन आर्डर के लिए आवेदन: यदि आपको अपनी सुरक्षा के लिए भी एक आदेश चाहिए, तो आपको अपने वकील के साथ या स्थानीय कोर्ट में जाकर एक पुलिस प्रोटेक्शन आर्डर के लिए आवेदन करना होगा। आपके वकील आपको इस प्रक्रिया में मदद कर सकते हैं।
  • सुरक्षा की जाँच: पुलिस प्रोटेक्शन आर्डर प्राप्त करने के बाद, स्थानीय पुलिस आपकी सुरक्षा की जाँच करेगी और आपको उचित सुरक्षा प्रदान करेगी।

याद रखें कि पुलिस प्रोटेक्शन आर्डर की प्राप्ति आपकी सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है, लेकिन यह अधिकारिक और कानूनी प्रक्रिया होती है, इसलिए आपको इसे सही ढंग से पाने के लिए एक वकील की सलाह भी लेनी चाहिए।

कोर्ट मैरिज के खिलाफ आपत्ति दर्ज कैसे करें? (How to File Objection Against Court Marriage?)

  1. आपकी आपत्ति की तैयारी: सबसे पहले, आपको अपनी आपत्ति को तैयार करनी होगी। यह आपकी आपत्ति के आधार को स्पष्ट और सुंदर ढंग से प्रस्तुत करने का अवसर होता है।
  2. कोर्ट का चयन: आपको अपनी आपत्ति को दर्ज करने के लिए स्थानीय न्यायिक अदालत का चयन करना होगा।
  3. आपत्ति की दर्ज: अपनी आपत्ति को दर्ज करने के लिए आपको न्यायिक अदालत में जाना होगा। वहां, आपको आपत्ति दर्ज करने के लिए नियमित प्रपत्र भरना होगा। आपकी आपत्ति में आपके साथी के साथ किए गए किसी भी आपराधिक या दुर्व्यवहार की जानकारी देना जरूरी हो सकता है।
  4. न्यायिक प्रक्रिया का पालन: न्यायिक प्रक्रिया के दौरान, आपको आपत्ति के सबूत प्रस्तुत करने के लिए तैयार रहना होगा। आपको अपने दावों को प्रमाणित करने के लिए सबूत प्रस्तुत करने की अनुमति दी जाएगी।
  5. वकील की मदद: यदि आपको आपत्ति दर्ज करने में किसी भी समस्या का सामना करना पड़ता है, तो आप एक वकील की मदद ले सकते हैं। वकील आपके लिए कानूनी रूप से सहायक हो सकते हैं।
  6. अदालत के आदेश का पालन: अदालत आपकी आपत्ति के आधार पर आदेश देगी। आपको इस आदेश का पालन करना होगा।
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कोर्ट मैरिज के खिलाफ आपत्ति दर्ज करना एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, लेकिन यदि आपको किसी भी विशेष सलाह की आवश्यकता है, तो आपको वकील से संपर्क करना होगा। वकील आपको आपत्ति दर्ज करने की प्रक्रिया में मदद कर सकते हैं और सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके अधिकार सुरक्षित रहें।

कोर्ट मैरिज के बाद मैरिज सर्टिफिकेट क्यों जरुरी होता है? (Why is Marriage Certificate Necessary After Court Marriage?)

यह आपकी शादी को कानूनी और समाज में मान्यता प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण होता है। इसके कुछ मुख्य कारण हैं:

कानूनी मान्यता: मैरिज सर्टिफिकेट आपकी कोर्ट मैरिज को कानूनी रूप से मान्यता प्रदान करता है। यह साबित करता है कि आपकी शादी एक कानूनी प्रक्रिया के तहत हुई है और आप विवाहित हैं।

संपत्ति और वित्तीय मामले: मैरिज सर्टिफिकेट के बिना, आपको विवाहित जोड़ी के वित्तीय मामलों, संपत्ति के संबंधों और अन्य कानूनी मामलों में कई समस्याएं आ सकती हैं।

नागरिकता प्रमाण: मैरिज सर्टिफिकेट आपके विवाहित स्थिति को सिद्ध करने में मदद करता है, जैसे कि आपकी नागरिकता प्रमाणित करने के लिए।

सरकारी योजनाएँ और लाभ: कई सरकारी योजनाएँ और लाभ केवल विवाहित जोड़ियों को ही प्रदान की जाती हैं। मैरिज सर्टिफिकेट के बिना, आप इन लाभों का उपयोग नहीं कर सकते हैं।

समाजिक पहचान: मैरिज सर्टिफिकेट आपके विवाह को समाज में मान्यता प्रदान करता है और आपको समाज में विवाहित जोड़ी के रूप में पहचाना जाता है।

इसलिए, मैरिज सर्टिफिकेट आपके विवाह को कानूनी और सामाजिक दृष्टि से मान्यता प्रदान करता है और आपको विभिन्न संविदानिक और व्यक्तिगत मामलों में सहायक होता है। यह आपके विवाह की प्रमाणित प्रति होता है और आपके अधिकारों को सुनिश्चित करता है।

कोर्ट मैरिज करने के फायदे और नुकसान (Advantages and Disadvantages of Court Marriage)

अक्सर आपने सुना और देखा होगा की हर चीज़ के फायदे होते है तो उसके कुछ नुकसान भी होते है। ऐसे ही हम आपको कोर्ट मैरिज करने के फायदे और नुकसान दोनों बताने जा रहे है। 

फायदे:नुकसान:

आसान और तेज प्रक्रिया: कोर्ट मैरिज एक तेज और साधारण प्रक्रिया होती है, जिसमें आपकी शादी बिना किसी अटकल और देरी के की जा सकती है।

सामाजिक प्रतिबंधों का अवसर: यदि आपका साथी या आप अलग-अलग सामाजिक या धार्मिक परंपराओं से आते हैं, तो कोर्ट मैरिज आपको इन प्रतिबंधों को पार करने का अवसर प्रदान करती है।

न्यायिक सुरक्षा: यदि आपके विवादों या संघटनों की स्थिति में आपको सुरक्षा की आवश्यकता होती है, तो कोर्ट मैरिज आपको न्यायिक सुरक्षा प्रदान करती है।

आधिकारिक दस्तावेज़: कोर्ट मैरिज से आपको एक आधिकारिक विवाह प्रमाणपत्र प्राप्त होता है, जिसे सरकार और अन्य संगठन स्वीकार करते हैं।

अधिकार और कर्तव्य: कोर्ट मैरिज से आपको विवाहित जीवन में अधिकार और कर्तव्य की स्पष्टता मिलती है, जिससे यदि कोई विवाद हो, तो उसका समाधान न्यायिक तरीके से किया जा सकता है।

सामाजिक प्रतिबंध: कोर्ट मैरिज करने से कुछ लोग सामाजिक दबाव का सामना कर सकते हैं, खासकर अगर वे अलग-अलग जाति, धर्म, या सामाजिक स्थिति से हैं।

न्यायिक खर्च: कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया में न्यायिक खर्च और समय की आवश्यकता हो सकती है, जो आपके लिए जोड़ी जा सकती है।

प्राइवेसी की हानि: कोर्ट मैरिज से जुड़े दस्तावेज़ और जानकारी को सार्वजनिक बना दिया जा सकता है, जिससे आपकी प्राइवेसी की हानि हो सकती है।

कोर्ट मैरिज में कितना खर्च होता है? (How Much Does Court Marriage Cost?)

कोर्ट मैरिज का खर्च विभिन्न कारणों पर निर्भर कर सकता है, जैसे कि आपके स्थान, नियम, और प्रक्रिया। यहां कुछ मुख्य कारण दिए गए हैं, जिनके आधार पर आपको लगभग कितना खर्च हो सकता है:

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कोर्ट के स्थान पर आधारित खर्च: आपके शादी के लिए चुने गए कोर्ट के स्थान पर खर्च भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। बड़े शहरों में यह खर्च अधिक हो सकता है, जबकि छोटे शहरों या गाँवों में यह कम हो सकता है।

विवाह प्रमाणपत्र और डॉक्यूमेंट्स की फीस: आपको विवाह प्रमाणपत्र और अन्य आवश्यक डॉक्यूमेंट्स के लिए कोर्ट में दर्ज करने के लिए फीस भी चुकानी पड़ सकती है।

वकील की फीस: यदि आपको किसी वकील की सेवाएँ लेनी होती हैं तो उनकी फीस भी जोड़नी पड़ सकती है।

साक्षरता और गवर्नमेंट टैक्स: कुछ स्थानों पर विवाह के लिए साक्षरता और गवर्नमेंट टैक्स भी लागू हो सकते हैं, जिन्हें आपको चुकाना होगा।

विवाह प्रमाणपत्र की प्रतिलिपि: आपको अपने विवाह प्रमाणपत्र की प्रतिलिपि प्राप्त करने के लिए भी फीस चुकानी पड़ सकती है।

इन सभी कारणों से आपके कोर्ट मैरिज का खर्च बदल सकता है, लेकिन सामान्य रूप से यह कुछ हजार तक हो सकता है। आपको अपने क्षेत्र के नियमों और प्रक्रिया के आधार पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए स्थानीय कोर्ट या सूचना केंद्र से संपर्क करना चाहिए।

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कोर्ट मैरिज में एक वकील की भूमिका क्या है? (What is The Role of a Lawyer in Court Marriage?)

सलाह और मार्गदर्शन: वकील पहले से ही इस प्रक्रिया के अच्छे जानकार होते हैं और वे आपको सही दिशा में मार्गदर्शन कर सकते हैं। वे आपको कोर्ट मैरिज की पूरी प्रक्रिया के बारे में समझा सकते हैं, जैसे कि कैसे आवेदन करना है और कैसे आवश्यक दस्तावेज तैयार करने हैं।

कानूनी तरीके से दस्तावेज़ की तैयारी: वकील आपके लिए आवश्यक दस्तावेज़ों की सही और पूरी तरीके से तैयारी करने में मदद करते हैं। यह आपके लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर दस्तावेज़ में कोई गड़बड़ी होती है, तो प्रक्रिया में देरी हो सकती है।

कोर्ट में प्रतिस्पर्धी के साथ प्रतिस्पर्धन: वकील आपके हित में काम करने के लिए कोर्ट में प्रतिस्पर्धी के साथ प्रतिस्पर्धन करते हैं। वे आपके पक्ष की रक्षा करते हैं और आपके लिए आपके अधिकारों की सुनिश्चिती करने का काम करते हैं।

सलाहकार की भूमिका: वकील आपको कोर्ट मैरिज के तहत के सभी कानूनी विवादों और सवालों के बारे में सलाह देने का काम करते हैं। वे आपके प्रतिस्पर्धी के साथ समझौते करने में भी मदद कर सकते हैं ताकि आपकी मैरिज प्रक्रिया बिना ज्यादा समय और तंगी के बिना पूरी हो सके।

कानूनी तरीके से विवादों का समाधान: अगर कोर्ट मैरिज के दौरान किसी प्रकार की कानूनी समस्या उत्पन्न होती है, तो वकील आपको उसका समाधान ढूंढने में मदद कर सकते हैं। यह शामिल हो सकता है विवादों की समझौते, मध्यस्थता की प्रक्रिया, या कोर्ट के बाहर समझौते की प्रक्रिया में।

इसके आलावा, वकील आपके परिपक्षी पक्ष की प्रतिरक्षा करने के लिए भी महत्वपूर्ण होते हैं ताकि आपकी कोर्ट मैरिज प्रक्रिया सुरक्षित और न्यायिक तरीके से पूरी हो सके।

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कोर्ट मैरिज से जुड़े सवाल (FAQs)

उत्तर:- कोर्ट मैरिज के लिए आवेदन करने के लिए आपको अपने स्थानीय कोर्ट में जाना होगा और आवश्यक दस्तावेज़ और साक्षात्कार का आयोजन करना होगा।

उत्तर:- कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया में समय कुछ हफ्तों से कुछ महीनों तक लग सकता है।

उत्तर:- हां, कोर्ट मैरिज के बाद आपका विवाह सामाजिक रूप से मान्य होता है और आपको एक विवाह प्रमाणपत्र जारी किया जाता है, जिसे सरकार मान्यता देती है।

उत्तर:- हां, कोर्ट मैरिज के बाद तलाक का अधिकार होता है, और यदि आपके बीच में कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो आप न्यायिक रुख कर सकते हैं जो आपके संबंधों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

उत्तर:- कोर्ट मैरिज के बाद, आपको किसी विशेष समारोह की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन आप अपने विवाह को खुशी-खुशी मना सकते हैं, यदि आप चाहते हैं।

उत्तर:- कोर्ट मैरिज के बाद, आपको किसी और की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होती है, और आपके विवाह को कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त होती है।

निष्कर्ष:

आप लोगो ने इस पोस्ट मे Court Marriage Process In Hindi के बारे मे पुरी जानकारी जानी है। यह जानकारी आप को कैसी लगी हमे कमेंट मे जरूर बताये।

आप लोग इस आर्टिकल को courtjudgement.in पर पढ़ रहे है। हमने आप के लिए और भी बहुत सी आईपीसी धारा के बारे मे आर्टिकल लिखे हुए है। आप उन आर्टिकल को भी जरूर पढ़े और इस आर्टिकल को पुरा पढ़ने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद !!!!

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