IPC 376 in Hindi- के बारे में अधिकांश लोगों को जरूर पता होगा और लोगों को यह भी पता होगा कि यह कब लगती है। लेकिन इस धारा के बारे में पूरी जानकारी बहुत कम लोगों को ही मालूम है। क्योंकि अक्सर अखबार और न्यूज़ चैनल में बलात्कार जैसी घटनाओं की खबर में इस धारा का जिक्र होता रहता हैं।
IPC 376 in Hindi – ये धारा कब लगती है?
ऐसे अपराध को उप-धारा (1) और उप-धारा (2) में बताया गया है। अब इसके बारे में पूरा डिटेल से जानते हैं-
- उप धारा (1): जब कोई पुरुष जोर जबरदस्ती से या बहकावे मे लाकर किसी महिला के साथ बलात्कार (Rape) करता है, तब उस व्यक्ति के ऊपर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 लगाकर उसे दंडित किया जाता है।
- उप धारा (2): उप धारा (2) में विशेष तौर पर सरकारी कर्मचारियों के ऊपर लागू होती है, जिसमें अगर कोई थाने की पुलिस अपने थाने क्षेत्र के अंतर्गत किसी महिला के साथ जोर जबरदस्ती करके शारीरिक संबंध बनाता है। तब उसके ऊपर धारा 376 की उप धारा (2) लगाकर उसे दंडित किया जाता है। यह केवल पुलिस विभाग के ऊपर ही नहीं है, यह किसी भी प्रकार के सरकारी कर्मचारी अगर इस तरह की हरकत करते हैं। तो उन सभी पर लागु होती है।
बलात्कार क्या होता है? – What is Rape?
जब कोई व्यक्ति किसी महिला को अपनी बातों मे लेकर या उसे डरा धमका कर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता है। तो उसे बलात्कार कहा जाता है। लेकिन अगर वही महिला अभी नाबालिक है, और वह खुद भी राजी है शारीरिक संबंध बनाने के लिए तब भी IPC 376 आरोपी व्यक्ति के ऊपर लगाया जाएगा। नाबालिक महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाना भी बलात्कार की श्रेणी में ही आता है।
बलात्कार का उदाहरण-
सुरेश नाम का एक लड़का गांव में रहता था और उसकी संगत कुछ बुरे लड़कों के साथ थी और वह नशे की गिरफ्त में था। उसी गांव के रहने वाले राजू की एक परचून की दुकान थी। जहां से सुरेश अपने छोटे-मोटे नशे के समान खरीदा करता था जैसे बीड़ी, सीक्रेट, गुटका आदि। एक दिन दुकान पर राजू की बहन अकेली थी तभी सुरेश दुकान में आता है और राजू की बहन को गलत निगाहों से देखता है और उसको बार बार टच भी करता है।
इन हरकतों से राजू की बहन को गुस्सा आता है, और वह सुरेश को एक थप्पड़ मारती है, और अपनी दुकान से सुरेश को भगा देती है। लेकिन इस बात की जानकारी जब सुरेश के दोस्तों को हुई तो उन्होंने सुरेश को बलात्कार करके थप्पड़ का बदला लेने की सलाह दी। अगले दिन जब राजू की बहन कॉलेज से घर आ रही होती है। तभी सुरेश अकेली का फायदा उठा कर राजू की बहन के साथ जबरदस्ती बलात्कार कर देता है।
फिर राजू की बहन इसकी जानकारी पुलिस को लिखित मे देती है। पुलिस सुरेश को बलात्कार के जुर्म मे गिरफ्तार करती है।
बलात्कार करने पर दण्ड-
इस धारा में सजा का प्रावधान अलग-अलग तरह का है, जैसे आप लोगों ने ऊपर में जाना की धारा 376 की उप धारा (1) ,और दूसरी उप धारा (2) होती है।
- उप धारा (1): के आरोपी को 7 वर्ष से कठोर आजीवन कारावास और साथ में आर्थिक दण्ड भी हो सकता है। क्योंकि यह एक संज्ञेय जुर्म है। ऐसे अपराध को भारत में बहुत ही संगीन अपराध माना गया है।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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बलात्कार | 7 वर्ष से कठोर आजीवन कारावास और जुर्माना | यह एक संज्ञेय अपराध है। | यह एक गैर-जमानती अपराध है। | सत्र न्यायालय के द्वारा। |
- उप धारा (2): अगर कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी किसी महिला को बहकावे मे लाकर उसके साथ बलात्कार करता है, तो उसे 10 वर्ष से कठोर आजीवन कारावास और साथ में आर्थिक दण्ड भी हो सकता है। क्योंकि यह भी एक संज्ञेय जुर्म है। ऐसे अपराध को भारत में बहुत ही संगीन अपराध माना गया है।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
---|---|---|---|---|
बलात्कार | 10 साल से कठोर आजीवन कारावास और जुर्माना | यह एक संज्ञेय अपराध है। | यह एक गैर-जमानती अपराध है। | सत्र न्यायालय के द्वारा। |
इस धारा के अपराध को गैर जमानती अपराध माना गया है, जिससे जमानत मिलना बहुत ही मुश्किल हो जाती है। क्योंकि यह एक संज्ञेय श्रेणी का अपराध (Cognizable Crime ) होता है। ऐसे अपराध की सुनवाई सत्र न्यायालय के द्वारा की जाती है। और यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
बलात्कार के केस में जमानत कैसे मिलती हैं?
बलात्कार का अपराध एक गैर जमानती की श्रेणी में आता है। बलात्कार के आरोपियों को जमानत मिलनी बहुत ही मुश्किल होती है। लेकिन एक पहलू ये भी है, की कोई महिला बदला लेने के चक्कर में व्यक्ति को रेप में फंसा भी देती है।
- सबसे पहले आपको एक अच्छे से अच्छा वकील अपने लिए नियुक्त करना होगा। क्योंकि एक वकील ही ऐसा है, जो आपको जमानत दिलवा सकता है।
- आपको अपने वकील को जितने भी एविडेन्स हो सकते है, वो देने होंगे ताकि आपका वकील आपको जमानत दिलाने में उनका यूज़ कर सके।
- आपको एप्लीकेशन को बहुत ही ध्यान से पढ़ना होगा। क्योंकि उस एप्लीकेशन मैं जरूर कुछ न कुछ झूठे तथ्ये लिखे होंगे आपको उन तथ्यों को ही आधार बनाना होगा।
- अगर आरोपी व्यक्ति को निचली कोर्ट से जमानत न मिले तो वह उच्च न्यायालय में भी जमानत की याचिका दायर कर सकता है।
- नोट: कोई भी झूठा साक्ष्य या गव्हा कोर्ट में पेश न करे।
बलात्कार के केस से कैसे बचे?
अभी के समय में बलात्कार जैसी घटनाओं के बारे में हम आए दिन सुनते रहते हैं और ऐसी घटनाए दिन पर दिन बढ़ती जा रहा है। इसका बचाव करना भी जरूरी है। क्योंकि ये भी सत्य है, की कुछ बलात्कार के झूठे केस भी लड़कियाें और महिलाओं के द्वारा लगाए जाते है। तो ऐसे में इसकी सतर्कता बहुत जरूरी है। जिसके बारे मे आज आप जानेंगे।
- यदि आप सरकारी विभाग में कार्यरत है, तो आप अपने पद का गलत इस्तेमाल न करें और अपने काम से ही काम रखें। लड़कियों और महिलाओं का सम्मान करे।
- अपने घर में बच्चों को ऐसा संस्कार दें कि वह बचपन से ही लड़कियों और महिलाओं की इज्जत करें।
- किसी भी महिला के साथ छेड़छाड़ करना, उसे बार-बार छूने की कोशिश करना, गलत निगाहों से देखना बंद कर दें। अगर आप ऐसा करते हैं, ताे आप उप्पर समझ ही गए होंगे।
- अगर कोई लड़की किसी लड़के को झूठे बलात्कार के केस में फ़साना चाहती है, तो उस लड़के को दोषी नहीं माना जाएगा यह न्यायालय के द्वारा कहा गया है।
- अगर आप और आपकी पत्नी के बीच में किसी बात का विवाद है, तो आप अपनी पत्नी के साथ जबरजस्ती शारीरिक संबंध ना बनाएं क्योंकि यह भी बलात्कार ही माना जाता हैं।
- आप अपने अंदर अच्छा आचरण लाए और गलत लोगों की संगत से भी बचे।
FAQs:-
प्रश्न:- आईपीसी की धारा 376 क्या है?
उत्तर:- आईपीसी की धारा 376 एक कानूनी धारा है जो बलात्कार के अपराध को परिभाषित करती है। इसका मतलब है कि यदि कोई व्यक्ति बिना सहमति के किसी अन्य महिला के साथ बलात्कार करता है, तो वह आईपीसी की धारा 376 के अंतर्गत दोषी माना जाता है।
प्रश्न:- धारा 376 के उल्लंघन का मतलब क्या है?
उत्तर:- धारा 376 के तहत उल्लंघन का मतलब है कि किसी व्यक्ति ने अन्य महिला के साथ अनवांछित यौन संबंध स्थापित किए हैं, बिना उनकी सहमति और जब उनके विरुद्ध यह अपराध किया गया है।
प्रश्न:- क्या आईपीसी की धारा 376 के तहत अपराधी के खिलाफ कानूनी कदम उठाया जा सकता है?
उत्तर:- हां, आप आईपीसी की धारा 376 के तहत अपराधी के खिलाफ कानूनी कदम उठा सकते हैं।
प्रश्न:- आईपीसी की धारा 376 के तहत कौन-कौन से अपराध आते हैं?
उत्तर:- आईपीसी की धारा 376 के तहत बलात्कार के अपराध कानूनी आते हैं, जिसमें अपराधी बिना अनुमति यौन संबंध स्थापित करता है।
प्रश्न:- आईपीसी की धारा 376 के तहत अपराध के खिलाफ सजा कैसे तय होती है?
उत्तर:- आईपीसी की धारा 376 के तहत अपराध के खिलाफ सजा न्यायिक प्रक्रिया के परिणाम पर निर्भर करती है, और इसे अपराध की गंभीरता, प्रमाण, और अन्य कानूनी तत्वों के साथ देखा जाता है।
प्रश्न:- क्या आईपीसी की धारा 376 के तहत सजा के बाद जमानत मिल सकती है?
उत्तर:- हां, आईपीसी की धारा 376 के तहत सजा के बाद आमतौर पर जमानत मिल सकती है, लेकिन यह कानूनी प्रक्रिया के परिणाम पर निर्भर करेगी।
376 me jamanat kitne din me hoti hai
ye btana muskil hai ki jamanat kitne din me milegi. kyonki case ke fact or apki jamant application pr depand karta hai ki case me fact kya kya hai isme false point kya kya hai or apke vakil saab kaise jamanat ki applictaion likh kr lagate hai or judge ke samne bahas kaise karte hai. islye mera manna hai ki isme bail ke liye ache se acha vakil hire kare jo apko jalde jamanat dilwa sake.
Kya aprathi bina arrest huye high court me bail laga skte h
hnji laga sakta hai.