आज मैं आपके लिए भारतीय दंड संहिता (IPC Section 27 in Hindi) की धारा 27 की जानकारी लेकर आया हूँ, पिछली पोस्ट में हमने आपको आईपीसी (IPC) की काफी सारी धाराओं के बारे में बताया है। अगर आप उनको पढ़ना चाहते हो तो आप पिछले पोस्ट पढ़ सकते है। अगर आपने वो पोस्ट पढ़ ली है तो, आशा करता हूँ की आपको वो सभी धाराएं समझ में आई होंगी । अब बात करते है, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 27 क्या होती है?
भारतीय दंड संहिता (IPC Section 27 in Hindi) की धारा 27 क्या होती है?
“ जबकि सम्पत्ति किसी व्यक्ति के निमित्त उस व्यक्ति की पत्नी, लिपिक या सेवक के कब्जे में है, तब वह इस संहिता के अर्थ के अन्तर्गत उस व्यक्ति के कब्जे में ही है।”
स्पष्टीकरण:-“ लिपिक या सेवक के नाते अस्थाई रूप से या किसी विशिष्ट अवसर पर नियोजित व्यक्ति इस धारा के अर्थ के अन्तर्गत लिपिक या सेवक है।”
“ When property is in the possession of a person’s wife, clerk or servant, on account of that person, it is in that person’s possession within the meaning of this Code. ”
Explanation:- “ A person employed temporarily or on a particular occasion in the capacity of a clerk or servant, is a clerk or servant within the meaning of this section. ”
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धारा 27 क्या है?
ऊपर जो IPC Section 27 की डेफिनेशन दी गयी है, वो कानूनी भाषा में दी गयी है, शायद इसको समझने में परेशानी आ रही होगी। इसलिए इसको मैं थोड़ा सिंपल भाषा का प्रयोग करके समझाने की कोशिश करता हूँ। IPC Section 27 को सरल शब्दों में समझाता हूँ ।
किसी व्यक्ति की कोई भी प्रॉपर्टी उसके कब्जे में है। ओर उसने वह कब्ज़ा अपनी पत्नी (wife) को दिया हुआ है, या अपने clerk को दिया हुआ है, या किसी नौकर (servant) को दिया हुआ है। मतलब प्रॉपर्टी तो उसकी खुद की है। लेकिन उसने कब्ज़ा अपनी पत्नी (wife) या clerk हो, या नौकर (servant) हो, को दिया हुआ है। फ़िलहाल इस time पर उसने उप्पर में से किसी को भी कब्ज़ा दिया हुआ है। लेकिन असल में वह प्रॉपर्टी उस व्यक्ति की है। तो यही माना जाएगा कि वो प्रॉपर्टी उसी व्यक्ति की है। पहले नौकर का example ले लेते हैं, मान के चलिए, कि अगर किसी ने नौकर रखा हुआ है। ओर उसके नौकर के कमरे से अवैध या गैरकानूनी शराब की बीस बोतल मिलती हैं। तो पुलिस उसके नौकर को तो पकड़ेगी ही, लेकिन यही माना जाएगा कि वह जो कब्ज़ा है, वो उसके मालिक का ही है। मतलब वो बोतल उसके मालिक की ही है। उसी तरीके से पत्नी का example ले लेते हैं। मान के चलिए किसी की पत्नी के पास कोई चोरी का मोबाइल है। उसके पति को पुलिस ने पकड़ लिया। जब पति से पुछा तो उसने बताया, कि चोरी का जो मोबाइल है, वह मेरी पत्नी (wife) के पास है। जो मैंने चोरी किया था। फिर पुलिस जाती है, ओर उसकी पत्नी से मोबाइल रिकवर कर लेती है। तब यही माना जाएगा कि, उस मोबाइल का possession है। वह उस व्यक्ति का ही possession है। हालांकि वह मोबाइल उस व्यक्ति की पत्नी से मिला। लेकिन यहां पर इस सेक्शन के according यह माना जाएगा। उस मोबाइल पर जो कब्ज़ा था। उस व्यक्ति का ही था। लेकिन वास्तविक में वह उसकी पत्नी से मिला है। अगर आपको बिल्कुल भी ज्ञान नहीं है, कि नौकर कोई अवैध दारू रख रहा है। ओर आपको उसका पता ही नहीं है। तब सिर्फ नौकर ही अपराधी होगा। लेकिन अगर आपको पूरी तरह से पता है। ओर आपने ही नौकर के पास दारू रखवाई है। तो फिर आप ही अपराधी हुए।