IPC 322 in Hindi- आईपीसी धारा 322 क्या है?, सजा, जमानत और बचाव

IPC 322 in Hindi:- दोस्तों, आपने ये चीज़ महसूस और देखी होगी की कभी-कभी किसी और के द्वारा हमें कई प्रकार की चोट दे दी जाती हैं, यह चोट मामूली या गंभीर भी हो सकती हैं। कोई भी व्यक्ति आपको जानबूझकर या अनजाने में चोट पहुंचा सकता है। लेकिन मैं आपको बता दूं कि किसी और के द्वारा आपको चोट पहुंचाने पर कानून की नज़र में यह जुर्म माना जाता है। आप इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी करवा सकते हैं।

अगर आपको इस बारे में जानकारी नहीं है तो हम आपको ऐसी ही एक धारा IPC 322 के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले है। साथ ही इस लेख में गंभीर चोट किसको माना गया है? इसके बारे में भी बताने वाले है। ऐसे में अगर आप इस धारा के बारे में जानना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लेख को ध्यान से पूरा पढ़े।

IPC 322 in Hindi
IPC Section 322 in Hindi

IPC 322 in Hindi – भारतीय दंड संहिता की धारा 322 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 322 के अनुसार, “जो कोई स्वेच्छया उपहति कारित करता है, यदि वह उपहति, जिसे कारित करने का उसका आशय है या जिसे वह जानता है कि उसके द्वारा उसका किया जाना संभाव्य है घोर उपहति है और यदि वह उपहति, जो वह कारित करता है, घोर उपहति हो, तो वह “स्वेच्छया घोर उपहति करता है, यह कहा जाता है।”

स्पष्टीकरण – “कोई व्यक्ति स्वेच्छया घोर उपहति कारित करता है, यह नहीं कहा जाता है सिवाय जबकि वह घोर उपहति कारित करता है और घोर उपहति कारित करने का उसका आशय हो या घोर उपहति कारित होना वह संभाव्य जानता हो। किन्तु यदि वह यह आशय रखते हुए या यह संभाव्य जानते हुए कि वह किसी एक किस्म की घोर उपहति कारित कर दे वास्तव में दूसरी ही किस्म की घोर उपहति कारित करता है तो वह स्वेच्छया घोर उपहति कारित करता है, यह कहा जाता है।”

दृष्टांत – क, यह आशय रखते हुए या यह संभाव्य जानते हुए कि वह य के चेहरे को स्थायी रूप से विद्रूपित कर दे, य के चेहरे पर प्रहार करता है जिससे य का चेहरा स्थायी रूप से विद्रूपित तो नहीं होता, किन्तु जिससे य को बीस दिन तक तीव्र शारीरिक पीड़ा कारित होती है। क ने स्वेच्छया घोर उपहति कारित की है।

See also  आईपीसी धारा 20 क्या है? । IPC Section 20 in Hindi । उदाहरण के साथ

अब इसको आसान भाषा में समझते है, IPC Dhara 322 के तहत अगर कोई भी व्यक्ति आपको जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाता है या “स्वेच्छा से घोर उपहति” करता है तो इसे इस धारा के अंतर्गत कानूनी अपराध माना गया है। ये अपराध इस सेक्शन में तभी माना जाएगा जब दूसरा व्यक्ति आपको जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाता है। जिससे आपको शारीरिक पीड़ा, बीमारी या दुर्लभता जैसे चीजों का सामना करना पड़ता है।

IPC 322 में गंभीर चोट किसको माना गया है?

इस धारा अंतर्गत गंभीर चोट निम्नलिखत है-

  • आंख की रोशनी चली जाना
  • हाथ टूट जाना
  • कान से सुनाई ना देना
  • चेहरे या सर का फटना
  • शरीर की कोई हड्डी टूट जाना
  • शरीर का कोई जॉइंट हिल जाना
  • किसी के द्वारा जानबूझकर दिए गए चोट से 20 दिनों तक दर्द का सहन करना आदि।

आसान शब्दों में कहा जाए तो किसी व्यक्ति के द्वारा सामान्य चोट पहुंचाना उपहति कहलाता है और किसी व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंचाना घोर उपहति कहलाता है। लेकिन इस धारा में आपको, अगर किसी और के द्वारा जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाई जाती है तभी अपराध माना जायेगा।

FAQs-

उत्तर: अगर कोई व्यक्ति यह जानता हो कि ऐसा कार्य करने से सामने वाले व्यक्ति को गंभीर चोट लग सकती है और वह यह कार्य जानबूझकर करता है जिसके कारण सामने वाले व्यक्ति को गंभीर चोट लग जाती है। तो वह व्यक्ति गंभीर चोट देने वाले व्यक्ति पर आईपीसी सेक्शन 322 के तहत कार्रवाई करवा सकता हैं।

समाप्ति:-

आशा करते है, कि हमारा यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा। IPC 322 में “स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना” के बारे में बताया गया है। इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे ताकि और लोगो तक ये जानकारी पहुँचायी जा सके। हमने इस वेबसाइट पर और भी भारतीय दंड संहिता की धाराओं के बारे में लेख लिखे है जोकि बिलकुल आसान भाषा में है। आप उन धाराओं को भी पढ़ सकते है।

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