आज मैं आपके लिए भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 4 (IPC Section 4 in Hindi) की जानकारी लेकर आया हूँ पिछली पोस्ट में हमने आपको आईपीसी (IPC) की धारा 3 क्या है? इनके बारे में बताया था। आशा करता हूँ की आपको समझ में आया होगा अब बात करते है, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 4 क्या होती है?
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 4 के अनुसार :-
राज्यक्षेत्रातीत अपराधों पर संहिता का विस्तार –
इस संहिता के उपबन्ध –
(1) भारत से बाहर और परे किसी स्थान में भारत के किसी नागरिक द्वारा;
(2) भारत में रजिस्ट्रीकृत किसी पोत या विमान पर, चाहे वह कहीं भी हो किसी व्यक्ति द्वारा किए गए किसी अपराध को भी लागू है।
(3) भारत में स्थित कम्प्यूटर संस्थान को लक्ष्य करके भारत के बाहर और परे किसी स्थान में अपराध कारित करने वाले किसी व्यक्ति के द्वारा दिये गये किसी अपराध को भी लागू होगा।
स्पष्टीकरण- इस धारा में –
(क) “अपराध” शब्द के अन्तर्गत भारत से बाहर किया गया ऐसा हर कार्य आता है जो यदि भारत में किया जाता तो, इस संहिता के अधीन दण्डनीय होता है;
(ख) पद “कम्प्यूटर साधन” का वही अर्थ होगा, जो उसे सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (2000 का 21) की यदि 2 की उपधारा (1) खण्ड (त) में उसे समनुदेशित है।
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के प्रावधान भारत के अंदर ही नहीं बल्कि बाहर भी लागू होते हैं। मान लीजिए कोई भारतीय नागरिक विदेश में जाकर कोई अपराध करता है, तो क्या उसको सजा मिलेगी ? या कोई विदेशी नागरिक भारत की सीमा के अंदर कोई अपराध करता है तो क्या उसको सजा मिलेगी ? ये प्रश्न बहुत से लोगो के मन में आते है। उनके आंसर इस पोस्ट में मिलेंगे इसलिए आप इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़े।
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 4 क्या है ?
जब कोई भारतीय नागरिक विदेश में जाकर कोई अपराध करता है। या कोई विदेशी नागरिक भारत की सीमा के अंदर कोई अपराध करता है। तब भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 4 (IPC Section 4 in Hindi) के तहत भारतीय एजेंसियों ओर न्यायिक संस्थाओं को ऐसे लोगों पर मुकदमा चलाने का अधिकार है, ओर इनके अपराधों की निष्पक्षता से जांच कराने का अधिकार है। अब आपके मन में ये प्रश्न आ रहा होगा की वो कोन-कोन से अपराध है जिस पर मुकदमा हो सकता है तो आपकी जानकारी के लिए बताता हूँ भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 4 के मुताबिक भारत के बाहर किये गये वो अपराध आते है, अगर वो भारत में किये जाते तो, इस धारा (Section) के अधीन दंडनीय होते।
IPC 4 sub section 1
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 4 का sub section 1 कहता है, की कोई भारतीय नागरिक विदेश में किसी तरह का अपराध करता है, ओर वो अपराध भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) में उल्लेखित हो , तो इस तरह के अपराध के मामलों पर हमारी भारतीय एजेंसिया ओर न्यायिक संस्था अपराध करने वाले व्यक्ति पर मुकदमा चला सकती है। कोई भारतीय नागरिक विदेश में जाकर अपराध करता है, तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता की इस देश में ये कोई अपराध नहीं है ओर मुझ पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। उस व्यक्ति पर कार्रवाई हो सकती है। क्योंकि वो भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तहत भारत में अपराध है।
अगर कोई विदेश का व्यक्ति भारत की सीमा के अंदर या भारत के किसी भी जगह पर कोई भी ऐसा कार्य कर दे। जो की भारत के भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तहत अपराध माना जाता है। उस विदेशी व्यक्ति पर भी भारतीय एजेंसिया ओर न्यायिक संस्था मुकदमा चला सकती है। चाहे उसके अपने देश में ये अपराध न माना जाता हो किन्तु भारत में उसके ऊपर मुकदमा चलाया जा सकता है।
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IPC 4 sub section 2
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 4 का sub section 2 कहता है, की अगर कोई भी हवाई जहाज या जल पोत भारत में रजिस्टर्ड है या वह भारत की संपत्ति में आता है तो उस पर या उसमें किए गए अपराध के लिए भारतीय कानून के तहत ही केस चलाया जाएगा। चाहे वो हवाई जहाज या जल पोत किसी भी देश की सीमा में हो।
मान लीजिए कोई हवाई जहाज या जल पोत है, ओर ये भारत की सम्पति है या भारत में रजिस्टर्ड है। उस जहाज या जल पोत पर कोई अपराध हो जाता है भले ही वो जहाज विश्व की किसी भी सीमा में हो उस पर भारतीय कानून के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।