आज मैं आपके लिए भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 4 (IPC Section 4 in Hindi) की जानकारी लेकर आया हूँ पिछली पोस्ट में हमने आपको आईपीसी (IPC) की धारा 3 क्या है? इनके बारे में बताया था। आशा करता हूँ की आपको समझ में आया होगा अब बात करते है, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 4 क्या होती है?
IPC (IPC Section 4 in Hindi ) की धारा 4 क्या है ?
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के प्रावधान भारत के अंदर ही नहीं बल्कि बाहर भी लागू होते हैं। मान लीजिए कोई भारतीय नागरिक विदेश में जाकर कोई अपराध करता है, तो क्या उसको सजा मिलेगी ? या कोई विदेशी नागरिक भारत की सीमा के अंदर कोई अपराध करता है तो क्या उसको सजा मिलेगी ? ये प्रश्न बहुत से लोगो के मन में आते है। उनके आंसर इस पोस्ट में मिलेंगे इसलिए आप इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़े।
Also Read – IPC Section 1 in Hindi
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 4 क्या है ?
जब कोई भारतीय नागरिक विदेश में जाकर कोई अपराध करता है। या कोई विदेशी नागरिक भारत की सीमा के अंदर कोई अपराध करता है। तब भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 4 (IPC Section 4 in Hindi) के तहत भारतीय एजेंसियों ओर न्यायिक संस्थाओं को ऐसे लोगों पर मुकदमा चलाने का अधिकार है, ओर इनके अपराधों की निष्पक्षता से जांच कराने का अधिकार है। अब आपके मन में ये प्रश्न आ रहा होगा की वो कोन-कोन से अपराध है जिस पर मुकदमा हो सकता है तो आपकी जानकारी के लिए बताता हूँ भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 4 के मुताबिक भारत के बाहर किये गये वो अपराध आते है, अगर वो भारत में किये जाते तो, इस धारा (Section) के अधीन दंडनीय होते।
IPC 4 sub section 1
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 4 का sub section 1 कहता है, की कोई भारतीय नागरिक विदेश में किसी तरह का अपराध करता है, ओर वो अपराध भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) में उल्लेखित हो , तो इस तरह के अपराध के मामलों पर हमारी भारतीय एजेंसिया ओर न्यायिक संस्था अपराध करने वाले व्यक्ति पर मुकदमा चला सकती है। कोई भारतीय नागरिक विदेश में जाकर अपराध करता है, तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता की इस देश में ये कोई अपराध नहीं है ओर मुझ पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। उस व्यक्ति पर कार्रवाई हो सकती है। क्योंकि वो भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तहत भारत में अपराध है।
अगर कोई विदेश का व्यक्ति भारत की सीमा के अंदर या भारत के किसी भी जगह पर कोई भी ऐसा कार्य कर दे। जो की भारत के भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तहत अपराध माना जाता है। उस विदेशी व्यक्ति पर भी भारतीय एजेंसिया ओर न्यायिक संस्था मुकदमा चला सकती है। चाहे उसके अपने देश में ये अपराध न माना जाता हो किन्तु भारत में उसके ऊपर मुकदमा चलाया जा सकता है।
Also Read – IPC Section 2 in Hindi
IPC 4 sub section 2
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 4 का sub section 2 कहता है, की अगर कोई भी हवाई जहाज या जल पोत भारत में रजिस्टर्ड है या वह भारत की संपत्ति में आता है तो उस पर या उसमें किए गए अपराध के लिए भारतीय कानून के तहत ही केस चलाया जाएगा। चाहे वो हवाई जहाज या जल पोत किसी भी देश की सीमा में हो।
मान लीजिए कोई हवाई जहाज या जल पोत है, ओर ये भारत की सम्पति है या भारत में रजिस्टर्ड है। उस जहाज या जल पोत पर कोई अपराध हो जाता है भले ही वो जहाज विश्व की किसी भी सीमा में हो उस पर भारतीय कानून के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।
Also Read – How to Fight False IPC 406?
Also Read – 498a judgement in favour of husband
Also Read – Section 498A IPC in Hindi
Also Read – Domestic Violence in Hindi
Also Read – 406 IPC in hindi
Conclusion
उम्मीद करता हूँ की कि उपरोक्त लेख से आपको पूरी जानकारी प्राप्त हुई होगी, अगर आप के मन में अब भी कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है। मुझे आंसर देने में ख़ुशी होगी।
मेरा नाम आशुतोष चौहान हैं, मैं कोर्ट-जजमेंट ब्लॉग वेबसाईट का Founder & Author हूँ। मैं पोस्ट ग्रेजुएट हूँ। मैं एक Professional blogger भी हूँ। मुझे लॉ से संबंदित आर्टिकल लिखना पसंद है।