आज मैं आपके लिए भारतीय दंड संहिता (IPC Section 5 in Hindi) की धारा 5 की जानकारी लेकर आया हूँ पिछली पोस्ट में हमने आपको आईपीसी (IPC) की धारा 4 क्या है? इनके बारे में बताया था। आशा करता हूँ की आपको समझ में आया होगा। अब बात करते है, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 5 क्या होती है?
भारतीय दंड संहिता (IPC Section 5 in Hindi) की धारा 5 क्या होती है?
“इस अधिनियम में की कोई बात भारत सरकार की सेवा के अधिकारियों, सैनिकों, नौसैनिकों या वायु सैनिकों द्वारा विद्रोह और परित्याग को दण्डित करने वाले किसी अधिनियम के उपबन्धों, या किसी विशेष या स्थानीय विधि के उपबन्धों, पर प्रभाव नहीं डालेगी”।
“Nothing in this Act shall affect the provisions of any Act for punishing mutiny and desertion of officers, soldiers, sailors or airmen in the service of the Government of India or the provisions of any special or local law.”
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आपने बहुत सी फिल्मो में या न्यूज़ में देखा होगा की कोई सैन्यकर्मी ने कोई अपराध या बेईमानी कर देता है तब उस पर मुकदमा आर्मी एक्ट (Army Act) के आधीन चलता है। उस सैन्यकर्मी को जो भी सजा या बरी आर्मी एक्ट (Army Act) के दुबारा ही दी जाती है। इसमें आईपीसी किसी भी तरह की दखलंदाजी नहीं कर सकती है। भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 5 ये ही कहती है।
धारा 5 क्या होती है?
आम भाषा में बात करे तो भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 5 एक ऐसा कानून है, जिसमे साफ़ साफ़ लिखा गया है , की आईपीसी (IPC) किसी भी तरह से आर्मी एक्ट में दखलअंदाजी नहीं कर सकती है। अगर कोई सैनिक या सेना से जुड़ा कर्मचारी या अधिकारी चाहे वो थल सेना , जल सेना या वायु सेना हो वो अपनी सेवा के दौरान ही सेना का साथ छोड़कर भाग जाता है, या फिर सेना से गद्दारी, बेईमानी करता है, तो उसके खिलाफ आईपीसी की कोई धारा लागू नहीं होगी। क्योंकि भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 5 ये ही कहती है। उस आर्मी पर्सन पर जो भी मामला दर्ज होगा वो आर्मी एक्ट (Army Act) के तहत होगा।
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मेरी मंशा ये ही है , की सभी को कानून के बारे में अच्छे से जानकारी होनी चाहिए। क्योंकि जब तक आपको कानून के बारे में जानकारी नहीं होगी तब तक आप अपने लीगल अधिकार के बारे में सही से नहीं जान पाएंगे। हमारे देश का कानून बहुत ही अच्छे तरीके से बनाया गया है। इसका आप बारीकी से अध्यन करोगे तब आपको पता चलेगा की कानून कितना सरल ओर सब को एक साथ लेकर चलने वाला है।
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) आईपीसी में टोटल 511 धाराएं हैं।
6 अक्टूबर 1860
थॉमस बबिंगटन मैकाले
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Conclusion
उम्मीद करता हूँ की कि उपरोक्त लेख से आपको पूरी जानकारी प्राप्त हुई होगी, अगर आप के मन में अब भी कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है। मुझे आंसर देने में ख़ुशी होगी।
मेरा नाम आशुतोष चौहान हैं, मैं कोर्ट-जजमेंट ब्लॉग वेबसाईट का Founder & Author हूँ। मैं पोस्ट ग्रेजुएट हूँ। मैं एक Professional blogger भी हूँ। मुझे लॉ से संबंदित आर्टिकल लिखना पसंद है।