IPC Section 46 in Hindi
आज मैं आपके लिए IPC Section 46 in Hindi की जानकारी लेकर आया हूँ, पिछली पोस्ट में हमने आपको आईपीसी (IPC) की काफी सारी धाराओं के बारे में बताया है। अगर आप उनको पढ़ना चाहते हो, तो आप पिछले पोस्ट पढ़ सकते है। अगर आपने वो पोस्ट पढ़ ली है तो, आशा करता हूँ की आपको वो सभी धाराएं समझ में आई होंगी । अब बात करते है, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 46 क्या होती है?
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 46 क्या होती है?
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 46 के अनुसार:-मॄत्यु:- “जब तक कि संदर्भ केे तत्प्रतिकूल प्रतीत न हो, मॄत्यु शब्द मानव की मॄत्यु का द्योतक है।”
As per section 46 of IPC (Indian Penal Code):-Death:- “The word “death” denotes the death of a human being unless the contrary appears from the context.”
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आईपीसी धारा 46 क्या है?
ऊपर जो IPC Section 46 की डेफिनेशन दी गयी है, वो कानूनी भाषा में दी गयी है, शायद इसको समझने में परेशानी आ रही होगी। इसलिए इसको मैं थोड़ा सिंपल भाषा का प्रयोग करके समझाने की कोशिश करता हूँ। IPC Section 46 को सरल शब्दों में समझाता हूँ।
IPC का Section 46 में यह बताया गया है, कि अगर भारतीय दंड संहिता (IPC) के अंदर किसी भी जगह पर सिर्फ “Death” शब्द लिखा है। तब उसे माना जायेगा की, इंसान की Death या आदमी या औरत या बच्चों की Death की बात हो रही है। अगर specific तरीके से लिखा हुआ है, कि किसी जानवर की “Death” फिर वह जानवर की ही “Death” मानी जाएगी। जैसे कहीं लिखा हुआ है, कि किसी चिड़िया की “Death” किसी शेर की “Death” किसी हाथी की “Death” अगर साथ में specific लिखा हुआ है, कि किसी जानवर की “Death” या कुछ साथ में लिखा हुआ है, कि हाथी की “Death” या चिड़िया की “Death” जैसे मैंने उधारण दिया। फिर वो उन्हीं की “Death” मानी जाएगी उन्हीं की मौत मानी जाएगी। लेकिन अगर केबल “Death” शब्द लिखा हुआ है। उसके साथ में और कुछ भी नहीं लिखा हुआ। फिर यह माना जाएगा की human being की “Death” की बात हो रही है, इंसान की “Death” की बात हो रही है, मानव की “Death” की बात हो रही है। IPC का Section 46 में यही बताया गया है।
उम्मीद करता हूं। आपको भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के Section 46 समझ में आ गयी होगी। मैंने इसको सिंपल शब्दों में समझाने की कोशिश की है, अगर फिर भी कोई Confusion रह गई है, तो आप कमेंट बॉक्स में क्वेश्चन कर सकते है। मुझे आंसर देने में अच्छा लगेगा।
निष्कर्ष:
मैंने IPC Section 46 in Hindi को सिंपल तरीके से समझाने की कोशिश की है। मेरी ये ही कोशिश है, की जो पुलिस की तैयारी या लॉ के स्टूडेंट है, उनको IPC की जानकारी होनी बहुत जरुरी है। ओर आम आदमी को भी कानून की जानकारी होना बहुत जरुरी है।
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मेरा नाम आशुतोष चौहान हैं, मैं कोर्ट-जजमेंट ब्लॉग वेबसाईट का Founder & Author हूँ। मैं पोस्ट ग्रेजुएट हूँ। मैं एक Professional blogger भी हूँ। मुझे लॉ से संबंदित आर्टिकल लिखना पसंद है।