IPC Section 49 in Hindi
आज मैं आपके लिए IPC Section 49 in Hindi की जानकारी लेकर आया हूँ, पिछली पोस्ट में हमने आपको आईपीसी (IPC) की काफी सारी धाराओं के बारे में बताया है। अगर आप उनको पढ़ना चाहते हो, तो आप पिछले पोस्ट पढ़ सकते है। अगर आपने वो पोस्ट पढ़ ली है तो, आशा करता हूँ की आपको वो सभी धाराएं समझ में आई होंगी । अब बात करते है, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 49 क्या होती है?
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 49 क्या होती है?
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 49 के अनुसार:-वर्ष या मास:- “जहां कहीं वर्ष शब्द या मास शब्द का प्रयोग किया गया है वहां यह समझा जाना है कि वर्ष या मास की गणना ब्रिटिश कलैंडर के अनुकूल की जानी है।”
As per section 49 of IPC (Indian Penal Code):-जलयान:- “Wherever the word “year” or the word “month” is used, it is to be understood that the year or the month is to be reckoned according to the British calendar.”
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धारा 49 क्या है?
ऊपर जो IPC Section 49 की डेफिनेशन दी गयी है, वो कानूनी भाषा में दी गयी है, शायद इसको समझने में परेशानी आ रही होगी। इसलिए इसको मैं थोड़ा सिंपल भाषा का प्रयोग करके समझाने की कोशिश करता हूँ। IPC Section 49 को सरल शब्दों में समझाता हूँ।
IPC Section 49 में ये बताया गया है, कि पूरी भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के अंदर जब भी “Year” और “Month” Word आएगा। तब यह समझा जाएगा कि, ये Year और Month British Calendar को Represent कर रहे हैं। मतलब ऐसा माना जाएगा कि British Calendar के According ही यह Year और Month माने जाएंगे। जैसे कि British Calendar में 2023 चल रहा है। और British Calendar में Year 1 January से शुरू होता है और 31 December तक चलता है। Total 12 Month होते है। इसी हिसाब से पूरी भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के अंदर Year और Month को माना जाएगा। IPC का Section 49 में यही बताया गया है।
उम्मीद करता हूं। आपको भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के Section 49 समझ में आ गयी होगी। मैंने इसको सिंपल शब्दों में समझाने की कोशिश की है, अगर फिर भी कोई Confusion रह गई है, तो आप कमेंट बॉक्स में क्वेश्चन कर सकते है। मुझे आंसर देने में अच्छा लगेगा।
निष्कर्ष:
मैंने IPC Section 49 in Hindi को सिंपल तरीके से समझाने की कोशिश की है। मेरी ये ही कोशिश है, की जो पुलिस की तैयारी या लॉ के स्टूडेंट है, उनको IPC की जानकारी होनी बहुत जरुरी है। ओर आम आदमी को भी कानून की जानकारी होना बहुत जरुरी है।
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मेरा नाम आशुतोष चौहान हैं, मैं कोर्ट-जजमेंट ब्लॉग वेबसाईट का Founder & Author हूँ। मैं पोस्ट ग्रेजुएट हूँ। मैं एक Professional blogger भी हूँ। मुझे लॉ से संबंदित आर्टिकल लिखना पसंद है।