आज मैं आपके लिए भारतीय दंड संहिता (IPC Section 6 in Hindi) की धारा 6 की जानकारी लेकर आया हूँ पिछली पोस्ट में हमने आपको आईपीसी (IPC) की धारा 5 क्या है? इनके बारे में बताया था। आशा करता हूँ की आपको समझ में आया होगा। अब बात करते है, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 6 क्या होती है?
भारतीय दंड संहिता (IPC Section 6 in Hindi) की धारा 6 क्या होती है?
“इस संहिता में सर्वत्र, अपराध की हर परिभाषा, हर दण्ड उपबंध और हर ऐसी परिभाषा या दण्ड उपबंध का हर दृष्टांत, “साधारण अपवाद शीर्षक वाले अध्याय में अन्तर्विष्ट अपवादों के अध्यधीन समझा जाएगा, चाहे उन अपवादों को ऐसी परिभाषा, दण्ड उपबंध या दृष्टांत में दुहराया न गया हो”।
“Throughout this Code every definition of an offence, every penal provision and every illustration of every such definition or penal provision, shall be understood subject to the exceptions contained in the Chapter entitled “General Exceptions”, though those exceptions are not repeated in such definition, penal provision, or illustration”.
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धारा 6 क्या होती है?
ऊपर जो IPC Section 6 की डेफिनेशन दी गयी है, वो कानूनी भाषा में दी गयी है, शायद इसको समझने में परेशानी आ रही होगी। इसलिए इसको मैं थोड़ा सिंपल भाषा का प्रयोग करके समझाने की कोशिश करता हूँ। IPC Section 6 में एक अपवाद है। आत्म रक्षा का अधिकार यदि कोई व्यक्ति अपनी आत्म रक्षा में किसी की हत्या कर देता है। उसको दंड नहीं दिया जायेगा। क्योंकि उसने अपनी आत्म रक्षा के लिए ये अपराध किया ओर ये एक अपवाद की श्रेणी में आता है। IPC Section 6 में ओर भी अपवाद है जो धारा 76 से लेकर 106 में कवर किये गए है।
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दृष्टांत
(क) अगर कोई लड़का या लड़की जिसकी आयु सात वर्ष से कम है, ओर वो कोई हत्या कर देता है। तो वो साधारण अपवाद में आ जाता है। मतलब उसको सजा नहीं मिलेगी। अगर लड़का या लड़की की आयु सात वर्ष से अधिक है तो साधारण अपवाद में नहीं आता है।
(ख) एक पुलिस ऑफिसर बिना वारण्ट के किसी अपराधी को पकड़ लेता है, उस अपराधी ने किसी की हत्या की है, उस अपराधी को सजा नहीं दी जाएगी। वो इसलिए की पुलिस ऑफिसर पकड़ने के लिए विधि द्वारा आबद्ध था। पुलिस ऑफिसर ने बिना वारण्ट के उस अपराधी को पकड़ा है। ओर इसलिए यह मामला उस साधारण अपवाद के अन्तर्गत आ जाता है।
मैंने भारतीय दंड संहिता IPC Section 6 को सिंपल तरीके से समझाने की कोशिश की है। मेरी ये ही कोशिश है, की जो पुलिस की तैयारी या लॉ के स्टूडेंट है, उनको IPC की जानकारी होनी बहुत जरुरी है। ओर आम आदमी को भी कानून की जानकारी होना बहुत जरुरी है।
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Conclusion
उम्मीद करता हूँ की कि उपरोक्त लेख से आपको पूरी जानकारी प्राप्त हुई होगी, अगर आप के मन में अब भी कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है। मुझे आंसर देने में ख़ुशी होगी।