आज मैं आपके लिए IPC Section 55 in Hindi की जानकारी लेकर आया हूँ, पिछली पोस्ट में हमने आपको आईपीसी (IPC) की काफी सारी धाराओं के बारे में बताया है। अगर आप उनको पढ़ना चाहते हो, तो आप पिछले पोस्ट पढ़ सकते है। अगर आपने वो पोस्ट पढ़ ली है तो, आशा करता हूँ की आपको वो सभी धाराएं समझ में आई होंगी।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 55 क्या होती है?
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 55 के अनुसार:-
आजीवन कारावास के दण्डादेश का लघुकरण:- “हर मामले में, जिसमें आजीवन कारावास का दण्डादेश दिया गया हो, अपराधी की सम्मति के बिना भी समुचित सरकार उस दण्ड को ऐसी अवधि के लिए, जो चौदह वर्ष से अधिक न हो, दोनों में से किसी भांति के कारावास में लघुकॄत कर सकेगी।”
As per section 55 of IPC (Indian Penal Code):-
Commutation of sentence of imprisonment for life:- “In every case in which sentence of imprisonment for life shall have been passed, the appropriate Government may, without the consent of the offender, commute the punishment for imprisonment of either description for a term not exceeding fourteen years.”
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धारा 55 क्या है?
ऊपर जो डेफिनेशन दी गयी है, वो कानूनी भाषा में दी गयी है, शायद इसको समझने में परेशानी आ रही होगी। इसलिए इसको मैं थोड़ा सिंपल भाषा का प्रयोग करके समझाने की कोशिश करता हूँ।
IPC Section 55 में यह बताया गया है, कि किसी भी केस में किसी अपराधी को उम्र कैद की सज़ा सुना दी गई है। तब सरकार उस अपराधी की मर्ज़ी के बिना उसकी सज़ा को किसी और सज़ा में तब्दील कर सकती है। उस सज़ा की अवधि चौदह साल से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए। मतलब अगर राज्य की सरकार या केंद्र की सरकार किसी अपराधी की उम्र कैद की सज़ा को कम करेगी। तब ऐसा नहीं है, कि वह किसी की उम्र कैद की सज़ा को बीस साल कर दें। इसमें यह कंडीशन दी गई है, कि अगर सरकार उम्र कैद की सज़ा को कम सज़ा में तब्दील करेगी। तो वह चौदह साल की सज़ा से ज़्यादा की सज़ा में तब्दील नहीं कर सकती। इसका मतलब होगा कि, चौदह साल या चौदह साल से कम करेगी ऐसा नहीं है, कि सोलह साल में तब्दील कर दे या बीस साल में या पच्चीस साल में तब तब्दील कर दे । चौदह साल से ज़्यादा नहीं कर सकती। दस साल या बारह साल या पांच साल वह राज्य सरकारें केंद्र सरकार पर डिपेंड करता है। उम्र कैद का मतलब होता है, प्राकृतिक मौत जब तक व्यक्ति की मृत्यु नहीं होती, तब तक वह जेल में ही रहेगा। IPC का Section 55 में यही बताया गया है।