धारा 80 क्या है? । IPC 80 in Hindi । सजा, जमानत, बचाव । उदाहरण के साथ

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IPC 80 in Hindi

आज मैं आपके लिए IPC 80 in Hindi की जानकारी लेकर आया हूँ, पिछली पोस्ट में हमने  आपको आईपीसी (IPC) की काफी सारी धाराओं के बारे में बताया है। अगर आप उनको पढ़ना चाहते हो, तो आप पिछले पोस्ट पढ़ सकते है। अगर आपने वो पोस्ट पढ़ ली है तो, आशा करता हूँ की आपको वो सभी धाराएं समझ में आई होंगी । अब बात करते है, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 80 क्या होती है?

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भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 80 क्या होती है?


IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 80 के अनुसार :-

विधिपूर्ण कार्य करने में दुर्घटना :- “कोई बात अपराध नहीं है, जो दुर्घटना या दुर्भाग्य से और किसी आपराधिक आशय या ज्ञान के बिना विधिपूर्ण प्रकार से विधिपूर्ण साधनों द्वारा और उचित सतर्कता और सावधानी के साथ विधिपूर्ण कार्य करने में हो जाती।”

दृष्टांत
क कुल्हाड़ी से काम कर रहा है, कुल्हाड़ी का फल उसमें से निकल कर उछट जाता है, और निकट खड़ा हुआ व्यक्ति उससे मारा जाता है । यहां यदि क की ओर से उचित सावधानी का कोई अभाव नहीं था तो उसका कार्य माफी योग्य है और अपराध नहीं है।


As per section 80 of IPC (Indian Penal Code) :-

Accident in doing a lawful act :- “Nothing is an offence which is done by accident or misfortune, and without any criminal intention or knowledge in the doing of a lawful act in a lawful manner by lawful means and with proper care and caution.”

Illustration
A is at work with a hatchet; the head flies off and kills a man who is standing by. Here, if there was no want of proper caution on the part of A, his act is excusable and not an offence.


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IPC  80 in Hindi – आईपीसी धारा 80 क्या है?

ऊपर जो IPC Section 80 की डेफिनेशन दी गयी है, वो कानूनी भाषा में दी गयी है, शायद इसको समझने में परेशानी आ रही होगी। इसलिए इसको मैं थोड़ा सिंपल भाषा का प्रयोग करके समझाने की कोशिश करता हूँ। IPC Section 80 को सरल शब्दों में समझाता हूँ।

IPC  80 in Hindi:- में बताया गया है, की वो व्यक्ति जो अपना काम पूरी सावधानी के साथ कर रहे हैं, फिर भी किसी के साथ दुर्घटना हो जाती है, कोई मर जाता है। तब ऐसे में उनको अपराधी नहीं माना जायेगा। इसका मैं आपको एक उदाहरण देकर समझाता हूं।

मान के चलिए, एक व्यक्ति कुल्हाड़ी से लकड़ी काट रहा है। लकड़ी काटते सम्हे कुल्हाड़ी का फल (लोहे का बना आगे का पार्ट) उसमें से निकल के उछल जाता है, और निकट खड़े दूसरे व्यक्ति को लग जाता है, और उससे उसकी मृत्यु हो जाती है। यह आपने कई बार देखा होगा, की कई बार कुल्हाड़ी का जो लोहे का पार्ट होता है। वह लकड़ी में से निकल जाता है। और ऐसे में कोई दुर्घटना हो जाती है, तब वहाँ पर किसी प्रकार का कोई दोषी नहीं होगा। आप को किसी प्रकार की सजा नहीं होगी। ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि वो व्यक्ति लकड़ी काट रहा था, वह विधि पूर्वक ठीक है। उसको अपराध नहीं माना जायेगा।

मान लीजिए, कुल्हाड़ी वाला व्यक्ति लापरवाही कर रहा था। जैसे वो कुल्हाड़ी को हवा में लह रहा रहा था। और ऐसे में कुल्हाड़ी किसी को लग जाती है, और उसकी मृत्यु हो जाती है। तब इसको अपराध माना जायेगा। क्योंकि कुल्हाड़ी वाला व्यक्ति अपना काम पूरी सावधानी से नहीं कर रहा था। वह जान बुझ कर कुल्हाड़ी को हवा में लह रहा रहा था। यही IPC Section 80 बताता है।

उम्मीद करता हूं। आपको भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के Section 80 समझ में आ गयी होगी। मैंने इसको सिंपल शब्दों में समझाने की कोशिश की है, अगर फिर भी कोई Confusion रह गई है, तो आप कमेंट बॉक्स में क्वेश्चन कर सकते है। मुझे आंसर देने में अच्छा लगेगा।

 

निष्कर्ष:

मैंने IPC  80 in Hindi को सिंपल तरीके से समझाने की कोशिश की है। मेरी ये ही कोशिश है, की जो पुलिस की तैयारी या लॉ के स्टूडेंट है, उनको IPC की जानकारी होनी बहुत जरुरी है। ओर आम आदमी को भी कानून की जानकारी होना बहुत जरुरी है।

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