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Khusnuma vs Pervez Domestic Violence Judgement

Ashutosh Chauhan by Ashutosh Chauhan
December 5, 2022
in Judgements, Domestic Violence judgement
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Domestic Violence
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प्रार्थिया श्रीमती खुशनूमा की ओर से विरूद्ध विपक्षीगण अंतर्गत धारा-१२ घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षण दिलाये जाने हेतु तथा भरण-पोषण के सम्बन्ध में अनुतोष प्राप्त करने हेतु यह प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किया गया है।

संक्षेप में प्रार्थना-पत्र का कथानक इस प्रकार है कि प्रार्थिया का निकाह विपक्षी संख्या-१ के साथ दिनांक २०-११-२०१५ को हुआ था जिसमें प्रार्थिया के पिता ने करीब १८,००,०००/-रूपये खर्च किये थे तथा दस तोला सोना व ५०० ग्राम चांदी अलग से चढाये थे। विवाह के उपरान्त विपक्षीगण प्रार्थिया के पिता द्वारा दिये गये सामान से खुश नहीं थे व अधिक दहेज के रूप में पांच लाख रूपये नकद व चार पहिये की गाड़ी की मांग करने लगे। परिवादिया के पिता ने एक बार एक लाख रूपये परिवादिया के पति की बहन की शादी के लिए दिये तथा बीस हजार रूपये परिवादिया की माता ने विपक्षी संख्या-२ को दिये। उसके बाद भी विपक्षीगण के व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आया तथा परिवादिया को तरह तरह से प्रताड़ित करने लगे। परिवादिया का पति एक शराबी, आवारा व बदमाश टाईप का व्यक्ति है जो अपने पास अवैध असलाह रखता है तथा प्रार्थिया व उसके परिवार को मारने की धमकी देता रहता है व परिवादिया के साथ जबरदस्ती गुदा मैथुन करता है। विपक्षी संख्या-३ परिवादिया पर गन्दी नजर रखता है तथा उसने रमजान से पांच दिन पूर्व प्रार्थिया के साथ जबरदस्ती बलात्कार किया जिसकी शिकायत परिवादिया ने अपने पति व अन्य विपक्षीगण से की तो उन्होंने कहा कि घर की बात है इसे समझा देंगे तथा विपक्षी संख्या-१ ने पिस्टल से परिवादिया को डराया कि अगर तूने किसी से इस बारे में कहा तो तुझे व तेरे परिवार को जान से मार देंगे। विपक्षीगण द्वारा अत्यधिक उत्पीड़न करने पर अपने पिता को फोन पर सूचना दी जिस पर उसके पिता दिनांक ०८.०७.२०१६ को उसकी ससुराल आये और विपक्षीगण को समझाया लेकिन विपक्षीगण ने बिना दहेज की मांग पूरी हुए परिवादिया को अपने पास रखने से इंकार कर दिया और परिवादिया के पिता के साथ बदतमीजी व अभद्र व्यवहार किया और परिवादिया को जबरदस्ती उसके पिता के साथ पहने हुए कपड़ों में निकाल दिया। परिवादिया का समस्त स्त्रीधन विपक्षीगण के पास है। परिवादिया के पिता दिनांक १७.०७.२०१६ को अपने साथ मौजिज व्यक्तियों को लेकर परिवादिया की ससुराल गये और विपक्षीगण को समझाया परन्तु विपक्षीगण बिना दहेज की मांग पूरी हुए परिवादिया को साथ रखने के लिए तैयार नहीं हुए। विपक्षीगण काफी अनुनय विनय करने के बाद भी परिवादिया को अपने साथ रखने को तैयार नहीं हैं। इस सम्बन्ध में परिवादिया ने जिलाधिकारी व अन्य पुलिस अधिकारियों को शिकायती प्रार्थना-पत्र दिये जिस पर महिला थाने में विपक्षीगण के विरूद्ध अभियोग दर्ज हुआ। प्रार्थिया दिनांक ०८.०७.२०१६ से अपने मायके वालों पर आश्रित होकर रह रही है तथा परिवादिया का समस्त स्त्रीधन विपक्षीगण के कब्जे में है। परिवादिया एक घरेलू महिला है, उसकी आय का कोई जरिया नहीं है और अपने मायके वालों पर बोझ बन कर रह रही है। विपक्षी संख्या-१ प्राईवेट नौकरी व अन्य इत्यादि करके ४०-५० हजार रूपये प्रति माह कमाता है परन्तु विपक्षी संख्या-१ परिवादिया को कोई धनराशि खर्चा भरण-पोषण व अन्य जरूरतों के लिए नहीं दे रहा है और न ही उसे साथ रखने को तैयार है। परिवादिया को अपने पति के कौटुम्बिक गृह में शांति पूर्ण उपयोग करने का विधिक अधिकार प्राप्त है। प्

रार्थिया द्वारा निम्न अनुतोष याचित किया गया है:-

  1. विपक्षीगण को निर्देशित किया जाय कि वह प्रार्थिया को कौटुम्बिक गृह एफ. ५८३ नन्दग्राम में एक कमरा व रसोई को शांतिपूर्ण इस्तमाल करने दें अथवा अलग रहने की स्थिति में मकान किराये के रूप में पांच हजार रूपये प्रति माह अदा करें।
  2.  विपक्षीगण से परिवादिया के कपड़े, चिकित्सा व गुजरा भत्ता हेतु दस हजार रूपये प्रतिमाह दिलाये जायें।
  3. विपक्षीगण द्वारा की गई शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना के कारण हुए क्षति के प्रतिकर स्वरूप विपक्षीगण से एक लाख रूपये एक मुश्त दिलाये जायें।
  4. विपक्षीगण को आदेशित किया जाय कि वे प्रार्थिया का समस्त स्त्री धन जो उनके कब्जे में है लौटा दें।

पूरा जजमेंट पढ़ने के लिए निचे PDF को पढ़े।

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