भारतीय न्याय संहिता 34 क्या है? – Bharatiya Nyaya Sanhita 34 in Hindi & English

Bharatiya Nyaya Sanhita 34 in Hindi – BNS 34 in Hindi प्राइवेट प्रतिरक्षा मैं की गई बातें- कोई बात अपराध नहीं है, जो प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार के प्रयोग में की जाती है। Bharatiya Nyaya Sanhita 34 in English – BNS 34 in English Things done in private defence- Nothing is an offence which is … अधिक पढ़े…

भारतीय न्याय संहिता 33 क्या है? – Bharatiya Nyaya Sanhita 33 in Hindi & English

Bharatiya Nyaya Sanhita 33 in Hindi – BNS 33 in Hindi तुच्छ अपहानि कारित करने वाला कार्य- कोई बात इस कारण से अपराध नहीं है कि उससे कोई अपहानि कारित होती है या कारित की जानी आशयित है या कारित होने की संभाव्यता ज्ञात है, यदि वह इतनी तुच्छ है कि मामूली समझ और स्वभाव … अधिक पढ़े…

भारतीय न्याय संहिता 32 क्या है? – Bharatiya Nyaya Sanhita 32 in Hindi & English

Bharatiya Nyaya Sanhita 32 in Hindi – BNS 32 in Hindi वह कार्य, जिसको करने के लिए कोई व्यक्ति धमकियों द्वारा विवश किया गया है- हत्या और मृत्यु से दंडनीय उन अपराधों को जो राज्य के विरुद्ध है, छोड़कर कोई बात अपराध नहीं है, जो ऐसे व्यक्ति द्वारा की जाए जो उसे करने के लिए … अधिक पढ़े…

भारतीय न्याय संहिता 31 क्या है? – Bharatiya Nyaya Sanhita 31 in Hindi & English

Bharatiya Nyaya Sanhita 31 in Hindi – BNS 31 in Hindi सद्भावपूर्वक दी गई संसूचना- सद्भावपूर्वक दी गई संसूचना उस अपहानि के कारण अपराध नहीं है, जो उस व्यक्ति को हो जिसे वह दी गई है, यदि वह उस व्यक्ति के फायदे के लिए दी गई हो। दृष्टांत- क, एक शल्यचिकित्सक, एक रोगी को सद्भावपूर्वक … अधिक पढ़े…

भारतीय न्याय संहिता 30 क्या है? – Bharatiya Nyaya Sanhita 30 in Hindi & English

Bharatiya Nyaya Sanhita 30 in Hindi – BNS 30 in Hindi सम्मति के बिना किसी व्यक्ति के फायदे के लिए सदभावपूर्वक किया गया कार्य- कोई बात जो किसी व्यक्ति के फायदे के लिए सद्भावपूर्वक यद्यपि, उसकी सम्मति के बिना, की गई है, ऐसी किसी अपहानि के कारण, जो उस बात से उस व्यक्ति को कारित … अधिक पढ़े…

भारतीय न्याय संहिता 29 क्या है? – Bharatiya Nyaya Sanhita 29 in Hindi & English

Bharatiya Nyaya Sanhita 29 in Hindi – BNS 29 in Hindi ऐसे कार्यों का अपवर्जन जो कारित अपहानि के बिना भी स्वतः अपराध है- धारा 21, 22 और 23 के अपवादों का विस्तार उन कार्यों पर नहीं है जो उस अपहानि के बिना भी स्वतः अपराध है जो उस व्यक्ति को, जो सम्मति देता है … अधिक पढ़े…

भारतीय न्याय संहिता 28 क्या है? – Bharatiya Nyaya Sanhita 28 in Hindi & English

Bharatiya Nyaya Sanhita 28 in Hindi – BNS 28 in Hindi सम्मति, जिसके संबंध में यह ज्ञात हो कि वह भय या भ्रम के अधीन दी गई है- कोई सम्भति ऐसी सम्मति नहीं है, जैसी इस संहिता की किसी धारा से आशयित है,- (क) यदि वह सम्मति किसी व्यक्ति ने क्षति के भय के अधीन, … अधिक पढ़े…

भारतीय न्याय संहिता 27 क्या है? – Bharatiya Nyaya Sanhita 27 in Hindi & English

Bharatiya Nyaya Sanhita 27 in Hindi – BNS 27 in Hindi संरक्षक द्वारा या उसकी सम्मति से शिशु या उन्मत व्यक्ति के फायदे के लिए सद्भावपूर्वक किया कार्य- कोई बात, जो बारह वर्ष से कम आयु के या विकृतचित्त व्यक्ति के फायदे के लिए सद्भावपूर्वक उसके संरक्षक के, या विधिपूर्ण भारसाधक किसी दूसरे व्यक्ति के … अधिक पढ़े…

भारतीय न्याय संहिता 26 क्या है? – Bharatiya Nyaya Sanhita 26 in Hindi & English

Bharatiya Nyaya Sanhita 26 in Hindi – BNS 26 in Hindi किसी व्यक्ति के फायदे के लिए सम्मति से सद्भावपूर्वक किया गया कार्य जिससे मृत्यु कारित करने का आशय नहीं है- कोई बात, जो मृत्यु कारित करने के आशय से न की गई हो, किसी ऐसी अपहानि के कारण नहीं है जो उस बात से … अधिक पढ़े…

भारतीय न्याय संहिता 25 क्या है? – Bharatiya Nyaya Sanhita 25 in Hindi & English

Bharatiya Nyaya Sanhita 25 in Hindi – BNS 25 in Hindi सम्मति से किया गया कार्य जिससे मृत्यु या घोर उपहति कारित करने का आशय न हो और न उसकी संभाव्यता का ज्ञान हो- कोई बात, जो मृत्यु या घोर उपहति कारित करने के आशय से न की गई हो और जिसके बारे में कर्ता … अधिक पढ़े…