कोर्ट में पेशी पर हाजिर न होने पर क्या होता है?

आज मै आपके लिए कोर्ट में पेशी पर हाजिर न होने पर क्या होता है? इसके लिए एक आर्टिकल लेकर आया हूँ, कि अगर कोई व्यक्ति ज़मानत के बाद कोर्ट में तारीख (पेशी) पर उपस्थित नहीं होता है। तब ऐसे में व्यक्ति के खिलाफ कोर्ट किस तरह से एक्शन ले सकती है। और जो कोर्ट एक्शन लेगी उसका बचाव क्या है। ये जानकारी आम आदमी को पता होनी चाहिए। कि अगर वह कोर्ट में पेशी पर हाजिर न होने पर क्या होता है? तब कोर्ट किस तरह के एक्शन ले सकती है?

कोर्ट में पेशी पर हाजिर न होने पर क्या होता है?
कोर्ट में पेशी पर हाजिर न होने पर क्या होता है?

अगर आप तारीख (पेशी) पर कोर्ट के समक्ष उपस्थित नहीं होते है। तो आपकी तरफ से आपका वकील उपस्थित होता है। अब वकील भी उपस्थित एक टाइम तक होगा। और फिर आपका वकील एक एप्लीकेशन मूव करता है। उस एप्लीकेशन में तबीयत खराब, शादी में गया या बाहर गया कुछ ऐसे रीज़न देता है। तब कोर्ट उस एप्लीकेशन पर विचार करके आपकी उपस्थिति माफ कर देती है। और आपके वकील को पेशी करने की अनुमति दे देती है। क्योंकि आपके वकील का वकालत नामा केस की फाइल के अंदर लगा होता है।

कोई व्यक्ति कोर्ट में पेशी पर हाजिर न होने पर क्या होता है?

अगर आप कोर्ट में काफी तारीखों (पेशी) से उपस्थित नहीं हो रहे हो । तब हर बार वकील एप्लीकेशन नहीं लगा सकता। क्योंकि कोर्ट भी लिमिटेड टाइम देगी। अगर आप लगातार दो, चार, छह पेशी पर नहीं आ रहे हो । फिर कोर्ट आप पर एक्शन ले सकती है। आपके वकील की एप्लीकेशन लेकर उसको कैंसिल कर देगी। और आपको रिलीफ नहीं देगी। कोर्ट के पास यह पावर है, कि अगर कोई व्यक्ति लगातार तारीख पर नहीं आ रहा। तब कोर्ट उसकी जमानत को रद्द करके उसकी गिरफ़्तारी का डायरेक्ट वारंट जारी कर देती है। यह हुआ कोर्ट का एक्शन। अब पुलिस के पास राइट आ गया। अब पुलिस वाले आप को गिरफ्तार कर सकते है। लेकिन आप को पता चल जाता है (किसी भी सोर्स के माध्यम से यह बात आप तक पहुंच जाती है) कि कोर्ट ने मेरी जमानत को ज़ब्त कर लिया है। कोर्ट ने मेरे वारंट जारी कर दिए है। क्योंकि मैं उपस्थित नहीं हो रहे था। ऐसे में आपको कोर्ट में उपस्थित होना चाहिए। Otherwise पुलिस आपको arrest करके कोर्ट में उपस्थित करेगी।


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अब दोनों कंडीशन में चाहे पुलिस के दुवारा या आप खुद कोर्ट में सरेंडर करते हो उसके बाद क्या होगा?

जब आप पुलिस के दुवारा या आप खुद कोर्ट में सरेंडर करते हो तब आपका वकील आपकी तरफ से जमानत का प्रार्थनापत्र पेश करेगा। और वह कारण देगा कि किन कारणों से आप इन तारीखों (पेशी) पर नहीं आ पाए थे। उन कारणों को सुनने के बाद कोर्ट आपका प्रार्थनापत्र एक्सेप्ट कर लेगा। और आपको फिर से जमानत मिल जाएगी लेकिन यंहा पर कारण उचित होने चाहिए। अगर आप काफी लंबे समय से भागे हुए हो और आपको मालूम है, कि आपके वारंट निकले हुए है। और आप कोर्ट में आने  से बच रहे हो पुलिस ने भी आपको काफी ढूंढा आप मिल नहीं रहे हो। तब ऐसी स्थिति में कोर्ट आपकी अप्लीकेशन बिलकुल खारिज भी कर सकती है। फिर आपको उप्पर की कोर्ट में अप्लाई करना पड़ता है।


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इसलिए तारीख (पेशी) पर जाना चाहिए। अगर किसी कारण आप किसी तारीख (पेशी) पर नहीं जा सकते तो आपको अपने वकील को बताना चाहिए। वो आपकी एप्लीकेशन लगा देंगे किन्तु लगातार एप्लीकेशन नहीं लगायी जा सकती। कोर्ट वारंट जारी कर सकता है।

निष्कर्ष:

मैंने कोर्ट में पेशी पर हाजिर न होने पर क्या होता है? को सिंपल तरीके से समझाने की कोशिश की है। मेरी ये ही कोशिश है, की जो पुलिस की तैयारी या लॉ के स्टूडेंट है, उनको IPC की जानकारी होनी बहुत जरुरी है। ओर आम आदमी को भी कानून की जानकारी होना बहुत जरुरी है।

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2 thoughts on “कोर्ट में पेशी पर हाजिर न होने पर क्या होता है?”

  1. Mera bhi case 2009 se chal raha ha.mai jhootha fasha diya gaya ho.samne wali party me 2 ya 3 logo ka bayan darj ho gya ha.uske baad koi bhi nahi aa raha h kafi samay se.mera case 376 506 scst ka ha.isme kiya ho skta ha

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