अभियुक्त इरफान उर्फ कल्लन के विरूद्ध मुकदमा अपराध संख्या- ९५/२०११ धारा-४९८ए,३२३,५०४,५०६ भा०दं०्सं० व ३/४ दहेज प्रतिषेध अधिनियम थाना गलशहीद जिला मुरादाबाद की पुलिस द्वारा विचारण हेतु आरोप पत्र प्रेषित किया गया है।
वादिनी द्वारा पुलिस उप महानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुरादाबाद को तहरीर इस कथन के साथ दर्ज करायी गयी है कि:-
प्रार्थीनी का निकाह २८ सितम्बर२०१० को अपनी मर्जी से इरफान उर्फ कल्लन पुत्र इकराम निवासी प्रिंस रोड,डा० अजय जैन का चौराहा थाना गलशहीद हाल निवासी प्रिंस रोड सैनियों वाली गली थाना गलशहीद,मुरादाबाद के साथ प्रेम प्रसंग में हुआ था। प्रार्थिनी को इरफान उर्फ कल्लन अपने साथ ले गया था प्रार्थिनी अपने साथ चार तोले सोने के जेबरात एवं ४०,०००/-रूपये नकद अपने बालिद के इरफान के घर से ले गयी थी। इरफान ने सोने के जेबरात व नकद ४०,०००/-रूपये अपने कब्जे में कर लिया। प्रार्थिनी प्रेम में अन्धी थी और उसके साथ बतौर पत्नी रहने लगी। लेकिन कुछ समय बाद ही प्रार्थीनी को पता चला कि प्रार्थिनी का शौहर व सास फरजाना व देवर इमरान उर्फ राजा बाबू व ननद शमा उर्फ छोटी व तैयया ससुर शकील निवासी प्रिंस रोड,डा० अजय जैन का चौराहा थाना गलशहीद मुरादाबाद दहेज न मिलने के कारण खुश नहीं है और दहेज के सवाल को लेकर प्रार्थिनी के साथ जालिमाना सलूक करके और मारपीट करके रोटी कपड़े से परेशान रखते है और यह मांग भी करते है कि तू अपने बालिद से दहेज की रकम मु० एक लाख रूपया लाकर दे वरना हम तुझे नही रखेंगे एवं तुझे इरफान से छुड़ाकर उसकी दूसरी जगह शादी वहां से करेंगे जहां से हमें ज्यादा दहेज मिलेगा। प्रार्थीनी को उसका शौहर कचहरी ले जाकर सादे कागजो व स्टाम्प आदि पर प्रार्थिनी के हस्ताक्षर कराये थे।
दिनांक ०२-०२-११ को समय करीब ८ बजे प्रार्थिनी व प्रार्थनी के शौहर इरफान उर्फ कल्लन व सास फरजाना व देवर इमरान उर्फ राजा बाबू व ननद शमा उर्फ छोटी व तैयया ससुर शकील ने एकराय मशवरा होकर दहेज की रकम मु० एक लाख रूपये की मांग को लेकर मारपीट करके सिर्फ पहने हुए कपड़ों में घर से निकाल दिया और यह धमकी दी कि अगर तू बिना उक्त मांग को पूरी कराये इस घर में वापिस आयी तो तुझे जिन्दा जला देंगे। शोर पर बहुत से लोग आ गये। प्रार्थिनी रोती पीटती अपने मायके आ गयी डर की वजह से थाने नहीं गयी, क्योंकि यह लोग असरदार किस्म के लोग है प्रार्थिनी ने मजबूर होकर दिनांक ०३-२-११ को एक प्रार्थना पत्र श्रीमान डी०आई०जी० महोदय मुरादाबाद को दिया जिस पर प्रार्थनी को पुलिस थाना गलशहीद ने थाना गलशहीद में तीन घंटे बिठाये रखा तथा बराबर प्रार्थिनी को फैसला करने को दबाव देते रहे तथा गन्दी-२ गालियां दी और कहा कि अगर तू अपने शौहर से फैसला नहीं करेगी तो उलटे तुझे हम बंद कर देंगे।
प्रार्थिनि का शौहर पहले से शादीशुदा है तथा उसने प्रार्थिनी के साथ धोखा करके प्रार्थनी को बहला फुसलाकर उससे शादी करके प्रार्थिनी की जिन्दगी खराब कर दी है और अब बिना किसी माकूल वजह से प्रार्थनी को छोड़ने की फिक्र में है तथा पुलिस थाना गलशहीद बराबर उसे सहयोग कर रही है। प्रार्थनी मजबूर होकर आपसे इंसाफ की गुहार करती है। अतः आपसे मेरी प्रार्थना है कि उक्त मामले में प्रार्थनी की रिपोर्ट उसके शौहर,सास,देवर व ननद उपरोक्त के विरूद्ध दर्ज कराकर कानूनी कार्यवाही किये जाने एवं प्रार्थनी की जान व माल की सुरक्षा हेतु उचित आदेश पारित किया जावे।
वादिनी के उक्त प्रार्थना पत्र के आधार पर मुकदमा अपराध संख्या- ९५/२०११ धारा-४९८ए, ३२३, ५०४, ५०६ भा०दंण्सं० व ३/४ दहेज प्रतिषेध अधिनियम का पंजीकृत हुआ।
विवेचनोपरान्त विवेचक द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध उक्त धारा के अपराध के विचारण हेतु आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया है।
अभियुक्त उपस्थित आया उसने अपनी जमानत करायी, तत्पश्चात अभियुक्त के विरूद्ध धारा-४९८ए, ३२३,५०४,५०६ भा०दं०सं० व ३/४ दहेज प्रतिषेध अधिनियम का आरोप लगाया गया जिससे अभियुक्त ने इन्कार किया तथा परीक्षण की मांग की।
अभियोजन पक्ष की ओर से साक्षीगण पी०डब्लू०१ श्रीमती गुलशन, पी० डब्लू०२ अल्ताफ हुसैन,पी०डब्लू० ३ खजान सिंह तथा पी०डब्लू०४ एस०आई० हिन्दवीर सिंह को परीक्षित कराया गया है।
अभियोजन की ओर से प्रलेखीय साक्ष्य में तहरीर प्रदर्श क-१, चिक एफ० आई०आर० प्रदर्श क-२, जी०डी० प्रदर्श क-३, नक्शा नजरी घटना स्थल प्रदर्श क-४ तथा आरोप पत्र प्रदर्श क-५ पत्रावली पर दाखिल किये गये है।
अभियुक्त का बयान अन््तगर्त धारा-३१३ दं०प्र०सं० लेखबद्ध किया गया जिसमें अभियुक्त द्वारा इन्कार करते हुये सफाई साक्ष्य का अवसर नहीं चाहा गया।
मैंने विद्वान सहायक अभियोजन अधिकारी व अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का सम्यक अवलोकन किया।
अभियोजन की तरफ से जो साक्षीगण पेश किये गये हैं उसमें पी०डब्लू० १ श्रीमती गुलशन वादिनी/प्रथम सूचना रिपोर्टकर्ता है ने अपनी मुख्य परीक्षा साक्ष्य में कहा है कि वर्ष २०१० की घटना है। इरफान उर्फ कल्लन पुत्र इकराम जो मेरे मौहल्ले का और दूर का रिश्तेदार था, उसका मेरे घर आना जाना था। उससे मेरा प्रेम सम्बन्ध हो गया। दिनांक २९-९-१० को मैने इरफान के साथ शादी कर ली। मैंने अपने बालिद के घर से चार तोले सोने के जेबरात व चालीस हजार रूपये नकद ले गयी थी। मै अपने पति के साथ उसके घर रहने लगी,ससुराल जाकर पता चला कि इरफान पहले से ही शादीशुदा है और उसके बच्चे हैं।
कुछ दिनों के बाद मेरा शौहर इरफान, सास फरजाना, देवर इमरान उर्फ राजाबाबू, ननद शमा तथा तहेरे ससुर शकील ने मुझसे दहेज की मांग शुरू कर दी तथा दहेज में एक लाख रूपये मांगने लगी, तथा तरह-तरह की यातनायें व प्रताड़ना शुरू कर दी। इन लोगों का व्यवहार भी बदल गया। इनके घर वालों ने कहा कि हम इरफान की शादी दूसरी जगह फिर करेंगे जो हमें दहेज में रूपये देगा। इसी बीच मेरे शौहर ने कचहरी ले जाकर मुझसे सादे कागज पर दस्तखत करवाये। दिनाक ०२-२-११ की रात के करीब ८ बजे उपरोक्त सभी लोगों ने इकटठा होकर एक लाख रूपये की मांग की और लात, घूसों से मारा पीटा तथा गालियां देते हुये कहा कि हमारे घर से निकल जा। अगर बिना पैसे लिये घर आयी तो जिन्दा जला देंगे। मेरे शोर पर बहुत से लोग आ गये तब मेरी जान बची। मजबूर होकर मैं अपने मायके आ गयी, अपने मां-बाप को सारी बात बतायी। मेरी ससुराल के लोग दबंग किस्म के हैं और थाने पर मेरी रिपोर्ट नहीं लिखी।