Kavita vs Gourav Domestic Violence Judgement

प्रार्थिया श्रीमती कविता की ओर से विरूद्ध विपक्षीगण अंतर्गत धारा-12 घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम के तहत, धारा 18 के अधीन संरक्षण आदेश, धारा-19 के अधीन निवास हेतु आदेश, धारा-20 के अधीन आर्थिक अनुतोष तथा धारा-22 के अधीन प्रतिकर दिलाये जाने हेतु, यह प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किया गया है।

संक्षेप में प्रार्थना-पत्र का कथानक इस प्रकार है कि प्रार्थिया का विवाह विपक्षी संख्या-4 के साथ हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार दिनांक 18-11-2011 को हुआ था जिसमें प्रार्थिया के माता पिता व उसके घर वालों ने अपनी हैसियत से अधिक दान-दहेज, जेवरात व इण्डिका कार देते हुए लगभग 30 लाख रूपये खर्च किये थे। शादी के बाद जब प्रार्थिया अपनी ससुराल गयी तो विपक्षीगण दिये गये दान दहेज से संतुष्ट नहीं हुए तथा अतिरिक्त दहेज की मांग करने लगे तथा उसे तरह-तरह उत्पीड़ित करने लगे उसके साथ मारपीट करने लगे तथा उसे भूखा रखने लगे। वैवाहिक सम्बन्धों के चलते प्रार्थिया ने दिनांक 02-10-2013 को एक पुत्री कु० प्रकृति को जन्म दिया। प्रार्थिया का पति गौरव शराब पीता है तथा गलत चाल-चलन के बारे में दूसरी लड़िकयों के फोटो प्रार्थिया को दिखाता है, उनसे उसके अवैध सम्बन्ध हैं। विरोध करने पर प्रार्थिया को जान से मारने की धमकी देता है। दिनांक 20-09-2015 को प्रार्थिय की सास व पति ने प्रार्थिया को बहुत मारा पीटा तथा वीयर को दवा बता कर उसमें कुछ मिला कर जबरदस्ती पिलाया, जिससे प्रार्थिया बहुत अधिक बीमार हो गयी। मोहल्ले वालों ने प्रार्थिया के भाई व मां को फोन पर सूचना दी तो प्रार्थिया के मां व भाई उसे निर्जीव हालत में लेकर आये व फोरटीज आस्पिटल नोएडा में भर्ती कराया।

अब विपक्षीगण द्वारा प्रार्थया को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। प्रार्थिया की पुत्री को अस्पताल से जबरदस्ती उठा कर ले गये। प्रार्थिया अपनी पढ़ाई के लिए एयर लाइंस में कोचिंग कर रही थी वहां भी विपक्षी गौरव शराब पीकर उसकी बेइज्जती करता था व जान से मारने की धमकी देता था जिसके डर से प्रार्थिया की कोचिंग भी बंद करा दी। विपक्षीगण ने प्रार्थिया का समस्त स्त्रीधन व सामान अपने कब्जे में कर रखा है तथा उसका दुरूपयोग करके खुर्दबुर्द कर रहे हैं। प्रार्थिया अपने मायके वालों पर दिनांक 20-09-2015 से बोझ बन कर रह रही है जिसकी कोई खैर खबर विपक्षीगण ने आज तक नहीं ली है तथा न ही कोई खर्चा भरण-पोषण दिया है व प्रार्थिया की पुत्री को जबरदस्ती अपने कब्जे में रखा हुआ ह । प्रार्थिया घरेलू महिला है जो घरेलू कार्य के अलावा अन्य कोई कार्य नहीं जानती है। उसकी आय का कोई साधन नहीं है। विपक्षी गौरव सेमसंग कम्पनी में साफ्टवेयर का कार्य करता है जिससे उसको पचास हजार रूपये माहवार की आय होती है तथा उसके पास अपना स्वयं का मकान है। इस प्रकार विपक्षी के पास आय का पर्याप्त साधन है।

प्रार्थिया द्वारा निम्न अनुतोष याचित किया गया है:-

  1. अधिनियम की धारा-18 के अधीन संरक्षण आदेश पारित करते हुए विपक्षीगण को घरेलू हिंसा कारित करने से रोका जाय तथा प्रार्थिया के स्त्रीधन /सामान को प्रयोग करने से रोका जायें।
  2. अधिनियम की धारा-17 व 19 के अधीन प्रार्थिया के निवास किराये का संदाय करने हेतु आदेश पारित किया जायें।
  3. अधिनियम की धारा-20 के अधीन सम्पत्ति का नाश एवं हटाये जाने के कारण हुई हानि के लिए 2,00,000/-रूपये देने के लिए विपक्षीगण को आदेशित किया जाय तथा भरण-पोषण, चिकित्सीय खर्चे, दैनिक खर्चे, कपड़े इत्यादि के लिए मु० 35,000/- रूपये प्रतिमाह विपक्षीगण से दिलाये जायें।
  4. अधिनियम की धारा-22 के अधीन विपक्षीगण द्वारा कारित घरेलू हिंसा के कारण हुई क्षति की प्रतिपूर्ति हेतु 5,00,000/-रूपये दिलाये जायें।
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विपक्षीगण की आपत्ति निम्नवत है:-

प्रार्थना-पत्र के पैरा- 1 में शादी की दिनांक व शादी के स्थान को छोड़ कर शेष तथ्य असत्य बताते हुए कथन किया है कि प्रार्थिया गुटका, नशे की गोलियां व शराब आदि की आदी है व नशे की गोली की खुराक ज्यादा लेने के कारण बेहोश हो गयी थी तब विपक्षीगण ने ही उसे अस्पताल में भर्ती कराया था। विपक्षी संख्या-1 जब भी प्रार्थिया से मिलने उसके मायके जाता है तो उसे खर्चे के लिए पैसे देकर आता है। विपक्षी संख्या-1 अपने पिता के साथ मकान में रहता है। प्रार्थिया के साथ किसी प्रकार की कोई हिंसा कारित नहीं हुयी है व झूंठा प्रार्थना-पत्र दिया गया है तथा प्रार्थिया कोई अनुतोष पाने की अधिकारी नहीं है।

प्रार्थिया अपना सामार एक कमरे में बंद करके ताला लगा कर उसकी चाबी अपने साथ लेकर मायके गयी है। प्रार्थिया कानून की आड लेकर विपक्षीगण का शारीरिक, मानसिक, आर्थिक व सामाजिक शोषण कर रही है। परिवादिया अपना समस्त स्त्रीधन, आभूषण अपने साथ ले गयी है। परिवादिया के नियंत्रण में से न तो कोई सम्पत्ति हटायी गयी है, न ही नष्ट की गयी है और न ही प्रार्थिया का किसी प्रकार को कोई नुकसान हुआ है। प्रार्थिया एयर होस्टेस जैसे महत्वपूर्ण पद की ट्रेनिंग शुदा उच्च शिक्षा प्राप्त महिला है जो अपना खर्च वहन करने में पूर्ण रूप से सक्षम है। विपक्षीगण द्वारा प्रार्थिया से कभी भी दहेज की मांग नहीं की गयी और न ही कोई उत्पीड़न किया गया है।

विशेष कथन के रूप में कथन किया गया है कि जिस इण्डिका कार को दहेज में देने का वर्णन किया गया है वह टैक्सी है जो परिवादिनी के पिता टीका राम की है जिसे वादिनी के भाई चलाते हैं। वादिनी का तीस लाख रूपये खर्च करने का कथन पूर्ण रूप से झूंठ का पुलिंदा मात्र है। विपक्षज्ञी संख्या-1 सैमसंग कम्पनी में सोफ्टवेयर का कार्य करता है। बाकी सम्पूर्ण कथन असत्य व झूंठ हैं। प्रार्थिया आधुनिक विचारों वाली महिला है जो अपने पति, सास व ससुर को सम्मान देने में अपनी बेइज्जती मानती है व तदतमीजी से पेश आती है।

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वादिनी ने दिनांक 02-0-2013 पुत्री कु० प्रकृति को जन्म दिया। बाकी समस्त कथन मनगडंत कहानी है, सच्चाई यह है कि विपक्षीगण ने वादिनी से कभी दहेज की मांग नही की व न ही मारपीट की बल्कि विपक्षी संख्या- 1 ने उसे बतौर पत्नी प्यार से रखा उसे पढाया तथा उसका खर्चा वहन किया। विपक्षी संख्या-1 का किसी अन्य लडकी/ महिला से मिलना जुलना नहीं रहा है और न ही कोई गलत सम्बन्ध हैं। विपक्षी संख्या-1 ने कभी भी वादिनी को जान से मारने की धमकी नहीं दी। वादिया ने दिनांक 20-09-2015 को चोरी छिपे वीयर पी व नशे की गोलियां खायी जिससे वह बेहोश हो गयी तो विपक्षी संख्या-1 उसे अस्पताल ले गया तथा इलाज कराया जिसका खर्च विपक्षी ने वहन किया। वादिनी का कोई सामान विपक्षीगण के पास नहीं है। विपक्षी संख्या-1 भिन्न-भिन्न कम्पनियों में नौकरी कर अपने परिवार का पालन पोषण मुश्किल से कर रहा है तथा उसकी पचास हजार रूपये प्रतिमाह की कोई आय नही है। काफी समझाने बुझाने के बाबजूद भी प्रार्थिया आने को तैयार नहीं है तथा मजबूरन विपक्षीगण ने धारा-9 हिंदू विवाह अधिनियम को वाद दायर किया हुआ है….

पूरा जजमेंट पढ़ने के लिए निचे PDF को पढ़े।

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