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Home Legal

कोर्ट का नोटिस आने में कितना समय लगता है?

Ashutosh Chauhan by Ashutosh Chauhan
January 18, 2023
in Legal
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कोर्ट का नोटिस आने में कितना समय लगता है?
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कोर्ट का नोटिस आने में कितना समय लगता है?

सबसे पहले हमे नोटिस के बारे में जान लेना चाहिए की नोटिस क्या होता है। जब किसी भी पर्सन (इसमें कोई भी हो सकता है जैसे महिला ,पुरुष , लड़का या लड़की कोई भी) के ऊपर कोर्ट में वाद दाखिल होता है , तो कोर्ट के दुबारा नोटिस भेजा जाता है की आप के ऊपर वाद दाखिल हुआ है आप इस डेट को कोर्ट में उपस्थित होकर अपनी बात को रखे उस नोटिस में डेट लिखी होती है। अब माँ आपको निचे बतऊँगा की कोर्ट का नोटिस आने में कितना समय लगता है? इससे पहले हम जान लेते है की नोटिस कितने प्रकार के होते है।


Also Read – 498a judgement in favour of husband


How long does it take for the court notice to arrive?

सम्भवता: नोटिस दो प्रकार के होते है पहला नोटिस कोर्ट के दुबारा दूसरा नोटिस वकील के दुबारा भेजा जाता है। दोनों नोटिस में काफी अंतर होता है। क्योंकि कोर्ट के दुबारा जो नोटिस आता उसमे समय लगता है ओर वकील के दुबारा नोटिस में कम समय लगता है।

कोर्ट का नोटिस आने में कितना समय लगता है?

कोर्ट के दुबारा नोटिस: कोर्ट से नोटिस आने में समय इसलिए जायदा लगता है। क्योंकि पहले वाद दाखिल होता है उस वाद पर बहस होती है की क्या वाकई में ये आरोप अभियुक्त पर लगाए जा सकते है इन आरोपों में अभियुक्त शामिल था या अभियुक्त दुबारा ये घटना की गयी है। इसमें जज को प्रथम द्रस्टी से देखना होता है। अगर जज साहब को लगता है तब अभियुक्त को नोटिस भेजा जाता है। ओर ये नोटिस रजिस्टर्ड डाक दुबारा भेजा जाता है या कुछ केस में पुलिस के दुबारा भी जाता है। इसलिए इसमें कितना समय लगता ये कह पाना मुश्किल है। लेकिन जज साहब ने नोटिस का आर्डर दे दिया है ओर ये रजिस्टर्ड डाक दुबारा आ रहा है तो 1 सप्ता के अंदर आ जाता है।

वकील के दुबारा नोटिस: वकील के दुबारा नोटिस भेजा गया है तो वो डिपेंड करता है की नोटिस स्पीड पोस्ट दुबारा भेजा गया है , या नार्मल पोस्ट दुबारा भेजा गया है। अगर स्पीड पोस्ट दुबारा भेजा गया है, तो 1 से 3 दिन में आ जाता है। अगर नार्मल पोस्ट दुबारा भेजा गया है , तो 1 सप्ता के अंदर आ जाता है।


Also Read – How to Fight False IPC 406?


वैवाहिक मामलों में भेजे जाने वाले लीगल नोटिस में कितना समय लगता है ?

वैवाहिक मामलों में भेजे जाने वाला नोटिस भी वकील या कोर्ट दुबारा भेजा जाता है। वैवाहिक मामलों में पति पत्नी के बीच वैवाहिक विवाद होने के कारण तलाक , सेक्शन 9, 498a , भरण पोषण, 406 IPC जैसे मामले बनते है। इसमें पक्षकार लीगल नोटिस वकील के दुवारा या केस फाइल करके कोर्ट दुबारा नोटिस भेजे जाते है। वकील दुबारा भेजा गया नोटिस में अधिकांश डराने के लिए भेजा जाता है , की मेरे चैम्बर में आओ और इस मसले को बैठ कर सुलझाओ इसमें समय भी लिखा होता की इतने दिन के बाद मेरा क्लाइंट आप पर लीगल कारवाई कर सकता है। अगर  पक्षकार कोर्ट में या पुलिस में कंप्लेंट दर्ज कर देता है तब नोटिस कोर्ट के दुबारा आता है। वैवाहिक मामलों में भेजे जाने वाले लीगल नोटिस में समय की बात करे तो वो मैंने ऊपर ही बता दिया इसमें भी इतना ही समय लगता है।

लीगल नोटिस क्यों दिया जाता है?

लीगल नोटिस सामने वाली पार्टी को अवगत कराने के लिए भेजा जाता है। की वो सामने वाली पार्टी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करना का इरादा रखते है।

कोर्ट का नोटिस नहीं मिलने पर क्या होता है?

यदि आपके पास नोटिस नहीं आया है। तो आप को घबराने की जरुरत नहीं है। क्योंकि आप फिर खुल के कोर्ट में बता सकते है की मुझे नोटिस ही नहीं मिला।

नोटिस और समन में क्या अंतर है?

जब पीड़ित व्यक्ति कोई मुकदमा दायर करता है। तब न्यालय द्वारा प्रतिवादी को एक लीगल नोटिस जारी करता है। उसी लीगल नोटिस को समन भी बोलते है।

Conclusion

आशा करता हूँ की मेरे दुबारा दी हुई जानकारी आपको अच्छे से समझ में आयी होगी। अगर आपकी कोई भी क्वेरी या वेबसाइट पर अपलोड हुए जजमेंट को PDF में चाहते है तो आप हमसे ईमेल के दुबारा संपर्क कर सकते है। आपको contact पेज पर Email ID ओर Contact फॉर्म मिलेगा आप कांटेक्ट फॉर्म भी fill करके हमसे बात कर सकते है।

Tags: How long does it take for the court notice to arrive?कोर्ट का नोटिस आने में कितना समय लगता है?
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