IPC 377 in Hindi- धारा 377 क्या है?- सजा, जमानत, बचाव- उदाहरण के साथ

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दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम चर्चा करने वाले हैं, IPC 377 in Hindi यानी भारतीय दंड संहिता की धारा 377 क्या है? धारा 377 में अप्राकृतिक सेक्स (Unnatural Sex) के बारे में बताया गया है। अप्राकृतिक सेक्स का मतलब है, कि उन दो इंसानों के बीच में सेक्स हो रहा है, लेकिन उस जगह पर सेक्स हो रहा है, जो सेक्स के लिए नहीं बनी है। और उन दो नसल के बीच में सेक्स हो रहा है, जो आपस में सैम नहीं है। वो दोनों नसले अलग अलग हैं। अगर उनके बीच में सेक्स हो रहा है, तब उसको अप्राकृतिक सेक्स कहा जाएगा या फिर सैम जेंडर है, और उन दोनों के बीच में सेक्स हो रहा है, जो हो ही नहीं सकता फिर भी जबरदस्ती हो रहा है, तो वो भी क्या हो जाएगा? अप्राकृतिक सेक्स हो जाएगा। अगर ऐसा कोई करता है, तो IPC की धारा 377 के तहत वो मुजरिम हो जाएगा। तो चलिए इसको बिस्तार से बताते है।

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भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 377 क्या होती है?


IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 377 के अनुसार:-

प्रकृति विरुद्ध अपराध :- धारा 377 – “जो कोई किसी पुरुष, स्त्री या जीवजन्तु के साथ प्रकृति की व्यवस्था के विरुद्ध स्वेच्छया इन्द्रिय भोग करेगा, वह आजीवन कारावास से या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।”

स्पष्टीकरण :- इस धारा में वर्णित अपराध के लिए आवश्यक इन्द्रिय भोग गठित करने के लिए प्रवेशन पर्याप्त है।


As per section 377 of IPC (Indian Penal Code) :-

Unnatural offences :- “Whoever voluntarily has carnal inter­course against the order of nature with any man, woman or animal, shall be punished with 1[imprisonment for life], or with impris­onment of either description for a term which may extend to ten years, and shall also be liable to fine.”

Explanation :- Penetration is sufficient to constitute the carnal intercourse necessary to the offence described in this section.

 


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IPC  377 in Hindi – आईपीसी की धारा  377 क्या है?

ऊपर जो IPC Section 377 की डेफिनेशन दी गयी है, वो कानूनी भाषा में दी गयी है, शायद इसको समझने में परेशानी आ रही होगी। इसलिए इसको मैं थोड़ा सिंपल भाषा का प्रयोग करके समझाने की कोशिश करता हूँ। IPC Section 377 को सरल शब्दों में समझाता हूँ।

एक बिहार का साठ साल का आदमी था वो एक कुत्ते के साथ सेक्स कर रहा था। ये दोनों सैम नसल नहीं हुई एक इंसान की नसल एक जानवर की नसल फिर भी कुत्ते के साथ वो जबरदस्ती सेक्स कर रहा था। तभी घर की बहु ने इसका वीडियो बना लिया और पुलिस को बुला लिया। IPC की धारा 377 के तहत अपने ससुर के ऊपर मुकदमा दर्ज करवा दिया। यह एक रियल केस था।

इसी तरह राजस्थान के अंदर दो लड़कों ने एक बकरी का गैंग रेप किया था। ये मामला भी आप Google पर सर्च कर सकते है, आपको मिल जाएगा। एक इंसान नसल है और एक जानवर की नसल है। यहां पर इन दोनों के बीच में सेक्स करने की अनुमति भगवान भी नहीं देता। लेकिन इंसान अपनी हवस मिटाने के लिए पता नहीं क्या क्या करता है। अब यह जानवर बेचारा बोल के नहीं बता सकता कि मेरा शोषण हो रहा है। मेरे साथ गलत हो रहा है। लेकिन IPC की धारा 377 के अंदर इसकी सज़ा है।

अगर दो लड़को यानी सैम जेंडर के बीच सेक्स होता है, तो क्या IPC की धारा 377 लगेगी?

अगर दो लड़को यानी सैम जेंडर के बीच सेक्स होता है, तो यह भी अप्राकृतिक सेक्स (Unnatural Sex) माना जायेगा। क्योंकि इन दोनों के बीच में सेक्स हो ही नहीं सकता। जो जगह सेक्स के लिए बनी है, वो तो लड़कों के पास होती ही नहीं है। किन्तु दोनों लड़को ने सेक्स आपसी सहमति से किया है, तब इसको अपराध नहीं माना जायेगा। क्योंकि दोनों लड़को की सेक्स करने में आपसी सहमति थी। अगर लड़के ने दूसरे लड़के के साथ जबरदस्ती सेक्स किया है, तो तब IPC की धारा 377 लगेगी।

अगर दो लड़की यानी सैम जेंडर के बीच सेक्स होता है, तो क्या IPC की धारा 377 लगेगी?

दो लड़की यानी सैम जेंडर के बीच सेक्स नहीं हो सकता। ये भी अप्राकृतिक सेक्स (Unnatural Sex) माना जायेगा। अगर दोनों लड़की की आपसी सहमति न हो तो IPC की धारा 377 लगेगी। अगर दोनों लड़की की आपसी सहमति से सेक्स हुआ है, तो IPC की धारा 377 नहीं लगेगी। क्योंकि अगर दोनों लड़की ही बोल देती है, की हमने अपनी मर्जी से सेक्स किया है, आपको क्या प्रॉब्लम है? अब इसमें कोर्ट या पुलिस क्या करेगी? आप ही सोच कर मुझे कमेंट में बताओ?

क्या पत्नी अपने पति पर IPC Section 377 लगा सकती है?

अभी हमने ऊपर सैम जेंडर की बात की थी। लेकिन अब पति और पत्नी ये अलग अलग जेंडर हो गए। और यह जोड़ी भी ऊपर से वनके आई है। इनके बीच में सेक्स भी होता है। फिर भी पत्नी पति के ऊपर IPC Section 377 लगा सकती है। काफी केस ऐसे भी कोर्ट में आते है, जिसमे पत्नी अपने पति पर IPC की धारा 377 में कंप्लेंट दर्ज कराती है। हरियाणा के झज्जर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पत्नी ने पति के ऊपर अप्राकृतिक सेक्स का आरोप लगाया। अब आप कहेंगे की, यह तो पति पत्नी है, ये कैसे हुआ? क्योंकि इस पति ने अपनी पत्नी के साथ उस जगह पर सेक्स किया जो जगह सेक्स के लिए नहीं बनी है। उसको अप्राकृतिक सेक्स बोलते है।

IPC की धारा 377 का पति पत्नी के मामले में मिस यूज़ भी बहुत हो रहा है। आपने अक्सर देखा या सुना होगा की पत्नी ने पति पर 498a केस में एक ओर धारा जोड़ने के लिए या अपने केस को खतरनाक बनाने के लिए धारा 377 भी ऐड करवा देती है, की मेरे पति ने मेरे साथ जबरदस्ती अप्राकृतिक सम्बन्ध बनाये है। जो की बाद में झूठे साबित होते है।

अगर कोई लड़का किसी लड़के से शादी करना चाहे तो कर सकता है। अगर कोई लड़की किसी लड़की से शादी करना चाहे तो कर सकती है। भारत का संविधान उसको ये राइट देता है, कि कोई लड़की किसी लड़की से शादी कर सकती है। और कोई लड़का लड़के से भी शादी कर सकता है। अगर वह अपनी मर्ज़ी से कुछ भी करे कोई दिक्कत नहीं। पति पत्नी अपनी मर्ज़ी से कुछ भी करे कोई दिक्कत नहीं। लेकिन ज़बरदस्ती करे और उस जगह पर सेक्स करें जो जगह सेक्स के लिए बनी ही नहीं है, तो ये अप्राकृतिक सेक्स माना जायेगा।

आईपीसी धारा 377 में सज़ा और जमानत – IPC Dhara 377 Punishment

अपराध सज़ा संज्ञेय जमानत विचारणीय समझौता
अप्राकृतिक अपराध आजीवन कारावास या 10 वर्ष का कारावास + आर्थिक दण्ड संज्ञेय गैर जमानतीय प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है। (Non Compoundable)

उम्मीद करता हूं, आपको भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 377 (IPC 377 in Hindi) समझ में आ गयी होगी। मैंने इसको सिंपल शब्दों में समझाने की कोशिश की है, अगर फिर भी कोई Confusion रह गई है, तो आप कमेंट बॉक्स में क्वेश्चन कर सकते है। मुझे आंसर देने में अच्छा लगेगा।

उन दो इंसानों के बीच में सेक्स हो रहा है, लेकिन उस जगह पर सेक्स हो रहा है, जो सेक्स के लिए नहीं बनी है। और उन दो नसल के बीच में सेक्स हो रहा है, जो आपस में सैम नहीं है। वो दोनों नसले अलग अलग हैं। या फिर सैम जेंडर है, और उन दोनों के बीच में सेक्स हो रहा है, जो हो ही नहीं सकता फिर भी जबरदस्ती हो रहा है। अगर उनके बीच में सेक्स हो रहा है, तब उसको अप्राकृतिक सेक्स कहा जाएगा। तब ये धारा 377 लगेगी।

जी हाँ बिल्कुल लगा सकती है। अगर पति पत्नी की इच्छा के विरुद्ध अप्राकृतिक सेक्स करता है, तो पत्नी पति पर धारा 377 में कंप्लेंट कर सकती है।

भारतीय दंड संहिता की धारा 377 एकमात्र ऐसी धारा है। जो अप्राकृतिक दुष्कर्म के लिए बनी है । जोकि अप्राकृतिक सेक्स (Unnatural Sex) के बारे में बात करती है।

आजीवन कारावास या 10 वर्ष का कारावास + आर्थिक दण्ड

आईपीसी की धारा 377 एक गैर जमानतीय अपराध है। इसमें जमानत मिलना कठिन हो जाता है। अगर आप पर झूठा आरोप लगाया गया है, तो आपको जमानत मिलने में आसानी हो जाएगी।

निष्कर्ष:

मैंने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 377 (IPC 377 in Hindi) को सिंपल तरीके से समझाने की कोशिश की है। मेरी ये ही कोशिश है, की जो पुलिस की तैयारी या लॉ के स्टूडेंट है, उनको IPC की जानकारी होनी बहुत जरुरी है। ओर आम आदमी को भी कानून की जानकारी होना बहुत जरुरी है।

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