घरेलू हिंसा (Domestic Violence in Hindi) अधिनियम 2005 क्या है ?
जब कोई परिवार का पुरुष महिला के साथ मारपीट या क्रूरता करता है। तो वो घरेलू हिंसा के आधीन आता है, लेकिन ये सच नहीं है सिर्फ मारपीट या क्रूरता ही नहीं, बल्कि ओर भी अत्याचार ऐसे होते है जो आपको साधारण लगते हो, लेकिन वो भी घरेलू हिंसा (Domestic Violence in Hindi) में आते है।
हाल में आई NCRB की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना के दौरान घरेलू हिंसा के मामलों में काफी इजाफा हुआ है, ओर भारत में बहुत से महिलाए इसके बारे में जानती ही नहीं ओर वो घर के अंदर घरेलू हिंसा का शिकार होती रहती है। इनमे से कुछ एसी महिलाए भी है, जो इस कानून को अच्छे से जानती भी है पर घरेलू हिंसा को सहन करती रहती है। ताकि उनका घर न टूटे पर अत्याचार सहना भी एक अपराध है।
घर में होने वाली हिंसा को घरेलू हिंसा कहते है कोई भी महिला जिसको शारीरिक, मानसिक, लैंगिक, आर्थिक, शाब्दिक या उसकी भावनाओ के साथ खिलवार्ड किया गया हो या उसके साथ गंदे शब्दों का इस्तमाल किया गया हो वो सब घरेलू हिंसा के अंतर्गत आते है।
घरेलू हिंसा (Domestic Violence Act Hindi) कितने प्रकार की होती है ?
- शारीरिक: मार-पीट करना, शरीर के किसी अंग को नुकसान पहुंचना, किसी भी प्रकार की शारीरिक चोट पहुंचना।
- मानसिक: चरित्र, आचरण पर दोष, अपमानित, लड़का न होने पर प्रताड़ित, नौकरी छोड़ने या करने के लिए दबाव, आत्महत्या का डर देना,घर से बाहर निकाल देना, किसी भी प्रकार की मानसिक चोट पहुंचना।
- लैंगिक: बलात्कार, जबरदस्ती संबंध बनाना, जबरदस्ती अश्लील सामग्री दिखाना ,अपमानित लैंगिक व्यवहार।
- आर्थिक: दहेज़ की मांग, सम्पति की मांग, पत्नी व बच्चे के खर्च के लिए आर्थिक सहायता न देना ,रोजगार न करने देना या मुश्किल पैदा करना ,आय-वेतन आपसे ले लेना, संपत्ति से बेदखल करना किसी भी प्रकार की आर्थिक चोट पहुंचना।
- शाब्दिक: गाली-गलोच, अपमानित।
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घरेलु हिंसा का केस कौन कर सकता है ?
परिवार में कोई भी महिला जिसके ऊपर घरेलु हिंसा हुई हो।
आपके खिलाफ झूठी घरेलू हिंसा का मामला दर्ज किया जाता है तो कैसे बचे ?
सबसे पहले ये बताना चाहूंगा की इस कानून का उपयोग पुरुष नहीं कर सकते है। ये कानून केबल महिलाओ के लिए बना है ओर काफी बार देखा गया है की पत्नी इस कानून का फायदा भी उठाती है (मै सभी पत्नी की बात नहीं कर रहा हूँ ) वो अपने पति से पैसा ओर उसको हैरेसमेंट करने के लिए झूठी कंप्लेंट दर्ज करा देती है। अक्सर देखा गया है पत्नी 498a , 125 CRPC , Domestic Violence एक साथ लगा देती है। ओर पति का नीचा दिखाने ओर पैसा ऐठने के लिए करती है।
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बचाव कैसे करे ?
- सबसे पहले आपके पास जितने भी सबूत हो उसको इकठ्ठा कीजिए जैसे धमकी देने की रिकॉर्डिंग, चैट, ईमेल इत्यादि।
- पत्नी की कंप्लेंट को ध्यान से पढ़े ओर उसके झूठ को पकडे।
- आमतौर पर देखा जाता है पत्नी 498a कंप्लेंट भी साथ में दर्ज करती है उस कमप्लेंट को भी ध्यान से पढ़े क्योंकि झूठे केस में झूठ ही होता है।
- पत्नी दवारा पुलिस के समक्ष बयान या कोर्ट के समक्ष बयान दिए है उन सबको ध्यान से पढ़े कंही न कंही त्रुटि बयान में मिलेगी।
- आपका मकसद केबल ये ही रहना चाहिए की जज के सामने झूठ लाया जाये।
- आपको ये ही भी साबित करना होगा की पत्नी अपनी मर्जी से पति का परित्याग किये हुए है।
पर्सनली एक बात बताना चाहूंगा बहुत से पति ऐसे होते है। जिनको कानूनी ज्ञान की कमी होती है ओर वो वकील पर निर्भर होते है जैसा वकील साब बोलते है वैसे ही पति करता रहता है। केस आपका वकील ही लड़ेंगे लेकिन आपको भी ज्ञान होना जरुरी है। ये आपकी लड़ाई है इसको आपसे बेहतर कोई ओर नहीं जानता। इसलिए इंसाफ के लिए आपको भी महेनत करनी होगी। मैंने बहुत से डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के हिंदी में जजमेंट ऐड किये है। आपको उनको जरूर पढ़ना चाहिए ।
Domestic Violence Judgement in hindi (जजमेंट)
Domestic Violence Allahabad High Court के जजमेंट पढ़ने के लिए यंहा क्लिक करे।
घरेलू हिंसा करना सही नहीं है क्योंकि पति पत्नी के बीच इतनी दूरिया आ जाती है की वो पुरानी बातो को जल्दी से नहीं भूल पाते ओर समाज में उनकी इज़्ज़त भी चली जाती है।
प्रतिवादी द्वारा कोर्ट के संरक्षण आदेश या अंतरिम संरक्षण आदेश का उल्लंघन करना इस अधिनियम के तहत एक अपराध माना जायेगा। इसमें एक वर्ष तक की सजा या जुर्माना लगाया जा सकता है, या दोनों लग सकते है।
शारीरिक, मानसिक, लैंगिक, आर्थिक, शाब्दिक
Domestic Violence
घरेलू हिंसा (Domestic Violence), 125 CRPC (भरण-पोषण), 498a